रांची: रांची यूनिवर्सिटी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में भूमि विवाद उत्पन्न हो गया है. इन दोनों विश्वविद्यालयों के बीच जमीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. दोनों विश्वविद्यालय मोरहाबादी कैंपस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज परिसर जमीन को लेकर अपना-अपना दावा कर रही है.
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रांची यूनिवर्सिटी और डीएसपीएमयू में भूमि विवाद
गौरतलब है कि 3 वर्ष पहले रांची कॉलेज ने यूनिवर्सिटी का दर्जा पाने के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था और उस प्रस्ताव के तहत कहा गया था कि इस कॉलेज के पास 110 एकड़ भूमि है और इसके तहत इस कॉलेज को विश्वविद्यालय के तर्ज पर विकसित किया जा सकता है. इसी के तहत रांची कॉलेज को डीएसपीएमयू विश्वविद्यालय में तब्दील किया गया है, लेकिन वर्तमान में डीएसपीएमयू के पास 70 से 75 एकड़ ही जमीन है. डीएसपीएमयू लगातार रांची विश्वविद्यालय प्रबंधन पर यह आरोप लगाता रहा है कि डीएसपीएमयू के जमीन पर आरयू द्वारा कंस्ट्रक्शन का काम किया जा रहा है. बार-बार मना करने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रबंधन मनमानी कर रहा है, जबकि इस संबंध में राज्यपाल और सरकार को भी अवगत कराया गया है. इधर, आरयू के वीसी रमेश कुमार पांडे की माने तो उनका कहना है कि तमाम जमीन पहले रांची विश्वविद्यालय की ही थी. डीएसपीएमयू बनने के बाद कुछ जमीन विश्वविद्यालय के नाम पर उन्हें आवंटित किया गया है. इसके बावजूद राजभवन का जो भी निर्णय होगा. उसे आरयू प्रशासन मानने को हमेशा तैयार है.
लगभग 3 एकड़ भूमि को लेकर विवाद
इधर, डीएसपीएमयू का कहना है कि मोरहाबादी कैंपस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज परिसर में स्किल डेवलपमेंट के तहत बहुउद्देशीय बिल्डिंग बन रही है. इसी परिसर में खाली पड़े लगभग 3 एकड़ जमीन डीएसपीएमयू का है, लेकिन आरयू गलत तरीके से इस जमीन को भी हड़पना चाहती है. डीएसपीएमयू के रजिस्ट्रार अजय कुमार चौधरी ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराया है. इस संबंध में एक बार फिर राजभवन को अवगत कराने की बात कही गई है.
जमीन विवाद को लेकर तनातनी जारी
मामले को लेकर शनिवार को भी डीएसपीएमयू प्रबंधन और आरयू के बीच तनातनी देखने को मिला. जब डीएसपीएमयू की ओर से जेसीबी लगाकर खाली पड़े जमीन की खुदाई की जा रही थी उस वक्त आरयू की ओर से इसे रोका गया. मामले को लेकर जिला प्रशासन को भी अवगत कराया गया है.