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झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या 100000 के पार, रिकवरी रेट बढ़ने से राहत - झारखंड कोरोना न्यूज

झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख से ज्यादा हो चुकी है. राहत की बात ये है कि झारखंड में कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी रेट 93.66% है. यानी प्रत्येक एक सौ संक्रमित मरीजों में 93.66 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़ें.

coronavirus in jharkhand crosses one lakh figure
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Published : Oct 27, 2020, 10:37 PM IST

रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है. झारखंड में फिलहाल 1 लाख 224 टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आए हैं. इनमें 93,874 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 876 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

क्या कहते हैं आंकड़े

  • झारखंड में अब तक कुल 31 लाख 52 हजार 647 सैंपल की कोरोना जांच कराई गई है. इसमें 1,00,224 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. राज्य में अब तक 93,874 कोरोना संक्रमित स्वस्थ्य हो चुके हैं और 5,474 लोगों का इलाज किया जा रहा है.
  • यहां स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर बढ़कर 93.66 प्रतिशत तक जा पहुंची है, जो राष्ट्रीय औसत 90.60 प्रतिशत से करीब 3.06 प्रतिशत ज्यादा है. इसके साथ ही मृत्यु दर 0.87 प्रतिशत है, यह भी राष्ट्रीय औसत 1.50 प्रतिशत से काफी कम हैं. एक हफ्ते के आंकड़े बताते हैं कि संक्रमण बढ़ने की दर फिलहाल 0.4 प्रतिशत है.
  • कोरोना संक्रमण के मामले में झारखंड देश में 19वें नंबर पर है. सबसे पहले नंबर पर महाराष्ट्र, दूसरे नंबर पर आंध्रप्रदेश और तीसरे नंबर पर कर्नाटक है.
  • झारखंड में प्रति दस लाख 2680 लोग कोरोना पॉजिटिव टेस्ट किया गया है. रिकवरी रेट 93.66 प्रतिशत होने का मतलब है कि प्रति सौ कोरोना पॉजिटिव मरीजों में करीब 94 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. ठीक ऐसे ही मृत्यु दर 0.87 प्रतिशत का अर्थ है कि प्रति सौ कोरोना पॉजिटिव मरीजों में औसतन 9 लोगों की मौत हो जाती है. इसी तरह प्रति सौ कोरोनो पॉजिटिव मरीजों में 5.5 प्रतिशत यानी करीब 5 केस एक्टिव हैं.

ये भी पढ़ें-कोरोना : दूसरे देशों में बिगड़े हालात भारत के लिए सीख, रिकवरी रेट 90 % से ज्यादा

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हाजी हुसैन अंसारी का निधन

आम से लेकर खास तक आए चपेट में

कोरोना वायरस ने आम लोगों से लेकर वीआईपी नेताओं और अधिकारियों तक को नहीं बख्शा. कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद 3 अक्टूबर को हाजी हुसैन अंसारी का निधन हो गया. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें 23 सितंबर को रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के दौरान उनकी कोरोना निगेटिव आई थी लेकिन इसी दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. देवघर के मधुपुर विधानसभा सीट से विधायक हाजी हुसैन अंसारी झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे.

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शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का इलाज जारी

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो को भी कोरोना वायरस का गंभीर संक्रमण है. उन्हें बेहतर इलाज के लिए चेन्नई स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जगन्नाथ महतो 28 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव हुए थे. उन्हें पहले रिम्स के कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था लेकिन एक अक्तूबर को रांची के एमजीएम अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था.

नेताओं की लिस्ट में टुंडी से झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर सबसे पहले कोरोना के शिकार हुए. सात जुलाई को दोनों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और इसके बाद इलाज कराकर वे स्वस्थ हो चुके हैं. राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, रांची विधानसभा सीट से भाजपा विधायक सीपी सिंह, गोमिया सीट से आजसू विधायक लंबोदर महतो, सारठ से भाजपा विधायक रणधीर सिंह, महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह, हजारीबाग जिले के मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल, बगोदर से भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह, पांकी से भाजपा विधायक शशि भूषण मेहता और बड़कागांव सीट से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद, पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता और झामुमो महिला मोर्चा की अध्यक्ष महुआ माजी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. इन माननीयों ने कोरोना को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली है. इसके साथ ही कई विभागों के अधिकारी, डॉक्टर और नर्स भी कोरोना को हरा चुके हैं.

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कोरोना को हराने की मुहिम

कब सामने आया था सबसे पहला मामला

झारखंड में कोराना संक्रमण का पहला मामला 31 मार्च 2020 को रांची सामने आया था. करीब 22 साल की युवती 17 मार्च को मलेशिया से आई थी, जिसे कोराना का संक्रमण था. पुलिस ने हिंदपीढ़ी की बड़ी मस्जिद से 26 विदेशी नागरिकों को पकड़ा था, तब सभी का कोरोना टेस्ट करवाने पर पहला पॉजिटिव केस सामने आया था. कोरोना से संक्रमण के बाद पहली मौत की खबर बोकारो के गोमिया से मिली. यहां 8 अप्रैल को 72 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी. शुरुआत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी थी लेकिन बाद में प्रवासी कामगारों की वापसी और जांच की सुविधा बढ़ने पर संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा होने लगा.

ये भी पढ़ें-तीसरी आंख से लैस हुई रांची, ट्रैफिक व्यवस्था होगी स्मूथ, नपेंगे क्रिमिनल

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रांची का रिम्स अस्पताल

किन जिलों में सबसे ज्यादा असर

झारखंड में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले रांची में मिले हैं. रांची में अब तक 25,116 लोगों को कोरोना का संक्रमण हो चुका है. दूसरे नंबर पर पूर्वी सिंहभूम जिला है, जहां 16,041 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. तीसरे नंबर के जिले धनबाद में 6,145 लोग कोरोना की चपेट में आए.

कोरोना संक्रमण के बाद मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा 332 मरीजों की मौत पूर्वी सिंहभूम जिले में दर्ज की गई है. दूसरे नंबर पर रांची जिला है, जहां 171 मरीजों को जान गंवानी पड़ी. 80 मरीजों की मौत के साथ धनबाद जिला तीसरे नंबर पर है.

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कोरोना की जांच के लिए सैंपल

किन जिलों में सबसे कम असर

झारखंड में कोरोना संक्रमण के सबसे कम मामले पाकुड़ में मिले हैं. पाकुड़ जिले में 840 लोगों को कोरोना का शिकार होना पड़ा. इसके बाद दूसरे नंबर पर जामताड़ा है, जहां 1030 लोग कोरोना से संक्रमित हुए. तीसरे नंबर पर दुमका जिला है. दुमका में 1226 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. कोरोना से सबसे कम मौत वाले जिलों में गुमला, जामताड़ा और पाकुड़ है, जहां सिर्फ 2-2 मरीजों की मौत हुई है.

रांचीः झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है. झारखंड में फिलहाल 1 लाख 224 टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आए हैं. इनमें 93,874 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 876 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

क्या कहते हैं आंकड़े

  • झारखंड में अब तक कुल 31 लाख 52 हजार 647 सैंपल की कोरोना जांच कराई गई है. इसमें 1,00,224 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. राज्य में अब तक 93,874 कोरोना संक्रमित स्वस्थ्य हो चुके हैं और 5,474 लोगों का इलाज किया जा रहा है.
  • यहां स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर बढ़कर 93.66 प्रतिशत तक जा पहुंची है, जो राष्ट्रीय औसत 90.60 प्रतिशत से करीब 3.06 प्रतिशत ज्यादा है. इसके साथ ही मृत्यु दर 0.87 प्रतिशत है, यह भी राष्ट्रीय औसत 1.50 प्रतिशत से काफी कम हैं. एक हफ्ते के आंकड़े बताते हैं कि संक्रमण बढ़ने की दर फिलहाल 0.4 प्रतिशत है.
  • कोरोना संक्रमण के मामले में झारखंड देश में 19वें नंबर पर है. सबसे पहले नंबर पर महाराष्ट्र, दूसरे नंबर पर आंध्रप्रदेश और तीसरे नंबर पर कर्नाटक है.
  • झारखंड में प्रति दस लाख 2680 लोग कोरोना पॉजिटिव टेस्ट किया गया है. रिकवरी रेट 93.66 प्रतिशत होने का मतलब है कि प्रति सौ कोरोना पॉजिटिव मरीजों में करीब 94 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. ठीक ऐसे ही मृत्यु दर 0.87 प्रतिशत का अर्थ है कि प्रति सौ कोरोना पॉजिटिव मरीजों में औसतन 9 लोगों की मौत हो जाती है. इसी तरह प्रति सौ कोरोनो पॉजिटिव मरीजों में 5.5 प्रतिशत यानी करीब 5 केस एक्टिव हैं.

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coronavirus in jharkhand crosses one lakh figure
हाजी हुसैन अंसारी का निधन

आम से लेकर खास तक आए चपेट में

कोरोना वायरस ने आम लोगों से लेकर वीआईपी नेताओं और अधिकारियों तक को नहीं बख्शा. कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद 3 अक्टूबर को हाजी हुसैन अंसारी का निधन हो गया. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें 23 सितंबर को रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के दौरान उनकी कोरोना निगेटिव आई थी लेकिन इसी दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. देवघर के मधुपुर विधानसभा सीट से विधायक हाजी हुसैन अंसारी झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे.

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शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का इलाज जारी

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो को भी कोरोना वायरस का गंभीर संक्रमण है. उन्हें बेहतर इलाज के लिए चेन्नई स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जगन्नाथ महतो 28 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव हुए थे. उन्हें पहले रिम्स के कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था लेकिन एक अक्तूबर को रांची के एमजीएम अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था.

नेताओं की लिस्ट में टुंडी से झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर सबसे पहले कोरोना के शिकार हुए. सात जुलाई को दोनों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और इसके बाद इलाज कराकर वे स्वस्थ हो चुके हैं. राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, रांची विधानसभा सीट से भाजपा विधायक सीपी सिंह, गोमिया सीट से आजसू विधायक लंबोदर महतो, सारठ से भाजपा विधायक रणधीर सिंह, महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह, हजारीबाग जिले के मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल, बगोदर से भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह, पांकी से भाजपा विधायक शशि भूषण मेहता और बड़कागांव सीट से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद, पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता और झामुमो महिला मोर्चा की अध्यक्ष महुआ माजी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. इन माननीयों ने कोरोना को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली है. इसके साथ ही कई विभागों के अधिकारी, डॉक्टर और नर्स भी कोरोना को हरा चुके हैं.

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कोरोना को हराने की मुहिम

कब सामने आया था सबसे पहला मामला

झारखंड में कोराना संक्रमण का पहला मामला 31 मार्च 2020 को रांची सामने आया था. करीब 22 साल की युवती 17 मार्च को मलेशिया से आई थी, जिसे कोराना का संक्रमण था. पुलिस ने हिंदपीढ़ी की बड़ी मस्जिद से 26 विदेशी नागरिकों को पकड़ा था, तब सभी का कोरोना टेस्ट करवाने पर पहला पॉजिटिव केस सामने आया था. कोरोना से संक्रमण के बाद पहली मौत की खबर बोकारो के गोमिया से मिली. यहां 8 अप्रैल को 72 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी. शुरुआत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी थी लेकिन बाद में प्रवासी कामगारों की वापसी और जांच की सुविधा बढ़ने पर संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा होने लगा.

ये भी पढ़ें-तीसरी आंख से लैस हुई रांची, ट्रैफिक व्यवस्था होगी स्मूथ, नपेंगे क्रिमिनल

coronavirus in jharkhand crosses one lakh figure
रांची का रिम्स अस्पताल

किन जिलों में सबसे ज्यादा असर

झारखंड में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले रांची में मिले हैं. रांची में अब तक 25,116 लोगों को कोरोना का संक्रमण हो चुका है. दूसरे नंबर पर पूर्वी सिंहभूम जिला है, जहां 16,041 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. तीसरे नंबर के जिले धनबाद में 6,145 लोग कोरोना की चपेट में आए.

कोरोना संक्रमण के बाद मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा 332 मरीजों की मौत पूर्वी सिंहभूम जिले में दर्ज की गई है. दूसरे नंबर पर रांची जिला है, जहां 171 मरीजों को जान गंवानी पड़ी. 80 मरीजों की मौत के साथ धनबाद जिला तीसरे नंबर पर है.

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कोरोना की जांच के लिए सैंपल

किन जिलों में सबसे कम असर

झारखंड में कोरोना संक्रमण के सबसे कम मामले पाकुड़ में मिले हैं. पाकुड़ जिले में 840 लोगों को कोरोना का शिकार होना पड़ा. इसके बाद दूसरे नंबर पर जामताड़ा है, जहां 1030 लोग कोरोना से संक्रमित हुए. तीसरे नंबर पर दुमका जिला है. दुमका में 1226 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. कोरोना से सबसे कम मौत वाले जिलों में गुमला, जामताड़ा और पाकुड़ है, जहां सिर्फ 2-2 मरीजों की मौत हुई है.

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