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पुलिस मुख्यालय का आदेश नहीं मानते जिले के एसपी, डीजी मुख्यालय ने जताई नाराजगी - आदेश

झारखंड राज्य पुलिस मुख्यालय ने जिलों के एसएसपी, एसपी और पुलिस से जुड़ी शाखाओं के एसपी के प्रति नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि ये इनकी बात नहीं मानते. अब उन्हें एक सप्तहे का समय दिया गया है.

पुलिस मुख्यालय, रांची
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Published : Jul 26, 2019, 11:34 PM IST

रांची: झारखंड राज्य पुलिस मुख्यालय का आदेश जिलों के एसएसपी, एसपी और पुलिस से जुड़ी शाखाओं के एसपी नहीं मानते. राज्य पुलिस मुख्यालय ने साल 2017 से अबतक हुए स्थानांतरण और स्थानांतरण के बाद पुलिसकर्मियों के योगदान के मामलों की समीक्षा की.

राज्य सरकार को रिपोर्ट की जाएगी
समीक्षा के बाद डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू ने जिलों के एसपी की लापरवाही पाई है. जिसके बाद डीजी मुख्यालय के निर्देश पर शुक्रवार को डीआईजी कार्मिक संगीता कुमारी ने सभी जिलों के एसपी और शाखाओं के एसपी को पत्र लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि पुलिस मुख्यालय के आदेश का अनुपालन नहीं होने की स्थिति में संबंधित एसएसपी, एसपी को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए उनके संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट की जाएगी.

कैसे सामने आई एसपी स्तर के अधिकारियों की लापरवाही
राज्य पुलिस मुख्यालय ने साल 2017 से अबतक हुए स्थानांतरण की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कई जिलों के एसपी ने सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के कई पुलिसकर्मियों को स्थानांतरण के बाद भी विरमित नहीं किया. कई मामलों में जिलों के एसपी ने स्थानांतरण रद्द करने की सिफारिश भी पुलिस मुख्यालय से की है. लेकिन मुख्यालय के स्तर पर स्थानांतरण रद्द नहीं होने पर भी पुलिसकर्मियों को विरमित नहीं किया गया. ऐसे में पुलिस मुख्यालय से डीजी मुख्यालय ने समीक्षा के दौरान खेद जताया.

ये भी पढ़ें- मॉब लिंचिंग की बड़ी वारदात को पुलिस ने टाला, बकरी चोरी कर भाग रहे युवकों को ग्रामीणों ने पीटा

एक सप्ताह में कार्रवाई करें, वरना नपेंगे
डीआईजी कार्मिक के पत्र में जिक्र है कि जिलों के एसपी एक सप्ताह के भीतर यह प्रमाण पत्र दें कि उन्होंने स्थानांतरित कर्मचारियों को विरमित कर दिया है. एसपी स्तर के अधिकारियों को यह बताना होगा कि वह भौतिक सत्यापन कर विरमित पुलिसकर्मियों के संबंध में प्रमाण दे रहे हैं. आदेश का पालन नहीं होने और प्रमाण पत्र नहीं देने पर एसपी स्तर के अधिकारियों पर ही कार्रवाई की जाएगी.

रांची: झारखंड राज्य पुलिस मुख्यालय का आदेश जिलों के एसएसपी, एसपी और पुलिस से जुड़ी शाखाओं के एसपी नहीं मानते. राज्य पुलिस मुख्यालय ने साल 2017 से अबतक हुए स्थानांतरण और स्थानांतरण के बाद पुलिसकर्मियों के योगदान के मामलों की समीक्षा की.

राज्य सरकार को रिपोर्ट की जाएगी
समीक्षा के बाद डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू ने जिलों के एसपी की लापरवाही पाई है. जिसके बाद डीजी मुख्यालय के निर्देश पर शुक्रवार को डीआईजी कार्मिक संगीता कुमारी ने सभी जिलों के एसपी और शाखाओं के एसपी को पत्र लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि पुलिस मुख्यालय के आदेश का अनुपालन नहीं होने की स्थिति में संबंधित एसएसपी, एसपी को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए उनके संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट की जाएगी.

कैसे सामने आई एसपी स्तर के अधिकारियों की लापरवाही
राज्य पुलिस मुख्यालय ने साल 2017 से अबतक हुए स्थानांतरण की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कई जिलों के एसपी ने सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के कई पुलिसकर्मियों को स्थानांतरण के बाद भी विरमित नहीं किया. कई मामलों में जिलों के एसपी ने स्थानांतरण रद्द करने की सिफारिश भी पुलिस मुख्यालय से की है. लेकिन मुख्यालय के स्तर पर स्थानांतरण रद्द नहीं होने पर भी पुलिसकर्मियों को विरमित नहीं किया गया. ऐसे में पुलिस मुख्यालय से डीजी मुख्यालय ने समीक्षा के दौरान खेद जताया.

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एक सप्ताह में कार्रवाई करें, वरना नपेंगे
डीआईजी कार्मिक के पत्र में जिक्र है कि जिलों के एसपी एक सप्ताह के भीतर यह प्रमाण पत्र दें कि उन्होंने स्थानांतरित कर्मचारियों को विरमित कर दिया है. एसपी स्तर के अधिकारियों को यह बताना होगा कि वह भौतिक सत्यापन कर विरमित पुलिसकर्मियों के संबंध में प्रमाण दे रहे हैं. आदेश का पालन नहीं होने और प्रमाण पत्र नहीं देने पर एसपी स्तर के अधिकारियों पर ही कार्रवाई की जाएगी.

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झारखंड राज्य पुलिस मुख्यालय का आदेश जिलों के एसएसपी, एसपी और पुलिस से जुड़ी शाखाओं के एसपी नहीं मानते। राज्य पुलिस मुख्यालय ने साल 2017 से अबतक हुए स्थानांतरण व स्थानांतरण के बाद पुलिसकर्मियों के योगदान के मामलों की समीक्षा की। समीक्षा के बाद डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू ने जिलों के एसपी की लापरवाही पायी है। जिसके बाद डीजी मुख्यालय के निर्देश पर शुक्रवार को डीआईजी कार्मिक संगीता कुमारी ने सभी जिलों के एसपी व शाखाओं के एसपी को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि पुलिस मुख्यालय के आदेश का अक्षरश: अनुपालन नहीं होने की स्थिति में संबंधित एसएसपी, एसपी को सीधे तौर पर जिम्मेदार मानते हुए उनके संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट की जाएगी।

कैसे सामने आयी एसपी स्तर के अधिकारियों की लापरवाही

राज्य पुलिस मुख्यालय ने साल 2017 से अबतक हुए स्थानांतरण की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कई जिलों के एसपी ने सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के कई पुलिसकर्मियों को स्थानांतरण के बाद भी विरमित नहीं किया। कई मामलों में जिलों के एसपी ने स्थानांतरण रद करने की सिफारिश भी पुलिस मुख्यालय से की है। लेकिन मुख्यालय के स्तर पर स्थानांतरण रद नहीं होने पर भी पुलिसकर्मियों को विरमित नहीं किया गया। ऐसे में पुलिस मुख्यालय से डीजी मुख्यालय ने समीक्षा के दौरान खेद जताया।

एक सप्ताह में कार्रवाई करें, वरना नपेंगे

डीआईजी कार्मिक के पत्र में जिक्र है कि जिलों के एसपी एक सप्ताह के भीतर यह प्रमाण पत्र दें कि उन्होंने स्थानांतरित कर्मचारियों को विरमित कर दिया है। एसपी स्तर के अधिकारियों को यह बताना होगा कि वह भौतिक सत्यापन कर विरमित पुलिसकर्मियो के संबंध में प्रमाण दे रहे हैं। आदेश का पालन नहीं होने व प्रमाण पत्र नहीं देने पर एसपी स्तर के अधिकारियों पर ही कार्रवाई की जाएगी।

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