रांचीः राजधानी में स्मार्ट पुलिसिंग के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. जिले में साइबर अपराधियों के हाथों ठगा गया एक युवक पिछले दो दिनों से इस थाने से उस थाने भटकता रहा. पीड़ित युवक ने दो थाने, हटिया एएसपी कार्यालय और साइबर सेल का चक्कर काटा लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई. जबकि एसएसपी ने ज्वॉइन करने के बाद स्मार्ट पुलिसिंग और संवेदनशील पुलिसिंग के दावे किए थे, लेकिन निचले स्तर पर हकीकत कुछ और ही है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल रांची के पुंदाग निवासी युवक मोहम्मद इस्माइल अंसारी के खाते से साइबर अपराधियों ने 3500 रुपये का फ्रॉड कर लिया. इसकी शिकायत करने युवक पुंदाग थाने गया. वहां उसकी फरियाद सुने बगैर लौटा दिया गया. कहा गया तुमने ही गलती की है. वहां से लौटकर पीड़ित जगन्नाथपुर थाने पहुंचा. वहां बोला गया कि यह पुंदाग क्षेत्र का मामला है, वहीं जाओ. पीड़ित वहां से हटिया एएसपी कार्यालय पहुंचा, तो वहां से भी लौटा दिया गया. आखिर में वह कंट्रोल रूम स्थित साइबर सेल पहुंचा. वहां से उसे कोरोना संक्रमण की बात कह घुसने नहीं दिया गया.
थक हारकर युवक ने इसकी शिकायत एसएसपी और सिटी एसपी से की. इस शिकायत के बाद पुलिस थोड़ी हरकत में आई लेकिन अबतक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. इधर, थानों में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद बाहरी कामकाज की व्यवस्था का दावा किया जा रहा है. ड्रॉपबॉक्स में शिकायत डालने या वाट्स एप पर शिकायत पर कार्रवाई की बात कही जा रही. लेकिन इस्माइल के मामले ने पूरी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है.
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थाने बुलाकर फटकारा
एसएसपी से शिकायत के बाद पुंदाग थाने की पुलिस थोड़ी हरकत में आई, लेकिन बुधवार की शाम थाने बुलाकर पुलिसकर्मियों ने युवक को फिर फटकार लगाई. उसे कहा गया कि खुद की गलती देखा करो, तभी इधर-उधर शिकायत किया करो. इसके बाद युवक को साइबर फ्रॉड से वीडियो कॉल करने और उसकी स्क्रीनशॉट लेने को कहा गया. इसके साथ ही फ्रॉड का लाइव लोकेशन मंगवाने की भी बात कही गई. इससे पहले जब इस्माइल के खाते से 14 जुलाई को निकासी हुई तो वह सीधे पुंदाग थाना पहुंचा था. वहां शिकायत सुनने के बजाए मौजूद पुलिसकर्मी उसी पर भड़क गए और उसे लौटा दिया गया. परेशान होकर हटिया एएसपी के पास शिकायत के लिए गया तो वहां भी किसी ने फरियाद नहीं सुनी गई. हालांकि मामला वायरल होने पर बुधवार देर रात थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है.
आदेश की अनदेखी करते थानेदार
थाना स्तर पर आदेश की अनदेखी जारी है. डीजीपी ने थानों में पीड़ितों की फरियाद सुनने का स्पष्ट निर्देश दिया है. जबकि तत्कालीन एसएसपी अनीश गुप्ता ने निर्देश दिया था कि साइबर फ्रॉड के पीड़ित जहां पहुंच जाएं, वहीं एफआइआर दर्ज किया जाए, लेकिन थानों में मनमानी जारी है.