रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने शनिवार को कहा है कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न राज्यों को करीब 8000 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसमें झारखंड को भी लगभग 227 करोड़ मिले हैं, जो नाकाफी हैं.
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डॉ. रामेश्वर उरांव ने कांग्रेस भवन के कंट्रोल रूम में कहा कि उच्चतम न्यायालय और हाई कोर्ट की ओर से भी कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार के रवैये पर लगातार कई टिप्पणियां की जा रहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वो खुद कोरोना वैक्सीन खरीद कर राज्य सरकारों को क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है. कम से कम अदालत के आदेश के बाद तो सरकार को सजग होना चाहिए. झारखंड समेत अन्य राज्यों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए.
उन्होंने बताया कि आज से देशभर में 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए भी टीकाकरण शुरू होना था, लेकिन झारखंड में नहीं शुरू हो पाया क्योंकि टीका बनाने वाली कंपनियों ने 15 मई के पहले टीका उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से वैक्सीन के लिए कंपनियों को राशि भी दे दी गई है. इसके बावजूद वैक्सीन नहीं मिल पाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, जबकि केंद्र सरकार को चाहिए था कि पूरे देश में फ्री वैक्सीन देना सुनिश्चित करे. उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को प्रोडक्शन बढ़ाना चाहिए. भाजपा नेताओं को भी चाहिए कि वह केंद्र सरकार और इन कंपनियों की तरफदारी छोड़कर जनता की आवाज को उठाए.
उन्होंने भाजपा सांसदों और नेताओं को यह भी सुझाव दिया कि वो केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं, जिससे जल्द से जल्द वैक्सीन झारखंड को मिल सके. डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि अभी कोरोना संक्रमण के कारण कई सख्ती बढ़ाई गई है. ऐसे में राज्य सरकार के रिसोर्स पर भी असर पड़ेगा. राजस्व में कमी की समस्या से भी झारखंड जैसे राज्यों को जूझना पड़ रहा है. इसलिए केंद्र सरकार से विशेष ध्यान देने का आग्रह है.