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झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का पूर्व मंत्री ने किया विरोध, कहा- हेमंत सरकार ला रही काला कानून - झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020

विपक्ष ने झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का विरोध किया है. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में शामिल होने से पहले पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि यह बिल गरीबों की जमीन लूटने वाला बिल है.

ex minister amar bauri opposed jharkhand land mutation 2020 bill
झारखंड विधानसभा
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Published : Sep 18, 2020, 1:26 PM IST

रांचीः झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का पूर्व भू-राजस्व और भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी ने विरोध किया है. उन्होंने झारखंड में जमीन लूटने का मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है. उन्होंनेे कहा कि इस बिल से हेमंत सरकार की मंशा साफ होती है.

अमर बाउरी, पूर्व मंत्री
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है. झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. पूर्व भू-राजस्व और भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी ने झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का विरोध करते हुए कहा कि यह हेमंत सरकार का काला कानून है. जिस तरह से सरकार के मंसूबे का पर्दाफाश हो रहा है, उससे यह साबित होता है कि सरकार के भीतरखाने में हलचल मची हुई है. सहयोगी दल खुद उहापोह की स्थिति में हैं कि क्या करें क्या ना करें.वहीं उन्होंने कहा कि यह सरकार जो बिल लेकर आई है, वह जमीन लूटने का काम करेगी. यह बिल सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन है और सीएनटी एसपीटी एक्ट के मूल अधिकार का हनन है. विपक्ष इस बिल का पुरजोर विरोध करेगा और गरीब दलितों के अधिकार के लिए लड़ने का काम करेगा.

मुख्यमंत्री पर जमीन लूट के विषय पर लगे आरोप पर अमर कुमार बाउरी ने कहा कि इस मामले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट आ चुकी है और वहां जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के हाथों में ही है. 6 महीने पहले इस मामले पर कार्रवाई हो जानी थी लेकिन आज 6 महीने बीत जाने के बाद भी उस पर किसी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. क्योंकि यह पूरा मामला विभागीय कार्यवाही का है और वह विभागीय मुख्यमंत्री के हाथ में है. उन्हीं के हाथ में जांच रिपोर्ट भी है. ऐसे में इसका रिजल्ट क्या होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 इसी लूट का एक आगाज है.

रांचीः झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का पूर्व भू-राजस्व और भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी ने विरोध किया है. उन्होंने झारखंड में जमीन लूटने का मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है. उन्होंनेे कहा कि इस बिल से हेमंत सरकार की मंशा साफ होती है.

अमर बाउरी, पूर्व मंत्री
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है. झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. पूर्व भू-राजस्व और भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी ने झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का विरोध करते हुए कहा कि यह हेमंत सरकार का काला कानून है. जिस तरह से सरकार के मंसूबे का पर्दाफाश हो रहा है, उससे यह साबित होता है कि सरकार के भीतरखाने में हलचल मची हुई है. सहयोगी दल खुद उहापोह की स्थिति में हैं कि क्या करें क्या ना करें.वहीं उन्होंने कहा कि यह सरकार जो बिल लेकर आई है, वह जमीन लूटने का काम करेगी. यह बिल सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन है और सीएनटी एसपीटी एक्ट के मूल अधिकार का हनन है. विपक्ष इस बिल का पुरजोर विरोध करेगा और गरीब दलितों के अधिकार के लिए लड़ने का काम करेगा.

मुख्यमंत्री पर जमीन लूट के विषय पर लगे आरोप पर अमर कुमार बाउरी ने कहा कि इस मामले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट आ चुकी है और वहां जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के हाथों में ही है. 6 महीने पहले इस मामले पर कार्रवाई हो जानी थी लेकिन आज 6 महीने बीत जाने के बाद भी उस पर किसी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. क्योंकि यह पूरा मामला विभागीय कार्यवाही का है और वह विभागीय मुख्यमंत्री के हाथ में है. उन्हीं के हाथ में जांच रिपोर्ट भी है. ऐसे में इसका रिजल्ट क्या होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 इसी लूट का एक आगाज है.

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