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रघुवर अपना राज बचाने में होंगे कामयाब या सरयू की लहर में डूबो देगी जनता, जमशेदपुर पूर्वी सीट पर दो धुरंधर आमने-सामने

झारखंड में 30 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है, लेकिन पूरे राज्य की नजर जमशेदपुर पूर्वी सीट पर टिकी है, जहां दूसरे चरण के तहत 7 दिसंबर को वोटिंग होनी है. इसकी वजह है बीजेपी के वरिष्ठ नेता सरयू राय जिन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही घर में घुसकर चुनौती दे डाली है.

जमशेदपुर पूर्वी सीट
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Published : Nov 20, 2019, 7:10 PM IST

रांची: जमशेदपुर पश्चिमी से सीटिंग विधायक और रघुवर कैबिनेट में मंत्री रहे सरयू राय ने पार्टी की टिकट के लिए अंतिम समय तक इंतजार किया और जब उन्हें समझ में आ गया कि पार्टी उनको टिकट देने के मूड में नहीं है. लिहाजा, उन्होंने अलग राह पकड़ ली. सरयू राय के इस स्टैंड से पूरा विपक्ष गदगद है. यानी विपक्ष के लिए सरकार को घेरना आसान हो गया है.

वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश की राय

अब सवाल है कि आखिर जमशेदपुर पूर्वी इलाके में क्या होने वाला है. क्या सरयू राय इतने स्ट्रांग लीडर हैं कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनौती दे पाएंगे. अगर सरयू राय जीत गए तो रघुवर दास की राजनीति कितनी प्रभावित होगी. सवाल यह भी है कि अगर रघुवर दास ने पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा अंतर से सरयू राय को मात दे दी तो फिर उनके राजनीतिक कद में कितना इजाफा होगा. क्या रघुवर दास को भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है. इन तमाम सवालों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश से चर्चा की हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने.

वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश की राय

रांची: जमशेदपुर पश्चिमी से सीटिंग विधायक और रघुवर कैबिनेट में मंत्री रहे सरयू राय ने पार्टी की टिकट के लिए अंतिम समय तक इंतजार किया और जब उन्हें समझ में आ गया कि पार्टी उनको टिकट देने के मूड में नहीं है. लिहाजा, उन्होंने अलग राह पकड़ ली. सरयू राय के इस स्टैंड से पूरा विपक्ष गदगद है. यानी विपक्ष के लिए सरकार को घेरना आसान हो गया है.

वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश की राय

अब सवाल है कि आखिर जमशेदपुर पूर्वी इलाके में क्या होने वाला है. क्या सरयू राय इतने स्ट्रांग लीडर हैं कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनौती दे पाएंगे. अगर सरयू राय जीत गए तो रघुवर दास की राजनीति कितनी प्रभावित होगी. सवाल यह भी है कि अगर रघुवर दास ने पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा अंतर से सरयू राय को मात दे दी तो फिर उनके राजनीतिक कद में कितना इजाफा होगा. क्या रघुवर दास को भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है. इन तमाम सवालों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश से चर्चा की हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने.

वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश की राय
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रांची: झारखंड में 30 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है, लेकिन पूरे राज्य की नजर जमशेदपुर पूर्वी सीट पर टिकी है, जहां दूसरे चरण के तहत 7 दिसंबर को वोटिंग होनी है. इसकी वजह है बीजेपी के वरिष्ठ नेता सरयू राय जिन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही घर में घुसकर चुनौती दे डाली है. 

जमशेदपुर पश्चिमी से सीटिंग विधायक और रघुवर कैबिनेट में मंत्री रहे सरयू राय ने पार्टी की टिकट के लिए अंतिम समय पर इंतजार किया और जब उन्हें समझ में आ गया कि पार्टी उनको टिकट देने के मूड में नहीं है. लिहाजा, उन्होंने अलग राह पकड़ ली. सरयू राय के इस स्टैंड से पूरा विपक्ष गदगद है. यानी विपक्ष के लिए सरकार को घेरना आसान हो गया है. 

अब सवाल है कि आखिर जमशेदपुर पूर्वी इलाके में क्या होने वाला है. क्या सरयू राय इतने स्ट्रांग लिडर हैं कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनौती दे पाएंगे. अगर सरयू राय जीत गए तो रघुवर दास की राजनीति कितनी प्रभावित होगी. सवाल यह भी है कि अगर रघुवर दास ने पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा अंतर से सरयू राय को मात दे दी तो फिर उनके राजनीतिक कद में कितना इजाफा होगा. क्या रघुवर दास को भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है. इन तमाम सवालों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश से चर्चा की हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने.


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