रांची: झारखंड सरकार की कार्यशैली पर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन अब झारखंड सरकार में कार्यरत डॉक्टर भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने लगे हैं. पिछले दिनों देवघर में डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया. इस घटना के विरोध में राज्य भर के डॉक्टरों ने आपत्ति जताई है.
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राज्य में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. वेतन और कोरोना प्रोतसाहन राशि की मांग को लेकर रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने निदेशक का घेराव किया. झारखंड आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ शंभू कुमार ने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, ताकि निर्भीक होकर डॉक्टर मरीजों की सेवा कर सके.
डॉ शंभू कुमार ने कहा कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन को लेकर सरकार से लगातार बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन नहीं किया गया, तो राज्य के करीब 15 हजार से ज्यादा क्लीनिक और छोटे हॉस्पिटल बंद हो जाएंगे. इससे राज्य के गरीब मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी होगी.