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रांचीः टेक्निकल यूनिवर्सिटी के विभिन्न मुद्दों और छात्रवृत्ति मामले को लेकर NSUI ने सीएम को सौंपा ज्ञापन

रांची में कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई का प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान एनएसयूआई ने सीएम को टेक्निकल यूनिवर्सिटी के विभिन्न मुद्दे और स्कॉलरशिप मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा है.

delegation of Congress student organization met cm
NSUI ने सीएम को सौंपा ज्ञापन
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Published : Apr 7, 2021, 1:08 PM IST

Updated : Apr 7, 2021, 1:41 PM IST

रांचीः कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई झारखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के विभिन्न मुद्दे और स्कॉलरशिप मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा गया.

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दरअसल, एनएसयूआई का कहना है कि तकनीकी शिक्षा में पूर्ववर्ती सरकार की ओर से उत्पन्न कमियों के कारण झारखंड के छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा. तकनीकी शिक्षा संस्थानों में शिक्षक कर्मचारियों की घोर कमी के साथ-साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं जैसे लैब, लाइब्रेरी, परीक्षा, परिणाम से इसमें पढ़ने वाले छात्रों को वंचित रखा जा रहा.

प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि झारखंड के तकनीकी शिक्षा संस्थानों को पीपीपी मोड पर चलाया जा रहा है, जिसके कारण यहां पढ़ने वाले छात्रों को इन संस्थानों में गुणवत्ता और प्रशासनिक जिम्मेवारी की घोर लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि झारखंड के छात्रों को अच्छी तकनीकी शिक्षा से वंचित रखने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने से वर्ष 2018 में झारखंड प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 को संशोधित कर नए संशोधित नियम के जरिए झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में विहित सारी शक्तियों और कृत्यों का हनन कर इसकी अस्मिता को सदैव के लिए मिटाने का प्रयास किया. इस कारण विश्विद्यालय अपने ऐसे कई शक्तियों से वंचित रखा गया है, जो फिर से इस विश्वविद्यालय में विहित कर दिया जाए तो झारखंड के छात्र-छात्राओं के हित में कई क्रांतिकारी बदलाव किए जा सकेंगे.

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उन्होंने कहा कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी की स्थापना 2015 में हुई थी, इसे ऑटोनोमस बनाया गया है लेकिन दुर्भाग्य यह है कि अपनी स्थापना के 5 साल बाद भी इस विश्वविद्यालय को अपनी नियमावली नहीं मिल पायी है. नियमावली ना होने से विवि में नियुक्त होने वाले कुलपतियों के हाथ बंधे होते हैं. क्या करना है, क्या नहीं करना है के चक्कर में महत्वपूर्ण निर्णय नहीं हो पाते, इतनी बड़ी यूनिर्वसिटी बगैर नियमावली फंक्शन कर रहा है.

उन्होंने मांग की है कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी कैंपस में आईआईआईटी की ओर से कैंपस में जबरन कब्जा और लगाए गए बैरिकेडिंग को अविलंब हटाया जाए. साथ ही एसटी, एससी, माइनॉरिटी और बैकवर्ड क्लास वेलफेयर मंत्रालय के ई कल्याण योजना की ओर से मिलने वाले छात्रवृत्ति का समय अवधि विस्तार किया जाए और पोर्टल कुछ दिनों के लिए फिर से खोल दिया जाए.

इन सभी मुद्दों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी के मामले को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बैठक कर जल्द निर्णय लिया जाएगा और छात्रवृत्ति मामले में छात्र हित में जल्द फैसला लिया जाएगा.

रांचीः कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई झारखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के विभिन्न मुद्दे और स्कॉलरशिप मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा गया.

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दरअसल, एनएसयूआई का कहना है कि तकनीकी शिक्षा में पूर्ववर्ती सरकार की ओर से उत्पन्न कमियों के कारण झारखंड के छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा. तकनीकी शिक्षा संस्थानों में शिक्षक कर्मचारियों की घोर कमी के साथ-साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं जैसे लैब, लाइब्रेरी, परीक्षा, परिणाम से इसमें पढ़ने वाले छात्रों को वंचित रखा जा रहा.

प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि झारखंड के तकनीकी शिक्षा संस्थानों को पीपीपी मोड पर चलाया जा रहा है, जिसके कारण यहां पढ़ने वाले छात्रों को इन संस्थानों में गुणवत्ता और प्रशासनिक जिम्मेवारी की घोर लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि झारखंड के छात्रों को अच्छी तकनीकी शिक्षा से वंचित रखने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने से वर्ष 2018 में झारखंड प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 को संशोधित कर नए संशोधित नियम के जरिए झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में विहित सारी शक्तियों और कृत्यों का हनन कर इसकी अस्मिता को सदैव के लिए मिटाने का प्रयास किया. इस कारण विश्विद्यालय अपने ऐसे कई शक्तियों से वंचित रखा गया है, जो फिर से इस विश्वविद्यालय में विहित कर दिया जाए तो झारखंड के छात्र-छात्राओं के हित में कई क्रांतिकारी बदलाव किए जा सकेंगे.

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उन्होंने कहा कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी की स्थापना 2015 में हुई थी, इसे ऑटोनोमस बनाया गया है लेकिन दुर्भाग्य यह है कि अपनी स्थापना के 5 साल बाद भी इस विश्वविद्यालय को अपनी नियमावली नहीं मिल पायी है. नियमावली ना होने से विवि में नियुक्त होने वाले कुलपतियों के हाथ बंधे होते हैं. क्या करना है, क्या नहीं करना है के चक्कर में महत्वपूर्ण निर्णय नहीं हो पाते, इतनी बड़ी यूनिर्वसिटी बगैर नियमावली फंक्शन कर रहा है.

उन्होंने मांग की है कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी कैंपस में आईआईआईटी की ओर से कैंपस में जबरन कब्जा और लगाए गए बैरिकेडिंग को अविलंब हटाया जाए. साथ ही एसटी, एससी, माइनॉरिटी और बैकवर्ड क्लास वेलफेयर मंत्रालय के ई कल्याण योजना की ओर से मिलने वाले छात्रवृत्ति का समय अवधि विस्तार किया जाए और पोर्टल कुछ दिनों के लिए फिर से खोल दिया जाए.

इन सभी मुद्दों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी के मामले को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बैठक कर जल्द निर्णय लिया जाएगा और छात्रवृत्ति मामले में छात्र हित में जल्द फैसला लिया जाएगा.

Last Updated : Apr 7, 2021, 1:41 PM IST
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