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किसानों के आंदोलन को बदनाम करना चाह रही केंद्र सरकार: दीपांकर भट्टाचार्य - नए कृषि कानून का विरोध

किसान आंदोलन को लेकर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने झारखंड भाकपा के नेताओं के साथ दो दिवसीय उच्च स्तरीय बैठक की. दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का काम कर रही है.

Dipankar Bhattacharya reaction to the farmer movement
दीपांकर भट्टाचार्य
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Published : Dec 16, 2020, 10:45 PM IST

रांची: देश में किसानों के आंदोलन को लेकर जहां हर पार्टी किसानों के समर्थन की बात कर रही है. वैसे ही भाकपा माले भी किसानों के समर्थन में जोर-शोर से खड़ा दिख रहा है. इसी को लेकर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने झारखंड भाकपा के नेताओं के साथ दो दिवसीय उच्च स्तरीय बैठक की.

देखिए पूरी खबर

दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का काम कर रही है, जिस प्रकार से शुरुआत में आंदोलन कर रहे किसानों को नकली किसान बताया गया. उसके बाद इस आंदोलन को सिर्फ पंजाब का आंदोलन बताकर बदनाम करने की साजिश की गई. इसे साफ पता चलता है कि किसानों के आंदोलन को केंद्र सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है, लेकिन 8 दिसंबर के भारत बंद को देखकर सरकार को पता चल चुका है कि यह आंदोलन सिर्फ पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश का आंदोलन बन गया है. इसीलिए सरकार जल्द से जल्द किसानों के हित में फैसला लें और कृषि बिल में तीनों कानून को समाप्त करें.

ये भी पढे़ं: CO के निर्माण कार्य रोके जाने पर अदालत सख्त, लगाया 10 हजार रुपया का जुर्माना

उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में आए परिणाम के बावजूद भी बिहार की जनता ने भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष दिया है जो कि जनता के हितों के लिए संघर्ष करती रहेगी. वहीं, उन्होंने बताया कि किसानों के हित और समर्थन में भाकपा माले झारखंड में भी जन अभियान चलाएगी, जिसमें झारखंड के किसानों को कैसे उनका हक मिले और किस प्रकार उनकी बातें आसानी से सरकार के कानों तक पहुंच जाएं ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. वहीं, वर्तमान सरकार के एक साल पूरे होने को लेकर भी वादा निभाओ अभियान चलाया जाएगा, जिसमें राज्य सरकार द्वारा जो चुनाव से पूर्व वादे किए गए थे उस वादे पर कितना काम हो पाया है इसकी जानकारी ली जाएगी.

रांची: देश में किसानों के आंदोलन को लेकर जहां हर पार्टी किसानों के समर्थन की बात कर रही है. वैसे ही भाकपा माले भी किसानों के समर्थन में जोर-शोर से खड़ा दिख रहा है. इसी को लेकर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने झारखंड भाकपा के नेताओं के साथ दो दिवसीय उच्च स्तरीय बैठक की.

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दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का काम कर रही है, जिस प्रकार से शुरुआत में आंदोलन कर रहे किसानों को नकली किसान बताया गया. उसके बाद इस आंदोलन को सिर्फ पंजाब का आंदोलन बताकर बदनाम करने की साजिश की गई. इसे साफ पता चलता है कि किसानों के आंदोलन को केंद्र सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है, लेकिन 8 दिसंबर के भारत बंद को देखकर सरकार को पता चल चुका है कि यह आंदोलन सिर्फ पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश का आंदोलन बन गया है. इसीलिए सरकार जल्द से जल्द किसानों के हित में फैसला लें और कृषि बिल में तीनों कानून को समाप्त करें.

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उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में आए परिणाम के बावजूद भी बिहार की जनता ने भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष दिया है जो कि जनता के हितों के लिए संघर्ष करती रहेगी. वहीं, उन्होंने बताया कि किसानों के हित और समर्थन में भाकपा माले झारखंड में भी जन अभियान चलाएगी, जिसमें झारखंड के किसानों को कैसे उनका हक मिले और किस प्रकार उनकी बातें आसानी से सरकार के कानों तक पहुंच जाएं ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. वहीं, वर्तमान सरकार के एक साल पूरे होने को लेकर भी वादा निभाओ अभियान चलाया जाएगा, जिसमें राज्य सरकार द्वारा जो चुनाव से पूर्व वादे किए गए थे उस वादे पर कितना काम हो पाया है इसकी जानकारी ली जाएगी.

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