रांची: झारखंड में लंबे समय से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रहे लोगों को राज्य सरकार मालिकाना हक देने जा रही है. ऐसे लोगों को सरकार की तरफ से मुफ्त में तीन डिसमिल जमीन और उसपर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना बनाया घर मिलेगा. ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव पर सीएम हेमंत सोरेन ने मंजूरी प्रदान करते हुए भूमिहीनों का सर्वे कराने का आदेश दिया है.
ये भी पढे़ं- पहाड़िया जनजाति को मूलभूत सुविधा दिए जाने की मांग, झारखंड हाई कोर्ट में पीआईएल दायर
जमीन के साथ रोजगार की भी व्यवस्था
इस योजना के तहत राज्य सरकार गैरमजरूआ जमीन पर अतिक्रमण कर लंबे समय से किसी तरह से झोपड़ी में रह रहे भूमिहीनों को घर देगी. लोगों को घर के अलावे पशु शेड के लिए सरकार पैसा मुहैया करायेगी. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सरकार के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि सरकार की तरफ से ऐसे भूमिहीनों को मुफ्त बिजली और गैस कनेक्शन भी देगी ताकी ये लोग सम्मानित जीवन जी सके.
कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री की सहमति के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखे जाने की तैयारी की जा रही है. माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला लंबे समय से अतिक्रमित सरकारी जमीन को खाली कराने में विफल होने के बाद लिया है. जिसका लाभ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित लाभुकों को मिलेगा.
सरकार की योजना का स्वागत
राज्य सरकार के इस फैसले का भूमिहीनों ने स्वागत किया है. रांची में सड़क किनारे सरकारी जमीन पर रहने वाले 40 वर्षीय राजू की माने तो वे 1992 से सरकारी जमीन पर घर बनाकर जैसे-तैसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं. अब इस फैसले से उनका अपनी जमीन और पक्के घर का सपना साकार हो जाएगा. इसी तरह रमेश शर्मा का कहना है कि सरकार की इस योजना से उनके जैसे भूमिहीनों को जमीन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.