रांची: झारखंड में फेसबुक के माध्यम से आपराधिक गैंग्स तैयार किए जा रहे हैं. इन नए गैंग्स को झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद बड़े अपराधी ऑपरेट कर रहे हैं. पुलिस अपराधियों को जेल में बंद कर निश्चिंत हो जाती है. लेकिन जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से लगातार जेल में बंद अपराधी बाहर अपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवा रहे हैं. रंगदारी के मामले में रांची पुलिस के द्वारा गढ़वा से गिरफ्तार अमित चौधरी ने जो खुलासा किया है, वह बेहद चौंकाने वाला है.
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पुलिस के पूछताछ में अमित चौधरी ने बताया है कि वह पिछले तीन महीनों से धनबाद जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के संपर्क में था. सुजीत सिन्हा जेल से ही तीन महीने से उसे व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर के जरिए नए-नए आदेश दे रहा था. अब सवाल उठने लगा है कि आखिर धनबाद जेल में सुजीत सिन्हा को मोबाइल कौन पहुंचा रहा है. जेल की सुरक्षा में ही अपराधियों ने सेंधमारी कैसे कर ली है?
फेसबुक से तैयार हो रहे गैंग्स
अमित चौधरी ने अपने इकबालिया बयान में यह बताया कि झारखंड और यूपी के बड़े-बड़े गैंगस्टर्स फेसबुक पर सक्रिय हैं. फेसबुक पर बदमाश कंपनी और गैंग्स्टर जैसे पेज बने हुए हैं. इस पेज के माध्यम से वैसे बेरोजगार युवक जो बड़े गैंगस्टर के लाइफस्टाइल को देख कर उनके जैसा बनना चाहते हैं, वो गैंग ज्वाइन करते हैं. धनबाद जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा फेसबुक के माध्यम से ही नए लड़कों को अपने गैंग में भर्ती कर उनसे अपराध की वारदातों को अंजाम दिलवा रहा हैं.
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फेसबुक के जरिये कुख्यात अपराधी से जुड़ा था अमित
रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि अमित चौधरी सुजीत सिन्हा से फेसबुक के माध्यम से जुड़ा था. उसने झारखंड के कई गैंगस्टर्स से संपर्क किया था, ताकि उसे काम मिल सके. इसी बीच फेसबुक के माध्यम से उसकी दो कुख्यात अपराधियों से पहचान हो गई. जिनमें सुजीत और अभिषेक पंडित शामिल थे. अमित चौधरी की काबिलियत को देखते हुए सुजीत सिन्हा ने उसका प्रयोग कारोबारियों से रंगदारी मांगने के लिए शुरू किया. अमित चौधरी बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन साइट्स और कारोबारियों के ठिकानों की वीडियोग्राफी के साथ-साथ फोटो खींचकर सुजीत सिन्हा के पास भेजता था. जिसके बाद उनसे रंगदारी की डिमांड की जाती थी.
अभिषेक पंडित ने अवैध हथियार के धंधे में उतारा
अमित चौधरी और उसका एक और दोस्त फेसबुक के जरिए ही यूपी के अपराधी अभिषेक पंडित के संपर्क में आए थे. अभिषेक पंडित ने उन्हें अपने गैंग को झारखंड में स्थापित करने के लिए कहा था. बकायदा उन्हें अवैध हथियार के धंधे में शामिल होने का न्योता दिया था और यह बताया था कि उन्हें जो भी हथियार चाहिए, वह उन्हें यूपी से उपलब्ध करवा दिया जाएगा. उसे वह झारखंड के अपराधियों के बीच बेच सकते हैं. पुलिस ने अमित चौधरी का जो मोबाइल बरामद किया है, उसके चैट बेहद चौंकाने वाले हैं. चैट से यह साबित होता है कि अमित चौधरी सुजीत सिन्हा और अभिषेक पंडित से लगातार संपर्क में था. व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर में बड़े-बड़े कारोबारियों से कैसे पैसा वसूलना है. जो पैसा नहीं दे उनके यहां कब हमला करना है. इन सबकी जानकारी थी. इन सबके अलावा हथियारों की तस्वीर भी चैट में मौजूद है.
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कोर्ट पर हमले का दिया था उदाहरण
अभिषेक पंडित और अमित चौधरी के चैट में यह भी जिक्र है कि अभिषेक पंडित का गिरोह बेहद मजबूत है और वह जल्द ही झारखंड पर राज करेगा. अभिषेक पंडित ने चैट में यह दावा भी किया है कि जिस तरह दिल्ली के एक कोर्ट में गैंगवार हुआ था. उसमें कई बड़े अपराधी शामिल थे. लेकिन उसके गिरोह में उनसे से भी ज्यादा ताकतवर और बेहतरीन अपराधी हैं.
सबसे ज्यादा जेल पर ही उठ रहे सवाल
हाल के दिनों में झारखंड पुलिस को अगर किसी ने सबसे ज्यादा परेशान किया है तो उनमें तीन गैंगस्टर प्रमुख है. तीनों ही जेल में बंद है. सुजीत सिन्हा और अमन सिंह धनबाद जेल में बंद है. वहीं अमन साव रांची जेल में बंद है. सबसे हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि कोविड संक्रमण के बाद से ही झारखंड के अधिकांश जिलों में सीधे तौर पर कैदियों से मुलाकात पर पाबंदी है. वकील भी अपने मुवक्किल से मुलाकात नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन जेल में बड़े आराम से गैंगस्टर फोन पर बातें कर रहे हैं और अपने गुर्गों को जेल के बाहर कांड करने की हिदायत दे रहे हैं.
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जेल की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश
जेल के अंदर बैठे गैंगस्टर झारखंड पुलिस के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच जेल प्रशासन पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी अभियान अमोल होमकर के अनुसार हाल के दिनों में रंगदारी से जुड़े कई मामले सामने आए हैं. जिन लोगों से रंगदारी मांगी गई है, उनकी सुरक्षा भी बढ़ाई गई है. वहीं झारखंड पुलिस की तरफ से एक विशेष टीम भी बनाई गई है, जो जेल में बंद गैंगस्टर पर नजर रख रही है. आईजी अभियान के अनुसार झारखंड पुलिस की तरफ से सभी जेलों के अधीक्षकों को पत्र लिखकर जेल की सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया गया है.