रांचीः मनरेगा घोटाला मामले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले को लेकर ईडी की छानबीन का दायरा बढ़ता जा रहा है. ईडी ने कई ठेकेदारों को नोटिस भेजा (ED sent notice to contractors)है. ईडी ने पल्स अस्पताल बनाने वाले ठेकदारों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है.
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ठेकेदारों को भेजा गया नोटिसः राज्य सरकार की निलंबित सचिव पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के खिलाफ चार्जशीट किए जाने के बाद ईडी अब पल्स अस्पताल में मनी लाउंड्रिंग की राशि के निवेश के पहलूओं पर जांच में रेस है. ईडी को संदेह है कि मनरेगा घोटाले से अर्जित संपत्ति का निवेश अस्पताल के निर्माण में किया गया है. इसके लिए अस्पताल निर्माण करने वाले ठेकेदारों को बड़े पैमाने पर नगदी दी गई, बदले में उनसे काम कराए गए और छोटा इन्वेस्टमेंट दिखाया गया.
प्रारंभिक जांच में ईडी ने पल्स अस्पताल के निर्माण में ही 80 करोड़ से अधिक के खर्च का अनुमान जताया था. जबकि इसके निर्माण के लिए महज 20 करोड़ का लोन लिया गया था. ईडी ने यहां उपयोग में लाई जा रही मशीनों की कीमत और निर्माण के खर्चों का भी असेसमेंट किया था. इसके बाद इस मामले में अब नए सिरे से अलग अलग काम करने वाले ठेकेदारों को नोटिस भेजा गया (ED sent notice to contractors)है.
पल्स अस्पताल में ब्लैक मनी का इस्तेमालः ईडी की जांच में पता चला है कि पूजा सिंघल और उनके पति के स्वामित्व वाले पल्स अस्पताल की जमीन और बिल्डिंग की कीमत करीब 40 करोड़ रुपए है. इसके अलावा अस्पताल में लगे प्लांट एंड मशीनरी की कीमत करीब 30 करोड़ रुपए है. लेकिन इसकी तुलना में अस्पताल का वैल्यूएशन बहुत कम दिखाया गया है. लिहाजा, अस्पताल की आड़ में मनी लाउंड्रिंग हुई है.
पल्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के निर्माण में पूजा सिंघल की अहम भूमिका थी. इस दौरान भारी भरकम नगदी का इस्तेमाल होता था. इसी आधार पर ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के सेक्शन 19(1) के तहत पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था. सबसे खास बात इस अभियान के दौरान कई ऐसे दस्तावेज ईडी के हाथ लगे हैं जो कई सफेदपोश के लिए मुसीबत खड़े कर सकते हैं. दस्तावेजों को खंगाल कर ईडी उन सफेदपोशों तक पहुंचने की तैयारी कर रही है, जो इस पूरे प्रकरण में भागीदार रहे हैं.