रांचीः 77 दिनों से राजभवन के समक्ष दुमका स्थित सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के दिव्यांग शिक्षक राजेश कुमार अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठे थे. उच्च शिक्षा विभाग ने दिव्यांग शिक्षक की मांग मान लिया है. मांग पूरा होने के बाद मंगलवार को दिव्यांग ने धरना समाप्त कर दिया है.
यह भी पढ़ेंः बेरोजगार युवाओं का मोरहाबादी मैदान में धरना प्रदर्शन, सीएम हेमंत के खिलाफ नारेबाजी
बता दें कि सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय ने दिव्यांग राजेश कुमार को मौखिक आदेश पर नियुक्ति किया. एक वर्ष से अधिक समय तक विश्वविद्यालय में सेवा देने के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से उन्हें मानदेय नहीं दिया जा रहा था. इसकी शिकायत राजभवन में की तो विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आनन-फानन में उसे विश्वविद्यालय से निकाल दिया.
विश्वविद्यालय प्रबंधन से नाराज होकर राजेश ने विश्वविद्यालय के समीप आमरण अनशन किया. लेकिन मांग पूरी नहीं हुई तो राजभवन के समक्ष धरना पर बैठ गये. धूप, गर्मी और बारिश के बावजूद राजेश पिछले 77 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठे थे. उनकी परेशानी को देखते हुए राजभवन के समीप ही आंदोलनरत टाना भगतो ने उनकी मदद की.
राजेश ने विश्वविद्यालय में दोबारा पढ़ाने की मांग के साथ साथ बकाया वेतन भुगतान की मांग कर रहे थे. मामले पर संज्ञान लेते हुए राजभवन की ओर से उनके अकाउंट में एक लाख रुपये का भुगतान किया गया था. इसके बावजूद राजेश धरना से हटे नहीं थे. राजेश ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय में नियुक्ति नहीं की जायेगी, तब तक आंदोलन पर डटे रहेंगे.
दिव्यांग शिक्षक की मांगों पर राज्य सरकार के उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया और सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को जल्द से जल्द स्नातकोत्तर विभाग में राजेश को दुबारा पठन-पाठन करने की अनुमति देने का निर्देश दिया. 77 दिनों का संघर्ष का परिणाम राजेश को मिला है. राजेश के इस आंदोलन को ईटीवी भारत की टीम ने भी सहयोग किया था. मंगलवार को ईटीवी भारत के साथ बातचीत में राजेश ने खुशी जाहिर करते हुये कहा कि अपना धरना समाप्त किया. इस दौरान टाना भगत ने उनको मुंह मीठा कर धरनास्थल से विदा किया.