रांची: चुनाव के दौरान निर्वाचन व्यय के बारे में राजनीतिक दलों को जानकारी देने के मकसद से रविवार को एक बैठक बुलाई गई है. इस बारे में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने बताया कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दल या अभ्यर्थी जानकारी के अभाव में अपने निर्वाचन व्यय का अकाउंट सही तरीके से नहीं मेंटेन कर पाते हैं, जबकि पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव एक्ट, 1951 और अन्य नियमों के तहत निर्वाचन व्यय का सही तरीके से मेंटेन करना जरूरी है.
विनय कुमार चौबे ने बताया कि इसी बारे में राजनीतिक दलों के साथ रविवार की शाम 4 बजे बैठक बुलाई गई है. बैठक में निर्वाचन व्यय को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा तय किए गए प्रावधानों की डिटेल इंफॉर्मेशन सभी दलों के प्रतिनिधियों को दी जाएगी. इससे चुनाव प्रचार के दौरान होने वाले व्यय का पूरा डिटेल सही तरीके से वह मेंटेन कर पाएंगे.
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बता दें कि चुनाव के दौरान व्यय पर नजर रखने के मकसद से आयोग की टीम पूरी तरह से सक्रिय है. प्रावधानों के तहत अभ्यर्थी के द्वारा चुनाव में अधिकतम 28 लाख रुपए खर्च किए जा सकते हैं. इसके साथ ही एक व्यक्ति को नकद में 10 हजार रुपए से अधिक नहीं दिए जा सकते हैं. नामांकन के पहले अभ्यर्थी को अपने नाम से या एक ज्वाइंट अकाउंट इलेक्शन के खर्चों के लिए खुलवाना पड़ेगा.