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डॉ. आरएस कुरील बने BAU का प्रभारी कुलपति, डॉ. परविंदर कौशल का इस्तीफा स्वीकार - Birsa Agricultural University

बीएयू के कुलपति डॉ परविंदर कौशल का 8 जुलाई को इस्तीफा मंजूर किया किया गया. डॉ आरएस कुरील बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति नियुक्त किया गया.

डॉ. आरएस कुरील, प्रभारी कुलपति, BAU
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Published : Jul 9, 2019, 6:09 PM IST

रांची: डॉ आरएस कुरील बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति बनाये गए हैं. इसे लेकर मंगलवार को राजभवन और सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. राजभवन ने फरवरी 2017 से कार्यरत बीएयू के कुलपति डॉ परविंदर कौशल का इस्तीफा 8 जुलाई के प्रभाव से स्वीकार कर लिया. डॉ कौशल हिमाचल प्रदेश स्थित डॉ वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किये गए हैं.

बीएयू में निदेशक प्रसार शिक्षा के रूप में फरवरी 2019 से कार्यरत डॉ कुरील वर्ष 2010 से 2013 तक नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या और 2013 से 2017 तक डॉ भीम राव अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, इंदौर के कुलपति रह चुके हैं. सितम्बर 2017 से फरवरी 2019 तक वे भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, दिल्ली में निदेशक के रूप में कार्यरत रहे. डॉ कुरील ने एमएससी तथा उद्यान विज्ञान में पीएचडी की है. इसके अलावा व्यवसाय प्रबंधन इनाम राजनीति विज्ञान में भी मास्टर डिग्री ले रखी है.

ये भी पढे़ं- गिरिडीह में मासूम बच्ची पर टूटा कुत्तों का कहर, जख्मी होकर पहुंची अस्पताल

नई शिक्षा नीति में डॉ कुरील का महत्वपूर्ण योगदान

डॉ कुरील भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के सदस्य भी रहे हैं. जहां इनके योगदान की सराहना विभागीय सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने की. इन्होंने शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य में बदलाव के लिए और आधुनिक ज्ञान से युक्त समाज की वैश्विक जरूरतों की पूर्ति के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु को शामिल किया गया है. जिसमें इस महीने के अंत तक आवश्यक संशोधन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही राजभवन में नई शिक्षा नीति के बारे में एक प्रस्तुतीकरण देंगे.

रांची: डॉ आरएस कुरील बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति बनाये गए हैं. इसे लेकर मंगलवार को राजभवन और सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. राजभवन ने फरवरी 2017 से कार्यरत बीएयू के कुलपति डॉ परविंदर कौशल का इस्तीफा 8 जुलाई के प्रभाव से स्वीकार कर लिया. डॉ कौशल हिमाचल प्रदेश स्थित डॉ वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किये गए हैं.

बीएयू में निदेशक प्रसार शिक्षा के रूप में फरवरी 2019 से कार्यरत डॉ कुरील वर्ष 2010 से 2013 तक नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या और 2013 से 2017 तक डॉ भीम राव अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, इंदौर के कुलपति रह चुके हैं. सितम्बर 2017 से फरवरी 2019 तक वे भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, दिल्ली में निदेशक के रूप में कार्यरत रहे. डॉ कुरील ने एमएससी तथा उद्यान विज्ञान में पीएचडी की है. इसके अलावा व्यवसाय प्रबंधन इनाम राजनीति विज्ञान में भी मास्टर डिग्री ले रखी है.

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नई शिक्षा नीति में डॉ कुरील का महत्वपूर्ण योगदान

डॉ कुरील भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के सदस्य भी रहे हैं. जहां इनके योगदान की सराहना विभागीय सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने की. इन्होंने शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य में बदलाव के लिए और आधुनिक ज्ञान से युक्त समाज की वैश्विक जरूरतों की पूर्ति के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु को शामिल किया गया है. जिसमें इस महीने के अंत तक आवश्यक संशोधन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही राजभवन में नई शिक्षा नीति के बारे में एक प्रस्तुतीकरण देंगे.

Intro: डॉ आर एस कुरील बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति बनाये गए

रांची


डॉ आर एस कुरील बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति बनाये गए हैं I इस सम्बन्ध में आज राजभवन सचिवालय द्वारा अधिसूचना जारी की गयी I राजभवन ने फरवरी, 2017 से कार्यरत बीएयू के कुलपति डॉ परविंदर कौशल का इस्तीफ़ा 8 जुलाई के प्रभाव से स्वीकार कर लिया I डॉ कौशल सोलन, हिमाचल प्रदेश स्थित डॉ वाई एस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किये गए हैं I

बीएयू में निदेशक प्रसार शिक्षा के रूप में फरवरी, 2019 से कार्यरत डॉ कुरील वर्ष 2010 से 2013 तक नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या तथा 2013 से 2017 तक डॉ भीम राव अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, इंदौर के कुलपति रह चुके हैं I सितम्बर, 2017 से फरवरी, 2019 तक वे भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, दिल्ली में निदेशक के रूप में कार्यरत रहे I डॉ कुरील सस्य विज्ञान में एम एससी तथा उद्यान विज्ञान में पीएचडी हैं I इसके अलावा व्यवसाय प्रबंधन इनाम राजनीति विज्ञान में भी मास्टर डिग्री ले रखी है I
Body:नयी शिक्षा नीति में डॉ कुरील का महत्वपूर्ण योगदान

डॉ कुरील भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नयी शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के सदस्य भी रहे, जहाँ इनके योगदान की भूरी-भूरी सराहना विभागीय सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने की I इन्होंने शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य में बदलाव के लिए तथा आधुनिक ज्ञान से युक्त समाज की वैश्विक जरूरतों की पूर्ति हेतु युवाओं की फौज तैयार करने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु नयी शिक्षा नीति के मसौदे में शामिल कराया है, जिसमें इस माह के अंत तक आवश्यक संशोधन किया जा सकता है I उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही राजभवन में नयी शिक्षा नीति के बारे में एक प्रस्तुतीकरण देंगे I

Conclusion:कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित

भारत रत्न बाबा साहेब के सपनों और आदर्शों के अनुरूप अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के सामजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास तथा राष्ट्र निर्माण में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए स्थापित डॉ भीम राव अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, इंदौर देश का पहला सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय है जो पहले एक राष्ट्रीय संस्थान के रूप में कार्यरत था, जहाँ डॉ कुरील की प्रारंभिक नियुक्ति महानिदेशक के रूप में हुई थी I यहाँ का संस्थापक कुलपति रहते हुए डॉ कुरील ने मध्यप्रदेश के 22 जिलों में 1100 एकड़ में सामजिक विज्ञान केंद्र स्थापित किया जहाँ गृह विज्ञान, विधि, सामजिक विज्ञान, ग्रामीण विकास, कौशल विकास जैसे विषयों में 10 वैज्ञानिक नियुक्त किये गए I इन केन्द्रों का उद्देश्य कमजोर वर्गों एवं महिलाओं पर अत्याचार रोकना तथा उनका क्षमता विकास एवं सशक्तिकरण था I सामाजिक-धार्मिक सद्भाव की स्थापना, नागरिक एवं मानव अधिकारों की रक्षा, पर्यावरण संरक्षण, कृषि विकास, जल एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण तथा राष्ट्र निर्माण के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास भी इन केन्द्रों का उद्देश्य है I
प्रभार ग्रहण करने के बाद कुलपति ने विश्वविद्यालय परिसर में बिरसा भगवान् की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा कहा कि वे पूर्व कुलपति डॉ कौशल के अच्छे कार्यों को जारी रखेंगे तथा उसे और बढ़ने का प्रयास करेंगे I उन्होंने प्रबंध पार्षद कक्ष में विश्वविद्यालय के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की और सबों से मिलजुलकर विश्वविद्यालय को आगे बढाने की अपील की I


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