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टीकाकरण मामले में सीएम समेत पांच मंत्रियों के जिले फिसड्डी, पीएम को करनी पड़ रही है चिंता, भाजपा ने घेरा - झारखंड में टीकाकरण

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कई बार आगह किया गया है. कई लोग ये भी मान रहे हैं कि त्यौहारों के सीजन के बाद कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है. इससे बचने का सिर्फ एक ही उपाय है वह है टीकाकरण. लेकिन इस मामले में झारखंड में मंत्री और मुख्यमंत्री के ही जिले फिसड्डी साबित हो रहे हैं.

corona vaccination in jharkhand
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Published : Nov 3, 2021, 3:11 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 3:48 PM IST

रांची: झारखंड के सत्ता पक्ष को यह बात जरूर बुरी लगेगी लेकिन सच को झुठलाया भी नहीं जा सकता. बात ही कुछ ऐसी है. पूरा विश्व टीकाकरण पर फोकस कर रहा है. सभी मान रहे हैं कोविड अभी गया नहीं है. फिलहाल बचाव का एकमात्र उपाय है टीकाकरण. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत उनके कैबिनेट के चार मंत्रियों के जिलों में टीकाकरण की हालत सबसे बदत्तर है.

कोरोना टीकाकरण में राष्ट्रीय स्तर पर खराब परफॉर्मेंस करने वाले जिलों में झारखंड के नौ जिलों के नाम शुमार हैं. इनमें पांच जिले वैसे हैं जिनका प्रतिनिधित्व या तो मुख्यमंत्री करते हैं या फिर मंत्री. सबसे खराब स्थिति झामुमो विधायक सह पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के गढ़वा जिले की है. यहां सिर्फ 15.46 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिल पाया है. दूसरे स्थान पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का साहिबगंज जिला है. यहां 15.76 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लगा है.

ये भी पढ़ें: कोरोना के संभावित तीसरी लहर से लड़ने को तैयार घाटशिला अनुमंडल अस्पताल, मिलेगी घर जैसी सुविधा

तीसरे स्थान पर कांग्रेस विधायक सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का पाकुड़ जिला है. यहां सिर्फ 16.61 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिला है. चौथे स्थान पर पश्चिम सिंहभूम जिला है. यहां 20.55 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग पाया है. इस जिले का प्रतिनिधित्व झामुमो विधायक सह महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी करती हैं. पांचवा जिला देवघर है. यहां 21.16 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिला है. इस जिले का प्रतिनिधित्व झामुमो विधायक सह खेल एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन करते हैं. इसके अलावा गिरिडीह, गोड्डा, लातेहार और गुमला जिले को भी राष्ट्रीय स्तर पर खराब टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है. दोनों डोज की बात तो दूर, इन जिलों में 60 प्रतिशत पहला डोज भी नहीं लगा है.

एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हर कार्यक्रम में कोविड से लड़ाई और बचाव की बात करने से नहीं चूकते हैं. लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिस साहिगंज जिले के बरहेट विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं, वही जिला टीकाकरण के मामले में पीछे है. विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सीएम की कथनी और करनी में अंतर को यह आंकड़ा आइना दिखा रहा है. वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर फेल है. आम जनता के स्वास्थ्य की इस सरकार को कोई चिंता नहीं है.

ये भी पढ़ें: ISCCM ने जताई तीसरी लहर की आशंका, केंद्र से क्रिटिकल यूनिट स्थापित करने का आग्रह

दीपक प्रकाश ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि सीएम के जिले की ही स्थिति खराब है. उन्होंने अभियान चलाकर टीकाकरण को गति देने का सुझाव दिया. दीपक प्रकाश ने कहा कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस राज्य की चिंता करनी पड़ रही है. पीएम को जिलाधिकारियों से कम टीकाकरण का कारण पूछना पड़ रहा है. इस मसले पर कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई. लेकिन कहीं से जवाब नहीं मिला.

झारखंड में अबतक 2.06 करोड़ टीकाकरण हुआ है. इसमें 1.50 करोड़ लोगों को पहला डोज यानी 62.33 प्रतिशत और 56.49 लाख को दोनों डोज यानी 23.42 प्रतिशत टीका लगा है. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का जिला यानी पूर्वी सिंहभूम टॉप पर है. यहां 40 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग चुका है. दूसरे स्थान पर रांची है. यहां 31 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लगा है. तीसरे स्थान पर 27 प्रतिशत के साथ रामगढ़ जिला है.

रांची: झारखंड के सत्ता पक्ष को यह बात जरूर बुरी लगेगी लेकिन सच को झुठलाया भी नहीं जा सकता. बात ही कुछ ऐसी है. पूरा विश्व टीकाकरण पर फोकस कर रहा है. सभी मान रहे हैं कोविड अभी गया नहीं है. फिलहाल बचाव का एकमात्र उपाय है टीकाकरण. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत उनके कैबिनेट के चार मंत्रियों के जिलों में टीकाकरण की हालत सबसे बदत्तर है.

कोरोना टीकाकरण में राष्ट्रीय स्तर पर खराब परफॉर्मेंस करने वाले जिलों में झारखंड के नौ जिलों के नाम शुमार हैं. इनमें पांच जिले वैसे हैं जिनका प्रतिनिधित्व या तो मुख्यमंत्री करते हैं या फिर मंत्री. सबसे खराब स्थिति झामुमो विधायक सह पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के गढ़वा जिले की है. यहां सिर्फ 15.46 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिल पाया है. दूसरे स्थान पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का साहिबगंज जिला है. यहां 15.76 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लगा है.

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तीसरे स्थान पर कांग्रेस विधायक सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का पाकुड़ जिला है. यहां सिर्फ 16.61 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिला है. चौथे स्थान पर पश्चिम सिंहभूम जिला है. यहां 20.55 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग पाया है. इस जिले का प्रतिनिधित्व झामुमो विधायक सह महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी करती हैं. पांचवा जिला देवघर है. यहां 21.16 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिला है. इस जिले का प्रतिनिधित्व झामुमो विधायक सह खेल एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन करते हैं. इसके अलावा गिरिडीह, गोड्डा, लातेहार और गुमला जिले को भी राष्ट्रीय स्तर पर खराब टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है. दोनों डोज की बात तो दूर, इन जिलों में 60 प्रतिशत पहला डोज भी नहीं लगा है.

एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हर कार्यक्रम में कोविड से लड़ाई और बचाव की बात करने से नहीं चूकते हैं. लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिस साहिगंज जिले के बरहेट विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं, वही जिला टीकाकरण के मामले में पीछे है. विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सीएम की कथनी और करनी में अंतर को यह आंकड़ा आइना दिखा रहा है. वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर फेल है. आम जनता के स्वास्थ्य की इस सरकार को कोई चिंता नहीं है.

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दीपक प्रकाश ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि सीएम के जिले की ही स्थिति खराब है. उन्होंने अभियान चलाकर टीकाकरण को गति देने का सुझाव दिया. दीपक प्रकाश ने कहा कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस राज्य की चिंता करनी पड़ रही है. पीएम को जिलाधिकारियों से कम टीकाकरण का कारण पूछना पड़ रहा है. इस मसले पर कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई. लेकिन कहीं से जवाब नहीं मिला.

झारखंड में अबतक 2.06 करोड़ टीकाकरण हुआ है. इसमें 1.50 करोड़ लोगों को पहला डोज यानी 62.33 प्रतिशत और 56.49 लाख को दोनों डोज यानी 23.42 प्रतिशत टीका लगा है. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का जिला यानी पूर्वी सिंहभूम टॉप पर है. यहां 40 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग चुका है. दूसरे स्थान पर रांची है. यहां 31 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लगा है. तीसरे स्थान पर 27 प्रतिशत के साथ रामगढ़ जिला है.

Last Updated : Nov 3, 2021, 3:48 PM IST
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