रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर जेल में बंद कैदियों की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति का संरक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही पता लगाया जा रहा है कि कमाने वाले महिला और पुरुष सदस्य के जेल जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी है ताकि गरीबी रेखा से नीचे वाले कैदियों के परिवारों की देखरेख प्रशासन की ओर से कराई जा सके.
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जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि परिवार के किसी सदस्य को अपराध की सजा पूरे परिवार को न भुगतना पड़े इस को ध्यान रखते हुए झालसा की योजना के तहत सुधारात्मक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. न्यायालय के संज्ञान में यह आया है कि कमाऊ सदस्य के जेल जाने के बाद परिवार के अन्य सदस्य भी अपराध की राह पकड़ लेते हैं, क्योंकि उनकी घर की स्थिति खराब हो जाती है. ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकार वैसे 41 विचाराधीन कैदियों की सूची तैयार की है जिनके परिवार में कमाऊ सदस्य जेल में बंद है.