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कोरोना संदिग्धों के लिए तैयार है आइसोलेशन सेंटर, ईटीवी भारत ने की पड़ताल

राज्य सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर स्थापित किया है. जिनका मकसद कोरोना संदिग्धों को भीड़ भाड़ से अलग रखना है. बता दें कि अब राज्य सरकार ने लोगों को होम क्वारेंटाइन की जगह इन क्वारेंटाइन सेंटर में रखने का निर्देश दिया है.

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आइसोलेशन सेंटर रांची
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Published : Mar 26, 2020, 1:36 PM IST

रांची: कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों को एकांतवास में रखने के लिए राज्य सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर स्थापित किए हैं. जिनका मकसद उन संदिग्धों को भीड़ भाड़ से अलग रखना है. दरअसल, राज्य सरकार ने शुरुआती दौर में प्रदेश भर में 1000 बेड वाले क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार और बढ़ाया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

दिए गए निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अब राज्य सरकार ने लोगों को होम क्वारेंटाइन की जगह इन क्वारेंटाइन सेंटर में रखने का निर्देश दिया है. जिससे उनकी पूरी निगरानी हो सके और जरूरत पड़ने पर तुरंत मेडिकल असिस्टेंट दिया जा सके.

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इटकी सेनेटोरियम में 30 बेड का बना है क्वारेंटाइन सेंटर
राजधानी रांची के इटकी में ऐसा ही एक क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है. इसकी स्थापना इटकी स्थित सैनिटोरियम में की गई है. 1928 में बने इस टीबी सैनिटोरियम में स्थापित क्वारेंटाइन सेंटर में 30 बेड की व्यवस्था की गई है, जहां संदिग्ध लोगों को रखा जाएगा.

प्रभारी का दावा: है पूरी व्यवस्था
सेंटर के प्रभारी रंजीत प्रसाद ने बताया कि सेंटर पर पूरी तैयारी की गई है. यदि कोई संभावित संक्रमित व्यक्ति आता है तो उसे रखने के लिए बेड सोशल डिस्टेंस के साथ लगाए गए हैं. साथ ही बेसिक दवाएं भी रखी हुई हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रीटमेंट के लिए उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लिए सबसे बड़ी भूमिका क्वारेंटाइन सेंटर की होती है. जहां संदिग्धों को 14 दिन तक अलग रखा जाता है. इस अवधि में उनके अंदर के लक्षण को रीड किया जा सकेगा.

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आइसोलेशन है एकमात्र उपाय
सेंटर के प्रभारी रंजीत प्रसाद ने साफ कहा कि इस बीमारी की सबसे बड़ी दवा सेपरेट रहना है और फोमाइट से दूर रहना है. उन्होंने कहा कि फोमाइट वैसे लोग हैं, जो कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. उनसे संक्रमण अन्य लोगों में फैल सकता है. उन्होंने साफ कहा कि राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि लोग भीड़भाड़ वाले इलाके में न जाएं. साथ ही घर से बाहर तब तक न निकलें जब तक कि बहुत जरूरी न हो.

ये भी पढ़ें- कांके के पूर्व विधायक रामचंद्र बैठा का निधन, प्रदेश की राजनीति में था बड़ा कद

3 स्टेट लेवल मॉनिटरिंग सेल हैं एक्टिव
राज्य सरकार ने स्टेट लेवल के 3 मॉनिटरिंग सेल स्थापित किए हैं. इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट लेवल की मॉनिटरिंग सेल भी एक्टिव हैं. जहां से करोना महामारी से जुड़ी सारी सूचनाएं सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच रही हैं.

रांची: कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों को एकांतवास में रखने के लिए राज्य सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर स्थापित किए हैं. जिनका मकसद उन संदिग्धों को भीड़ भाड़ से अलग रखना है. दरअसल, राज्य सरकार ने शुरुआती दौर में प्रदेश भर में 1000 बेड वाले क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार और बढ़ाया जा रहा है.

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दिए गए निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अब राज्य सरकार ने लोगों को होम क्वारेंटाइन की जगह इन क्वारेंटाइन सेंटर में रखने का निर्देश दिया है. जिससे उनकी पूरी निगरानी हो सके और जरूरत पड़ने पर तुरंत मेडिकल असिस्टेंट दिया जा सके.

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इटकी सेनेटोरियम में 30 बेड का बना है क्वारेंटाइन सेंटर
राजधानी रांची के इटकी में ऐसा ही एक क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है. इसकी स्थापना इटकी स्थित सैनिटोरियम में की गई है. 1928 में बने इस टीबी सैनिटोरियम में स्थापित क्वारेंटाइन सेंटर में 30 बेड की व्यवस्था की गई है, जहां संदिग्ध लोगों को रखा जाएगा.

प्रभारी का दावा: है पूरी व्यवस्था
सेंटर के प्रभारी रंजीत प्रसाद ने बताया कि सेंटर पर पूरी तैयारी की गई है. यदि कोई संभावित संक्रमित व्यक्ति आता है तो उसे रखने के लिए बेड सोशल डिस्टेंस के साथ लगाए गए हैं. साथ ही बेसिक दवाएं भी रखी हुई हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रीटमेंट के लिए उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लिए सबसे बड़ी भूमिका क्वारेंटाइन सेंटर की होती है. जहां संदिग्धों को 14 दिन तक अलग रखा जाता है. इस अवधि में उनके अंदर के लक्षण को रीड किया जा सकेगा.

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आइसोलेशन है एकमात्र उपाय
सेंटर के प्रभारी रंजीत प्रसाद ने साफ कहा कि इस बीमारी की सबसे बड़ी दवा सेपरेट रहना है और फोमाइट से दूर रहना है. उन्होंने कहा कि फोमाइट वैसे लोग हैं, जो कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. उनसे संक्रमण अन्य लोगों में फैल सकता है. उन्होंने साफ कहा कि राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि लोग भीड़भाड़ वाले इलाके में न जाएं. साथ ही घर से बाहर तब तक न निकलें जब तक कि बहुत जरूरी न हो.

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3 स्टेट लेवल मॉनिटरिंग सेल हैं एक्टिव
राज्य सरकार ने स्टेट लेवल के 3 मॉनिटरिंग सेल स्थापित किए हैं. इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट लेवल की मॉनिटरिंग सेल भी एक्टिव हैं. जहां से करोना महामारी से जुड़ी सारी सूचनाएं सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच रही हैं.

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