रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य के सरकारी स्कूलों में नामांकन प्रभावित हुआ है. नामांकन की प्रक्रिया शुरू तो की गई, लेकिन अब तक सौ फीसदी भी नामांकन प्राथमिक स्कूलों से लेकर उच्च विद्यालयों में भी नहीं हो सका है. इसे लेकर राज्य शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से तमाम शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिया गया है.
कोरोना महामारी के कारण पठन-पाठन पर काफी प्रभाव पड़ा है निजी स्कूलों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में व्यापक स्तर पर इसका प्रभाव पड़ा है. निजी स्कूल तो किसी तरह ऑनलाइन तरीके से अपना काम निपटा ले रहे हैं, लेकिन सरकारी स्कूल लाख कोशिशों के बावजूद भी पठन पाठन के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी फिसड्डी ही साबित हो रही हैं. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य के सरकारी स्कूलों में नामांकन प्रभावित हुआ है. स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया तो शुरू हुई लेकिन सौ फीसदी नामांकन अब तक नहीं हो सका है. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों से नामांकन की रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा ई-विद्या वाहिनी पोर्टल पर स्कूलवार और क्लासवार बच्चों के नाम अपलोड करने का निर्देश भी दिया गया है.
टेक्निकल काम से जुड़े टेक्नीशियन को सौंपे जाएंगे कार्य
शैक्षणिक सत्र 2020-21 में नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों के नाम ई-वाहिनी पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे. जानकारी मिल रही है कि जिन स्कूलों में आईसीटी लैब नहीं है. वहां काम प्रखंड स्तर पर भी पूरा होगा. टेक्निकल परेशानियों के कारण प्रखंड स्तर पर पदाधिकारी पहुंचेंगे और बच्चों का नाम अपलोड करेंगे. जिला और प्रखंड स्तर के सभी कंप्यूटर ऑपरेटर डाटा एंट्री ऑपरेटर, अकाउंटेंट प्रखंड के एमआईएस को-ऑर्डिनेटर को इस काम के लिए लगाया जाएगा.
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31 अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य
वहीं, स्कूलों के बंद होने के शर्त पर आईसीटी इंस्ट्रक्टर प्रखंड साधन सेवी और स्कूल साधन सेवी को भी डाटा एंट्री के इस काम में लगाया जाएगा. इस पर सहमति बनी है हर हाल में 31 अगस्त तक इस काम को पूरा करने का निर्देश राज्य शिक्षा परियोजना परिषद ने तमाम जिला शिक्षा अधीक्षकों और पदाधिकारियों को दी है.
शिक्षा सचिव ने लिया है संज्ञान
जानकारी के मुताबिक अब तक स्कूलों में नामांकन नहीं होने की वजह से स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने चिंता व्यक्त किया है. इसके साथ ही इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर विभाग के पदाधिकारियों को विभागीय सचिव द्वारा भी विशेष दिशा-निर्देश दिया गया है. इसी के तहत राज्य शिक्षा परियोजना परिषद ने तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को मामले को लेकर गंभीरता दिखाने की बात कही है.