रांचीः खूंटी जिला के मनरेगा में करोड़ों के गड़बड़ी की जांच के मामले में ईडी और एसीबी ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में जवाब दायर किया है. ईडी ने अपने जवाब के माध्यम से अदालत को बताया है कि ईडी ने आरोपी राम विनोद सिन्हा का बयान दर्ज किया है.
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जिसमें आरोपी ने यह माना है कि डीसी ऑफिस को मैनेज करने के लिए 10 प्रतिशत की राशि दी जाती थी. आरोपी अभी जेल में है. इस मामले में एसीबी की ओर से अदालत में जवाब के माध्यम से बताया है कि एसीबी ने जांच बंद कर दी है.
पूर्व में झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई थी. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार, ईडी और एसीबी को जवाब पेश करने को कहा था. हाई कोर्ट ने एसीबी को अपने जवाब में यह बताने को कहा था कि जांच की क्या स्थिति है. ईडी को भी मामले की अद्यतन जांच की स्थिति पेश करने का निर्देश दिया गया था. हाई कोर्ट के उसी आदेश के आलोक में अदालत में जवाब पेश किया गया है.
याचिकाकर्ता अरुण कुमार दुबे ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर खूंटी के तत्कालीन डीसी के खिलाफ मनरेगा में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी. मामले में तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया था. उनकी संलिप्तता की जांच की मांग की गई थी. उसी मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को जवाब पेश करने को कहा था.