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डालसा ने तैयारी की 41 विचाराधीन कैदियों की सूची, कल्याणकारी योजना के तहत परिवार को पहुंचाएगी लाभ - रांची में जन कल्याणकारी योजना के तहत झालसा करेगी मदद

झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर जेल में बंद कैदियों की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति का संरक्षण किया जा रहा है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा सभी क्षेत्र के पीएलबी की टीम गठित कर वैसे विचाराधीन बंदियों के घर जाकर उसके परिवार से मिलकर उनकी स्थिति की जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार में उपलब्ध करा रही है, ताकि जन कल्याणकारी योजना से जोड़कर लाभ दिलाया जा सके.

Dalsa will help the families of prisoner in ranchi
डालसा कैदियों के परिवार की मदद करेगी
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Published : Jun 24, 2020, 8:24 PM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर जेल में बंद कैदियों की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति का संरक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही पता लगाया जा रहा है कि कमाने वाले महिला और पुरुष सदस्य के जेल जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी है ताकि गरीबी रेखा से नीचे वाले कैदियों के परिवारों की देखरेख प्रशासन की ओर से कराई जा सके.

देखें पूरी खबर
झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एससी मिश्रा के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा ने कर्तव्य योजना के तहत कैदियों को मदद पहुंचाने जा रही है और इस निर्देश के संबंध में डालसा सचिव लगातार बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में कार्यरत पीएलबी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर सूची तैयार करने का निर्देश दिए. जिस में विचाराधीन बंदियों के परिवार से मिलकर उनको लाभकारी योजना से जुड़ कर सहायता प्रदान की जाएगी. जिससे उनकी स्थिति में सुधार आ सकेगा. वैसे विचाराधीन बंधुओं की सूची जेल के कार्यरत पीएलबी के द्वारा जेल अधीक्षक के सहयोग से डालसा कार्यालय में उपलब्ध कराया गया. प्रथम चरण में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से 41 बंदियों की सूची डालसा कार्यालय में उपलब्ध करा दी गई है.जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा सभी क्षेत्र के पीएलबी की टीम गठित कर वैसे विचाराधीन बंदियों के घर जाकर उसके परिवार से मिलकर उनकी स्थिति की जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार में उपलब्ध करा रही है, ताकि जन कल्याणकारी योजना से जोड़कर लाभ दिलाया जा सके.

ये भी पढ़ें- रांची: झारखंड उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में सुनवाई शुरू, जस्टिस तपन सेन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की सुनवाई

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि परिवार के किसी सदस्य को अपराध की सजा पूरे परिवार को न भुगतना पड़े इस को ध्यान रखते हुए झालसा की योजना के तहत सुधारात्मक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. न्यायालय के संज्ञान में यह आया है कि कमाऊ सदस्य के जेल जाने के बाद परिवार के अन्य सदस्य भी अपराध की राह पकड़ लेते हैं, क्योंकि उनकी घर की स्थिति खराब हो जाती है. ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकार वैसे 41 विचाराधीन कैदियों की सूची तैयार की है जिनके परिवार में कमाऊ सदस्य जेल में बंद है.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर जेल में बंद कैदियों की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति का संरक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही पता लगाया जा रहा है कि कमाने वाले महिला और पुरुष सदस्य के जेल जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी है ताकि गरीबी रेखा से नीचे वाले कैदियों के परिवारों की देखरेख प्रशासन की ओर से कराई जा सके.

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झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एससी मिश्रा के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा ने कर्तव्य योजना के तहत कैदियों को मदद पहुंचाने जा रही है और इस निर्देश के संबंध में डालसा सचिव लगातार बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में कार्यरत पीएलबी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर सूची तैयार करने का निर्देश दिए. जिस में विचाराधीन बंदियों के परिवार से मिलकर उनको लाभकारी योजना से जुड़ कर सहायता प्रदान की जाएगी. जिससे उनकी स्थिति में सुधार आ सकेगा. वैसे विचाराधीन बंधुओं की सूची जेल के कार्यरत पीएलबी के द्वारा जेल अधीक्षक के सहयोग से डालसा कार्यालय में उपलब्ध कराया गया. प्रथम चरण में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से 41 बंदियों की सूची डालसा कार्यालय में उपलब्ध करा दी गई है.जिला विधिक सेवा प्राधिकार डालसा सभी क्षेत्र के पीएलबी की टीम गठित कर वैसे विचाराधीन बंदियों के घर जाकर उसके परिवार से मिलकर उनकी स्थिति की जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार में उपलब्ध करा रही है, ताकि जन कल्याणकारी योजना से जोड़कर लाभ दिलाया जा सके.

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जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि परिवार के किसी सदस्य को अपराध की सजा पूरे परिवार को न भुगतना पड़े इस को ध्यान रखते हुए झालसा की योजना के तहत सुधारात्मक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. न्यायालय के संज्ञान में यह आया है कि कमाऊ सदस्य के जेल जाने के बाद परिवार के अन्य सदस्य भी अपराध की राह पकड़ लेते हैं, क्योंकि उनकी घर की स्थिति खराब हो जाती है. ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकार वैसे 41 विचाराधीन कैदियों की सूची तैयार की है जिनके परिवार में कमाऊ सदस्य जेल में बंद है.

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