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सदन में कृषि कानून को लेकर होगी चर्चा, सत्ता दल विपक्ष आमने-सामने - ranchi news

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 15 वें दिन कृषि कानून पर चर्चा को होने को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हैं. एक तरफ सत्ता पक्ष इसपर चर्चा चाहता है और विपक्ष का कहना है कि जब कानून बन चुका है तो इसपर चर्चा सिर्फ सदन के समय और मर्यादा की तौहीन करना है.

discussion on agricultural act in the House
झारखंड विधानसभा
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Published : Mar 22, 2021, 2:25 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 2:30 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 15वें दिन सदन के अंदर कृषि कानून पर चर्चा होनी है. इस कानून को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता आमने-सामने नजर आ रहे हैं. एक तरफ कृषि मंत्री का कहना है कि कृषि कानून को वे नहीं मानते हैं. कृषि कानून की आड़ में किसानों पर अत्याचार करने का काम किया जा रहा है. वहीं, विपक्ष नेता का कहना है कि जब कानून बन चुका है तो ऐसे में उस पर चर्चा कराकर सदन की मर्यादा की तौहीन करने का काम किया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड से सटी सीमाएं होंगी सील, नक्सलियों पर रहेगी पैनी नजर

कृषि कानून को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कृषि कानून पर सदन में चर्चा होनी है. सदन के अंदर कानून को लेकर चर्चा होना इसलिए जरूरी है क्योंकि इस कृषि कानून के कारण सैकड़ों किसानों की जान चली गई और केंद्र की मोदी सरकार ने इस काले कानून को जनता पर थोपने का काम किया है. इसी को लेकर आज झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी इस पर चर्चा होनी है.

बीजेपी के विधायक अमर कुमार बावरी ने सत्ता पक्ष की ओर से सदन के अंदर कृषि कानून पर चर्चा कराए जाने को लेकर कहा कि जब केंद्र के राज्यसभा और लोकसभा के सदन में यह पास करा कर एक कानून बन गया है तो कानून पर चर्चा कराया जाना कहीं से भी सही नहीं है. यह सदन की मर्यादा को तार-तार करने वाली बात है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एजेंडा को लेकर यह सदन के अंदर चर्चा कराए जाने की बात कही जा रही है और जिसका जेएमएम मोहरा बनी हुई है.

ये भी पढ़ें-हजारीबाग के युवा बत्तख पालन कर लिख रहे तरक्की की इबारत, जानें पूरी कहानी

वहीं, एनडीए में शामिल आजसू के विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि सदन के अंदर कृषि कानून पर चर्चा कराए जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी. आवश्यकता है यहां के किसानों की स्थिति को कैसे सुधार किया जा सके, लेकिन सत्ता दल के लोग सदन के अंदर कृषि बिल पर चर्चा कराना चाहते हैं जबकि यह बिल नहीं बल्कि कानून बन चुका है.

रांचीः झारखंड विधानसभा बजट सत्र के 15वें दिन सदन के अंदर कृषि कानून पर चर्चा होनी है. इस कानून को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता आमने-सामने नजर आ रहे हैं. एक तरफ कृषि मंत्री का कहना है कि कृषि कानून को वे नहीं मानते हैं. कृषि कानून की आड़ में किसानों पर अत्याचार करने का काम किया जा रहा है. वहीं, विपक्ष नेता का कहना है कि जब कानून बन चुका है तो ऐसे में उस पर चर्चा कराकर सदन की मर्यादा की तौहीन करने का काम किया जा रहा है.

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कृषि कानून को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कृषि कानून पर सदन में चर्चा होनी है. सदन के अंदर कानून को लेकर चर्चा होना इसलिए जरूरी है क्योंकि इस कृषि कानून के कारण सैकड़ों किसानों की जान चली गई और केंद्र की मोदी सरकार ने इस काले कानून को जनता पर थोपने का काम किया है. इसी को लेकर आज झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी इस पर चर्चा होनी है.

बीजेपी के विधायक अमर कुमार बावरी ने सत्ता पक्ष की ओर से सदन के अंदर कृषि कानून पर चर्चा कराए जाने को लेकर कहा कि जब केंद्र के राज्यसभा और लोकसभा के सदन में यह पास करा कर एक कानून बन गया है तो कानून पर चर्चा कराया जाना कहीं से भी सही नहीं है. यह सदन की मर्यादा को तार-तार करने वाली बात है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एजेंडा को लेकर यह सदन के अंदर चर्चा कराए जाने की बात कही जा रही है और जिसका जेएमएम मोहरा बनी हुई है.

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वहीं, एनडीए में शामिल आजसू के विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि सदन के अंदर कृषि कानून पर चर्चा कराए जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी. आवश्यकता है यहां के किसानों की स्थिति को कैसे सुधार किया जा सके, लेकिन सत्ता दल के लोग सदन के अंदर कृषि बिल पर चर्चा कराना चाहते हैं जबकि यह बिल नहीं बल्कि कानून बन चुका है.

Last Updated : Mar 22, 2021, 2:30 PM IST
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