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यदि आपके पास हैं डिजिटल कागजात, तो गाड़ियों का कोई नहीं काट सकता चालान - ट्रैफिक पुलिस

एमवी एक्ट में हुए संशोधन के बाद आम लोग काफी परेशान हैं. बता दें कि चेकिंग के दौरान अगर आपके पास गाड़ियों के ओरिजिनल कागजात नहीं रहने पर ट्रैफिक पुलिस चालान काट रही थी जो बिलकुल गलत है. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, परिवहन विभाग के सचिव और परिवहन आयुक्त को इस बाबत पत्र भेजा गया है.

वाहन चेकिंग अभियान
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Published : Oct 1, 2019, 9:47 AM IST

रांची/नई दिल्ली: नया मोटर व्हीकल संशोधित कानून लागू होने के बाद जांच के दौरान अगर आप गाड़ियों के ओरिजिनल कागजात अपने पास नहीं रखे हुए हैं, लेकिन गाड़ियों के कागजात का ब्यौरा एम परिवहन और डीजी लॉकर पर दर्ज है तो ट्रैफिक पुलिस या परिवहन पदाधिकारी आप पर जुर्माना नहीं लगा सकते हैं.

परिवहन आयुक्त को भेजा गया पत्र
संशोधित कानून लागू होने के बाद गाड़ियों के ओरिजिनल कागजात नहीं रहने पर ट्रैफिक पुलिस चालान काट रही थी जो बिलकुल गलत है. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, परिवहन विभाग के सचिव और परिवहन आयुक्त को इस बाबत पत्र भेजा गया है.

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आम लोगों को भारी परेशानी
पत्र में कहा गया है कि आम लोगों की तरफ से मंत्रालय को शिकायत मिली है कि एम-परिवहन और डीजी-लॉकर ऐप पर दर्ज ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, नो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस के कागजात अमान्य बताकर चालान काटा जा रहा है. इसकी वजह से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है.

ऐप पर दर्ज कागजात को वैध माना जाएगा
पत्र में कहा गया है कि 8 अगस्त 2018 को मंत्रालय की ओर से इस पर निर्देश भी जारी किया गया था और कहा गया था कि ऐप पर दर्ज कागजात को वैध माना जाएगा. पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 139 में संशोधन करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी के पास ड्राइविंग लाइसेंस समेत गाड़ियों के अन्य कागजात मौजूद न हो, लेकिन संबंधित कागजात एम-परिवहन और डीजी लॉकर ऐप पर दर्ज हो तो उसे भी वैध माना जाएगा.

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व्यवस्था सुनिश्चित कराने के सुझाव
साथ ही चेकिंग के दौरान गाड़ियों के कागजात की डिजिटल कॉपी दिखाने के लिए मोबाइल पास में न हो तब जांच कर रहे पदाधिकारी अपने स्तर पर एम-परिवहन या ई-चालान ऐप पर ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर या गाड़ी का नंबर डालकर खुद चेक कर सकते हैं. पत्र में जिक्र किया गया है कि मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन का मकसद लोगों की सुरक्षा से जुड़ा है. इसका यह कतई मतलब नहीं की चालान काट कर लोगों को परेशान किया जाए. मंत्रालय ने व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को चिट्ठी निर्गत करने का भी सुझाव दिया है.

रांची/नई दिल्ली: नया मोटर व्हीकल संशोधित कानून लागू होने के बाद जांच के दौरान अगर आप गाड़ियों के ओरिजिनल कागजात अपने पास नहीं रखे हुए हैं, लेकिन गाड़ियों के कागजात का ब्यौरा एम परिवहन और डीजी लॉकर पर दर्ज है तो ट्रैफिक पुलिस या परिवहन पदाधिकारी आप पर जुर्माना नहीं लगा सकते हैं.

परिवहन आयुक्त को भेजा गया पत्र
संशोधित कानून लागू होने के बाद गाड़ियों के ओरिजिनल कागजात नहीं रहने पर ट्रैफिक पुलिस चालान काट रही थी जो बिलकुल गलत है. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, परिवहन विभाग के सचिव और परिवहन आयुक्त को इस बाबत पत्र भेजा गया है.

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आम लोगों को भारी परेशानी
पत्र में कहा गया है कि आम लोगों की तरफ से मंत्रालय को शिकायत मिली है कि एम-परिवहन और डीजी-लॉकर ऐप पर दर्ज ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, नो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस के कागजात अमान्य बताकर चालान काटा जा रहा है. इसकी वजह से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है.

ऐप पर दर्ज कागजात को वैध माना जाएगा
पत्र में कहा गया है कि 8 अगस्त 2018 को मंत्रालय की ओर से इस पर निर्देश भी जारी किया गया था और कहा गया था कि ऐप पर दर्ज कागजात को वैध माना जाएगा. पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 139 में संशोधन करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी के पास ड्राइविंग लाइसेंस समेत गाड़ियों के अन्य कागजात मौजूद न हो, लेकिन संबंधित कागजात एम-परिवहन और डीजी लॉकर ऐप पर दर्ज हो तो उसे भी वैध माना जाएगा.

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व्यवस्था सुनिश्चित कराने के सुझाव
साथ ही चेकिंग के दौरान गाड़ियों के कागजात की डिजिटल कॉपी दिखाने के लिए मोबाइल पास में न हो तब जांच कर रहे पदाधिकारी अपने स्तर पर एम-परिवहन या ई-चालान ऐप पर ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर या गाड़ी का नंबर डालकर खुद चेक कर सकते हैं. पत्र में जिक्र किया गया है कि मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन का मकसद लोगों की सुरक्षा से जुड़ा है. इसका यह कतई मतलब नहीं की चालान काट कर लोगों को परेशान किया जाए. मंत्रालय ने व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को चिट्ठी निर्गत करने का भी सुझाव दिया है.

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