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वायरल फीवर,सर्दी, खांसी हो तो करें ये उपाय, जानिए आयुर्वेद, होमियोपैथ और एलौपेथ में क्या है इलाज

झारखंड में कोरोना संक्रमण और मौसम की वजह से होने वाली बीमारी परेशानी का कारण बना हुआ है. लोगों के लिए पता करना मुश्किल हो रहा है कि सर्दी, खांसी, और वायरल फीवर कोरोना का लक्षण है या फिर सामान्य बीमारी. कोरोना का लक्षण और सामान्य बीमारी का इलाज एलोपैथ, होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति और आर्युवेद में भी है. इन बीमारियों से कैसे छुटकारा पाए जाए ये हमने जानने की कोशिश की है.

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झारखंड में कोरोना संक्रमण
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Published : Jan 8, 2022, 3:18 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 3:47 PM IST

रांची: कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के साथ मौसम में लगातार परिवर्तन भी लोगों की परेशानी बना हुआ है. कई बार मौसम की वजह से भी लोगों को सर्दी, खांसी और वायरल फीवर हो रहे हैं. ऐसे में लोगों के लिए ये समझना मुश्किल हो रहा है कि वे कोरोना संक्रमित हैं या फिर सामान्य बीमारी से ग्रसित हैं. लोगों के इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए ईटीवी भारत ने कई डॉक्टरों से बात की और ये समझने की कोशिश की कौन से उपाय से इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- बच्चों में वैक्सीनेशन को लेकर कांग्रेस को झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन की चेतावनी, कहा- स्कूल खोलने की हुई कोशिश तो होगा विरोध

क्या है एलोपैथी डॉक्टरों की सलाह

रांची के प्रख्यात एलोपैथिक डॉक्टर एके झा कहते हैं कि इन दिनों हर सर्दी खांसी और वायरल फीवर कोरोना की वजह से नहीं होता पर ऐसा हो तो कोरोना की जांच जरूर कराएं. होम आइसोलेशन में रहें, बुखार और ऑक्सीजन लेवल पर नजर बनाए रखें, बुखार अगर 100.4 डिग्री फारेनहाइट से कम हो तो ज्यादा चिंता न करें, गार्गल करें और पारासिटामोल की गोली, विटामिन सी की ले सकते हैं इसके साथ साथ दवा युक्त इन्हेलर भी लें सकते हैं ताकि श्वसन नली साफ रहे. डॉ झा कहते हैं कि इस सबके साथ सबसे ज्यादा जरूरी है कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करना ,मास्क लगाना और जो लोग वैक्सीन नहीं लिए हैं वह वैक्सीन ले लें.

देखें वीडियो


आयुर्वेद में भी इलाज
अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति की तरह ही आयुर्वेदिक और होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति में भी सर्दी खांसी और वायरल फीवर जैसे लक्षण होने पर कोरोना रिपोर्ट आने से पहले की कई दवाएं हैं. जिससे कुछ राहत मिल सके.इसके लिए ETV भारत की टीम ने आयुष विभाग में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ साकेत कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि गिलोय घनवटी, अश्वगंधा, एंटी वाइरल दवा गंझूवीर, इम्युनो 07 जैसी कई दवाएं है. जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है पर एक सलाह जो बेहद खास है वह है हमेशा गुनगुना पानी का सेवन करना, यह काफी राहत देने वाला होता है. आयुर्वेदाचार्य डॉ साकेत कुमार कहते हैं कि घर के किचेन में ही दालचीनी,अजवायन,अदरख,गोलकी, तुलसी पत्ता को पानी मे खौला कर बना काढा बेहद फायदेमंद होता है.डॉ साकेत ने कहा कि आंवला का किसी भी रूप में सेवन भी फायदेमंद होता है.

होमियोपैथ कितना फायदेमंद
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में चिकित्सा पदाधिकारी और होमियोपैथी के प्रख्यात डॉ उमाशंकर बर्मा कहते हैं कि कोरोना या कोरोना जैसे लक्षणों वाले अन्य बीमारियों में होम्योपैथी की दवा सटीक काम करती है. यदि उसे लक्षण के आधार पर दी जाए. आयुष विभाग द्वारा अनुशंसित आर्सेनिक अल्ब 30 दवा के अलावा अन्य दवाएं भी है जो चिकित्सक की सलाह पर लेने से न सिर्फ राहत मिलती है बल्कि जल्द रोग से छुटकारा भी मिल जाता है. डॉ यूएस वर्मा ने अनेक दवाओं के मिश्रण से बने एक दवा को सर्दी खांसी, बुखार जैसे लक्षणों में विशेष फायदेमंद बताते हुए कहा कि होमियोपैथी कोरोना जैसी वायरल बीमारी के इलाज में भी कारगर है. बशर्ते योग्य चिकित्सक की देख रेख में दवा ली जाए.

रांची: कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के साथ मौसम में लगातार परिवर्तन भी लोगों की परेशानी बना हुआ है. कई बार मौसम की वजह से भी लोगों को सर्दी, खांसी और वायरल फीवर हो रहे हैं. ऐसे में लोगों के लिए ये समझना मुश्किल हो रहा है कि वे कोरोना संक्रमित हैं या फिर सामान्य बीमारी से ग्रसित हैं. लोगों के इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए ईटीवी भारत ने कई डॉक्टरों से बात की और ये समझने की कोशिश की कौन से उपाय से इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- बच्चों में वैक्सीनेशन को लेकर कांग्रेस को झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन की चेतावनी, कहा- स्कूल खोलने की हुई कोशिश तो होगा विरोध

क्या है एलोपैथी डॉक्टरों की सलाह

रांची के प्रख्यात एलोपैथिक डॉक्टर एके झा कहते हैं कि इन दिनों हर सर्दी खांसी और वायरल फीवर कोरोना की वजह से नहीं होता पर ऐसा हो तो कोरोना की जांच जरूर कराएं. होम आइसोलेशन में रहें, बुखार और ऑक्सीजन लेवल पर नजर बनाए रखें, बुखार अगर 100.4 डिग्री फारेनहाइट से कम हो तो ज्यादा चिंता न करें, गार्गल करें और पारासिटामोल की गोली, विटामिन सी की ले सकते हैं इसके साथ साथ दवा युक्त इन्हेलर भी लें सकते हैं ताकि श्वसन नली साफ रहे. डॉ झा कहते हैं कि इस सबके साथ सबसे ज्यादा जरूरी है कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करना ,मास्क लगाना और जो लोग वैक्सीन नहीं लिए हैं वह वैक्सीन ले लें.

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आयुर्वेद में भी इलाज
अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति की तरह ही आयुर्वेदिक और होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति में भी सर्दी खांसी और वायरल फीवर जैसे लक्षण होने पर कोरोना रिपोर्ट आने से पहले की कई दवाएं हैं. जिससे कुछ राहत मिल सके.इसके लिए ETV भारत की टीम ने आयुष विभाग में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ साकेत कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि गिलोय घनवटी, अश्वगंधा, एंटी वाइरल दवा गंझूवीर, इम्युनो 07 जैसी कई दवाएं है. जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है पर एक सलाह जो बेहद खास है वह है हमेशा गुनगुना पानी का सेवन करना, यह काफी राहत देने वाला होता है. आयुर्वेदाचार्य डॉ साकेत कुमार कहते हैं कि घर के किचेन में ही दालचीनी,अजवायन,अदरख,गोलकी, तुलसी पत्ता को पानी मे खौला कर बना काढा बेहद फायदेमंद होता है.डॉ साकेत ने कहा कि आंवला का किसी भी रूप में सेवन भी फायदेमंद होता है.

होमियोपैथ कितना फायदेमंद
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में चिकित्सा पदाधिकारी और होमियोपैथी के प्रख्यात डॉ उमाशंकर बर्मा कहते हैं कि कोरोना या कोरोना जैसे लक्षणों वाले अन्य बीमारियों में होम्योपैथी की दवा सटीक काम करती है. यदि उसे लक्षण के आधार पर दी जाए. आयुष विभाग द्वारा अनुशंसित आर्सेनिक अल्ब 30 दवा के अलावा अन्य दवाएं भी है जो चिकित्सक की सलाह पर लेने से न सिर्फ राहत मिलती है बल्कि जल्द रोग से छुटकारा भी मिल जाता है. डॉ यूएस वर्मा ने अनेक दवाओं के मिश्रण से बने एक दवा को सर्दी खांसी, बुखार जैसे लक्षणों में विशेष फायदेमंद बताते हुए कहा कि होमियोपैथी कोरोना जैसी वायरल बीमारी के इलाज में भी कारगर है. बशर्ते योग्य चिकित्सक की देख रेख में दवा ली जाए.

Last Updated : Jan 8, 2022, 3:47 PM IST
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