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RIMS के चिकित्सकों ने की लोगों से अपील, कहा- यहां-वहां न फेंके मास्क - RIMS के चिकित्सकों ने की लोगों से अपील

रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने लोगों से यहां-वहां मास्क न फेंकने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इन मास्क का उपयोग करने के बाद 3 फीट जमीन के अंदर गाड़ने का काम करें या फिर जला दें ताकि इसके विषाणु दूसरों में किसी भी माध्यम से न फैल सके.

अपनी टीम के साथ मनोज कुमार
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Published : Apr 7, 2020, 4:26 PM IST

रांची: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. ताकि इस खतरनाक वायरस से बचाव में मदद मिल सके. लेकिन मास्क का उपयोग करने के बाद कई लोगों के द्वारा उपयोग किये हुए मास्क को इधर-उधर फेंक दिया जाता है जो कि डॉक्टरों के अनुसार से काफी खतरनाक है.

देखें पूरी खबर
इसको लेकर रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि जिस प्रकार से लोग मास्क का यूज करके जमीन पर फेंक देते हैं. यह आने वाले समय में बहुत ही खतरनाक हो सकता है क्योंकि मास्क उपयोग करने के बाद बायो वेस्ट मैनेजमेंट के नॉर्म्स के अनुसार इसे जलाने या फिर जमीन के अंदर गाड़ने की बात कही गई है लेकिन लोग अपनी लापरवाही के कारण उपयोग किए मास्क को इधर-उधर फेंक रहे हैं जो निश्चित रूप से खतरनाक है.वहीं, डॉक्टर मनोज कुमार बताते हैं कि सर्जिकल मास्क या फिर N-95 मास्क को डिस्पोज करने के लिए जो बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट में नियम बताए गए हैं उसी नियम को फॉलो करना चाहिए. बायो मेडिकल वेस्ट के नॉर्म्स के अनुसार थ्री लेयर सर्जिकल मास्क, N-95 मास्क और FF2 मास्क को डिस्पोज करना चाहिए. क्योंकि इन मास्को को यूज्ड करने के बाद सड़क पर इधर-उधर फेंकने से मास्क में लगे जीवाणु जानवरों के संपर्क में आने का खतरा रहता है और जिससे इंसानों में भी प्रवेश का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए उपयोग किए गए मास्क को मेडिकल साइंस के गाइडलाइन के अनुसार डिस्पोज करें. माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि थ्री लेयर सर्जिकल मास्क, n95 मास्क और ff2 मास्क को सिर्फ 6 घंटे से 8 घंटे तक ही यूज कर सकते हैं और इसे यूज करने के दौरान अपने गले के पास ना लटका के रखें, इससे इंफेक्शन बढ़ने का खतरा हो सकता है साथ ही मास्क के अंदर के हिस्से को हाथों से ना छुए इससे मास्क में इंफेक्शन फैलता है।

ये भी पढ़ें- हेमंत सरकार के 100 दिन: कितने वादे हुए पूरे, कितने रह गए अधूरे, जानिए पूरी हकीकत


वहीं उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इन मास्क का उपयोग करने के बाद 3 फीट जमीन के अंदर गाड़ने का काम करें या फिर जला दें ताकि इसके जीवाणु दूसरों में किसी भी माध्यम से न फैल सके. माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टर मनोज कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो भी लोग अपना मुंह ढकने के लिए रुमाल,तौलिया या फिर कपड़े का बना मास्क उपयोग कर रहे हैं वह अपने रुमाल,तोलिया और कपड़े के मास्क को ब्लीचिंग पाउडर के सलूशन में निश्चित रूप से धोएं. ब्लीचिंग पाउडर के 5% सलूशन में गर्म पानी के साथ कपड़े के मास्क तौलिया या फिर रुमाल को निश्चित रूप से धोने का काम करें जिससे इंफेक्शन समाप्त होता है और लोग सुरक्षित रहते हैं. ईटीवी भारत भी लोगों से अपील करता है कि कोरोना के इस बढ़ते संकट में स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइंस को ध्यान देकर समझे और उसे अपनाने का काम करें ताकि इस संकट से निजात मिल सके.

रांची: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. ताकि इस खतरनाक वायरस से बचाव में मदद मिल सके. लेकिन मास्क का उपयोग करने के बाद कई लोगों के द्वारा उपयोग किये हुए मास्क को इधर-उधर फेंक दिया जाता है जो कि डॉक्टरों के अनुसार से काफी खतरनाक है.

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इसको लेकर रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि जिस प्रकार से लोग मास्क का यूज करके जमीन पर फेंक देते हैं. यह आने वाले समय में बहुत ही खतरनाक हो सकता है क्योंकि मास्क उपयोग करने के बाद बायो वेस्ट मैनेजमेंट के नॉर्म्स के अनुसार इसे जलाने या फिर जमीन के अंदर गाड़ने की बात कही गई है लेकिन लोग अपनी लापरवाही के कारण उपयोग किए मास्क को इधर-उधर फेंक रहे हैं जो निश्चित रूप से खतरनाक है.वहीं, डॉक्टर मनोज कुमार बताते हैं कि सर्जिकल मास्क या फिर N-95 मास्क को डिस्पोज करने के लिए जो बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट में नियम बताए गए हैं उसी नियम को फॉलो करना चाहिए. बायो मेडिकल वेस्ट के नॉर्म्स के अनुसार थ्री लेयर सर्जिकल मास्क, N-95 मास्क और FF2 मास्क को डिस्पोज करना चाहिए. क्योंकि इन मास्को को यूज्ड करने के बाद सड़क पर इधर-उधर फेंकने से मास्क में लगे जीवाणु जानवरों के संपर्क में आने का खतरा रहता है और जिससे इंसानों में भी प्रवेश का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए उपयोग किए गए मास्क को मेडिकल साइंस के गाइडलाइन के अनुसार डिस्पोज करें. माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि थ्री लेयर सर्जिकल मास्क, n95 मास्क और ff2 मास्क को सिर्फ 6 घंटे से 8 घंटे तक ही यूज कर सकते हैं और इसे यूज करने के दौरान अपने गले के पास ना लटका के रखें, इससे इंफेक्शन बढ़ने का खतरा हो सकता है साथ ही मास्क के अंदर के हिस्से को हाथों से ना छुए इससे मास्क में इंफेक्शन फैलता है।

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वहीं उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इन मास्क का उपयोग करने के बाद 3 फीट जमीन के अंदर गाड़ने का काम करें या फिर जला दें ताकि इसके जीवाणु दूसरों में किसी भी माध्यम से न फैल सके. माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टर मनोज कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो भी लोग अपना मुंह ढकने के लिए रुमाल,तौलिया या फिर कपड़े का बना मास्क उपयोग कर रहे हैं वह अपने रुमाल,तोलिया और कपड़े के मास्क को ब्लीचिंग पाउडर के सलूशन में निश्चित रूप से धोएं. ब्लीचिंग पाउडर के 5% सलूशन में गर्म पानी के साथ कपड़े के मास्क तौलिया या फिर रुमाल को निश्चित रूप से धोने का काम करें जिससे इंफेक्शन समाप्त होता है और लोग सुरक्षित रहते हैं. ईटीवी भारत भी लोगों से अपील करता है कि कोरोना के इस बढ़ते संकट में स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइंस को ध्यान देकर समझे और उसे अपनाने का काम करें ताकि इस संकट से निजात मिल सके.

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