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तरबूज के बर्बाद होने की मिल रही थी शिकायत, विभागीय सचिव ने दिए निर्देश - ranchi minister badal patralekh news

लॉकडाउन और मौसम के कारण झारखंड के कई जिलों में तरबूज की फसल को नुकसान हुआ है. किसानों के खेत में तरबूज बर्बाद हो रहे हैं. इसे लेकर मंत्री बादल पत्रलेख के निर्देश पर विभागीय सचिव ने समिति के सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और निर्देश दिए.

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तरबूज
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Published : May 23, 2021, 1:40 PM IST

रांची: झारखंड के कई जिलों से शिकायतें लगातार आ रही थी कि किसानों के खेत में तरबूज बर्बाद हो रह है. इसे लेकर कृषि एवं पशुपालन विभाग ने उनकी सुध ली है. मंत्री बादल ने इस संबंध में सचिव अबु बकर सिद्दीख को पहल करने को कहा है. डीएचओ और बाजार समिति को आपसी समन्वय बनाते हुए समुचित कदम उठाने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें- CM हेमंत सोरेन ने 12वीं की बोर्ड की परीक्षा को लेकर किया ट्वीट, मांगे सुझाव

विभागीय सचिव ने दिया निर्देश

विभागीय सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार और उद्यान विभाग के निदेशक, वेजफेड(वेजीटेबुल फेडरेशन) के एमडी सहित संबंधित डीएचओ और बाजार समिति के सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई. जहां विभागीय सचिव ने सभी को निर्देश दिया कि वे अभिलंब किसानों के खेतों में पड़े तरबूज की खपत कैसे की जाए, उसे लेकर जिला स्तर पर समन्वय स्थापित करें.


अन्य राज्यों से समन्वय स्थापित कर बाहर भेजे जाएंगे तरबूज

उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर जिन जिलों में तरबूज की खेती नहीं हो रही है, उन जिलों से जहां तरबूज की खेती ज्यादा हो रही है, तरबूज भेजे जाए. राज्य के बाहर कोलकाता, ओडिशा, बिहार और दिल्ली से भी समन्वय स्थापित किए जाएं. बाजार समिति के सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिले में किसानों की तरफ से तरबूज की कितनी पैदावार की जा रही है और खपत की स्थिति क्या है इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और तुरंत में वहां के खरीददारों के साथ बैठक कर किसानों के तरबूज उचित कीमतों पर कैसे लिया जाए इसे देखें.

लॉकडाउन के कारण नहीं मिल रही अच्छी कीमत

जिला उद्यान पदाधिकारी एवं बाजार समिति के सचिव ने विभाग के सचिव को जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन की वजह से खरीददार किसानों को उचित कीमत देने के लिए तैयार नहीं है. विभागीय सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि वह किसान को अपना मेहनतआना मिल सके. उन्हें नुकसान ना हो यह सुनिश्चित करने का काम करें. उनके इसी कार्य कुशलता के आधार पर आने वाले समय में राज्य सरकार उन्हें सम्मानित करने का भी काम करेगी.


वेजफेड बढ़ायेगा रोल
कृषि विभाग के सचिव ने वेजफेड(वेजीटेबुल फेडरेशन) के एमडी को कहा कि इस कोरोना महामारी में भेजफेड को ज्यादा काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने निर्देश दिया है कि राज्य के सभी जिलों में जिला स्तर पर तरबूज की खरीददारी कर घरों तक पहुंचाने का भी काम करें. जिससे किसानों को राहत दिया जा सके. भेजफेड को विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए है. बाजार समिति की सचिव को प्रत्येक दिन के रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.

रिपोर्ट देने के दिए निर्देश
विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारे को न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने को लेकर जल्द बैठक कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि वर्तमान में जो कोल्ड स्टोरेज हैं, उसे और मजबूत करने की आवश्यकता है. वहीं, विभिन्न राज्यों से समन्वय स्थापित करने की भी बातें उन्होंने कही है.


जूस बनाने वाली कंपनी से समन्वय स्थापित
उद्यान विभाग के निदेशक वरुण रंजन ने कहा कि जूस बनाने वाली कंपनी से बात की जा रही है, जो खूंटी के किसानों के तरबूज को लेगी, बिहार, बंगाल और ओडिशा से समन्वय स्थापित किए जा रहे हैं. उन्होंने विभागीय सचिव से आग्रह किया कि विभिन्न जगहों पर किसानों के तरबूज के पैदावार होते हैं. खरीददार को किसी एक पॉइंट को बनाकर वहां से तरबूज दिए जाए. जिससे राज्य के बाहर आसानी से तरबूज भेजे जा सके. विभागीय सचिव ने इसे भी सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारे भी मौजूद थे.

रांची: झारखंड के कई जिलों से शिकायतें लगातार आ रही थी कि किसानों के खेत में तरबूज बर्बाद हो रह है. इसे लेकर कृषि एवं पशुपालन विभाग ने उनकी सुध ली है. मंत्री बादल ने इस संबंध में सचिव अबु बकर सिद्दीख को पहल करने को कहा है. डीएचओ और बाजार समिति को आपसी समन्वय बनाते हुए समुचित कदम उठाने को कहा गया है.

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विभागीय सचिव ने दिया निर्देश

विभागीय सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार और उद्यान विभाग के निदेशक, वेजफेड(वेजीटेबुल फेडरेशन) के एमडी सहित संबंधित डीएचओ और बाजार समिति के सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई. जहां विभागीय सचिव ने सभी को निर्देश दिया कि वे अभिलंब किसानों के खेतों में पड़े तरबूज की खपत कैसे की जाए, उसे लेकर जिला स्तर पर समन्वय स्थापित करें.


अन्य राज्यों से समन्वय स्थापित कर बाहर भेजे जाएंगे तरबूज

उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर जिन जिलों में तरबूज की खेती नहीं हो रही है, उन जिलों से जहां तरबूज की खेती ज्यादा हो रही है, तरबूज भेजे जाए. राज्य के बाहर कोलकाता, ओडिशा, बिहार और दिल्ली से भी समन्वय स्थापित किए जाएं. बाजार समिति के सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिले में किसानों की तरफ से तरबूज की कितनी पैदावार की जा रही है और खपत की स्थिति क्या है इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और तुरंत में वहां के खरीददारों के साथ बैठक कर किसानों के तरबूज उचित कीमतों पर कैसे लिया जाए इसे देखें.

लॉकडाउन के कारण नहीं मिल रही अच्छी कीमत

जिला उद्यान पदाधिकारी एवं बाजार समिति के सचिव ने विभाग के सचिव को जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन की वजह से खरीददार किसानों को उचित कीमत देने के लिए तैयार नहीं है. विभागीय सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि वह किसान को अपना मेहनतआना मिल सके. उन्हें नुकसान ना हो यह सुनिश्चित करने का काम करें. उनके इसी कार्य कुशलता के आधार पर आने वाले समय में राज्य सरकार उन्हें सम्मानित करने का भी काम करेगी.


वेजफेड बढ़ायेगा रोल
कृषि विभाग के सचिव ने वेजफेड(वेजीटेबुल फेडरेशन) के एमडी को कहा कि इस कोरोना महामारी में भेजफेड को ज्यादा काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने निर्देश दिया है कि राज्य के सभी जिलों में जिला स्तर पर तरबूज की खरीददारी कर घरों तक पहुंचाने का भी काम करें. जिससे किसानों को राहत दिया जा सके. भेजफेड को विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए है. बाजार समिति की सचिव को प्रत्येक दिन के रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.

रिपोर्ट देने के दिए निर्देश
विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारे को न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने को लेकर जल्द बैठक कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि वर्तमान में जो कोल्ड स्टोरेज हैं, उसे और मजबूत करने की आवश्यकता है. वहीं, विभिन्न राज्यों से समन्वय स्थापित करने की भी बातें उन्होंने कही है.


जूस बनाने वाली कंपनी से समन्वय स्थापित
उद्यान विभाग के निदेशक वरुण रंजन ने कहा कि जूस बनाने वाली कंपनी से बात की जा रही है, जो खूंटी के किसानों के तरबूज को लेगी, बिहार, बंगाल और ओडिशा से समन्वय स्थापित किए जा रहे हैं. उन्होंने विभागीय सचिव से आग्रह किया कि विभिन्न जगहों पर किसानों के तरबूज के पैदावार होते हैं. खरीददार को किसी एक पॉइंट को बनाकर वहां से तरबूज दिए जाए. जिससे राज्य के बाहर आसानी से तरबूज भेजे जा सके. विभागीय सचिव ने इसे भी सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारे भी मौजूद थे.

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