रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से रांची व्यवहार न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है, लेकिन जैसे-जैसे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई है, वैसे-वैसे तमाम चीजों पर धीरे-धीरे रियायत बरती जा रही है. वहीं, अदालत में अब भी सुनवाई वर्चुअल कोर्ट के ही माध्यम से हो रही है. अधिवक्ता लगातार नए साल से कोर्ट में सुनवाई फिजिकल कोर्ट के माध्यम से हो इसकी मांग कर रहे हैं. राज्य के सभी जिला न्यायालय को भी पहले की तरह रेगुलर करने की मांग उठने लगी है.
लॉकडाउन के दौरान अदालतों में मुकदमे की सुनवाई बाधित न हो इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन फाइलिंग और मामले की सुनवाई की जा रही है. अधिवक्ता की मानें तो अब धीरे-धीरे वर्चुअल कोर्ट से रेगुलर कोर्ट की तरफ जाने की जरूरत है. वहीं, व्यवहार न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता मानते हैं कि वर्चुअल कोर्ट के जरिए सिर्फ बेल और जरूरी मामले की सुनवाई हो रही है लेकिन ट्रायल बाधित हो रहा है.
ये भी पढ़ें-हेमंत सरकार की पहली वर्षगांठ पर कई आयोजन, जानिए सीएम का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम
रांची जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव सह स्टेट बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय विद्रोही ने अदालतों में सुनवाई फिजिकल कोर्ट के माध्यम से हो इसकी वकालत की. इसको लेकर रांची सिविल कोर्ट से 4 जनवरी को पैदल मार्च करते हुए झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से मुलाकात करेंगे और इसके साथ ही बार काउंसिल में विज्ञापन 4 तारीख को सौंपने का काम किया जाएगा.
वहीं, जिला बार एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी पवन खत्री ने कहा कि वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सिर्फ गिने-चुने अधिवक्ताओं को ही काम मिल पा रहा है. बाकी अधिवक्ता दाने-दाने को मोहताज हैं. इसी को लेकर राइट टू इनफार्मेशन के जरिए रांची सिविल कोर्ट से यह मांग की गई थी कि लॉकडाउन के बाद जब से वर्चुअल कोर्ट चल रही है ऐसे में कितने मामलों की सुनवाई हुई है और किन मामलों को कौन सी अदालत में स्थानांतरित किया गया है, लेकिन अदालत ने इसका जवाब नहीं दिया.
कई अधिवक्ता तो वकालत का पेशा छोड़ दूसरे कार्य में भी लग गए हैं. ऐसे में जिला बार एसोसिएशन सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द न्यायालय में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से चल रही सुनवाई को फिजिकल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई की अनुमति दी जाए.
वैश्विक महामारी के मद्देनजर न्यायिक कार्य बाधित ना हो इसको लेकर सरकार की ओर से अदालतों में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है. कोर्ट की सुनवाई भारतीय कानून प्रणाली की रीढ़ मानी जाती है, लेकिन मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए तकनीक का सहारा लेकर न्यायपालिका कार्य कर रही है और इस बीच लगातार न्यायालय में सुनवाई फिजिकल कोर्ट से हो इसकी मांग की जा रही है.