रांची: वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रसार के रोकथाम के लिए पूरे रांची जिले में लॉकडाउन जारी है. इस दौरान पूरे जिले में केवल आवश्यक सामग्रियों की दुकानों का संचालन करने की अनुमति है. ऐसे में रविवार को एसडीओ सदर के निर्देश पर प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम के द्वारा पूरे रांची के विभिन्न हिस्सों में दवाई दुकानों का निरीक्षण किया गया.
लॉकडाउन के दौरान ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही थी कि शराब की दुकानें बंद होने के कारण कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दवाई दुकानों से कॉरेक्स लेकर उसका सेवन नशीले पदार्थ के तौर पर किया जा रहा है. इस पर संज्ञान लेते हुए सदर एसडीओ लोकेश मिश्रा ने मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति कर पुलिस बल के साथ शहर की दवाई दुकानों के निरीक्षण का निर्देश दिया. जिस पर टीम ने शहर के विभिन्न हिस्सों में दवाई दुकानों का निरीक्षण किया. इस दौरान संचालक से दुकान में मौजूद दवाइयों का स्टॉक रजिस्टर मांगा गया. इसके साथ ही इसके आधार पर दुकान में उपलब्ध संबंधित दवाईयों का मिलान कर जांच की गई. इसके साथ ही स्टोर के रशीद पंजी सहित सिर्फ प्रेस्क्रिप्शन के आधार पर दवाइयों को उपलब्ध करवाया जा रहा है या नहीं. इस संबंध में जरूरी कागजातों की भी जांच की गई.
ये भी पढ़ें- 17 मई तक झारखंड में लागू रहेगा पहले की तरह लॉकडाउन, नहीं मिलेगी कोई रियायत: हेमंत सोरेन
जांच के दौरान अधिकारियों ने सभी दवा विक्रेताओं को इस संबंध में सख्त हिदायत भी दी कि बिना डॉक्टर के लिखित प्रेस्क्रिप्शन किसी को भी दवाई उपलब्ध न करवाई जाए. ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर न केवल उनकी दुकान सील की जा सकती है, बल्कि सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. एसडीओ लोकेश ने बताया कि कुछ जगहों से शराब का सेवन करने वाले लोगों द्वारा दवाई के रूप में बिकने वाले कॉरेक्स का सेवन नशीले पदार्थ के तौर पर किया जा रहा है. यह न सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि इससे जान की भी क्षति हो सकती है. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान किसी प्रकार की संबंधित अनियमितता नहीं मिली है. यह जांच अभियान अभी लगातार जारी रहेगा, उन्होंने दवा विक्रेताओं से अनुरोध है और सख्त हिदायत दी है कि बिना डॉक्टर के लिखित पर्चे के किसी भी व्यक्ति को कोई ऐसी दवा उपलब्ध न करवाई जाए. जिसका गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.