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रांची से गायब 69 कोरोना पॉजिटिव मरीज, जानिए क्या है पूरी खबर

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Published : Dec 18, 2021, 4:48 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 7:22 PM IST

ओमिक्रोन के खिलाफ झारखंड की तैयारी पर प्रश्न चिन्ह लगने शुरू हो गए हैं. राजधानी रांची में संक्रमण को रोकने के लिए अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है. किसी भी मरीज को होम क्वारंटीन में नहीं रखने के आदेश के बाद रांची के 74 में से 5 मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं. बाकी 69 मरीज कहां हैं ये किसी को पता नहीं है.

Corona positive patient disappeared in Ranchi
रांची से कोरोना पॉजिटिव मरीज गायब

रांची: कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के बढ़ते खतरे को लेकर झारखंड में राज्य सरकार युद्ध स्तर पर तैयारी करती दिख रही है. अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ायी जा रही हैं. ऑक्सीजन प्लांट को अलर्ट मोड पर रखा गया है. हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है. लेकिन क्या ये सब महज दिखावा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो खबर निकल कर सामने आ रही है वो बेहद चौंकाने वाली है.

ये भी पढ़ें- Jharkhand Corona Updates: झारखंड में शुक्रवार को मिले 19 नए कोरोना संक्रमित, 14 मरीज ठीक हुए

गायब हैं कोरोना के 69 एक्टिव मरीज

बता दें कि कोरोना संक्रमण और उसके इलाज को लेकर राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था. जिसके तहत किसी भी पॉजिटिव मरीज के लिए अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य था. किसी को भी होम क्वारंटीन में रहने की अनुमति नहीं थी. ऐसे में अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं. आकंड़ों की माने तो राजधानी रांची में कोरोना एक्टिव केस की संख्या जहां 74 हैं वहीं मात्र 5 मरीज अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. इनमें से 4 रिम्स में तो एक मरीज सदर अस्पताल में भर्ती हैं. बाकी 69 संक्रमित कहां हैं और जहां हैं वहां कोरोना गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं या नहीं ये शायद ही किसी को पता है.

देखें वीडियो

मुख्य सचिव के आदेश का पालन नहीं

राज्य की राजधानी में ही लापरवाही का ये आलम है तो दूसरे जिले में क्या हाल होगा ये समझने की जरूरत नहीं. अपर मुख्य सचिव के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी फेंकते नजर आ रहे हैं. इस संबंध में जिला प्रशासन और सिविल सर्जन दोनों टालमटोल करते नजर आ रहे हैं. IDSP (Integrated Disease Surveillance Programme ) के जिला पदाधिकारी सामान्य बातचीत के दौरान कहते हैं कि 'फोन से सभी बात कर लेते हैं और सभी ठीक हैं' पर कैमरे पर वह कुछ भी कहने से इंकार करते हैं.

डरे हुए हैं डॉक्टर

सदर अस्पताल के मेडिकल अफसर और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बढ़ चढ़कर सेवा देने वाले डॉक्टर अजीत कहते हैं कि जिस तरह की लापरवाही हर तरफ दिख रही है उससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि सोशल गैदरिंग को रोकना होगा,जरूरत पड़ी तो नाईट कर्फ्यू जैसे उपाय करने होंगे. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर ए के खेतान कहते हैं कि कोरोना को काबू में रखने के लिए सभी के सजग रहने की जरूरत है.

रांची: कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के बढ़ते खतरे को लेकर झारखंड में राज्य सरकार युद्ध स्तर पर तैयारी करती दिख रही है. अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ायी जा रही हैं. ऑक्सीजन प्लांट को अलर्ट मोड पर रखा गया है. हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है. लेकिन क्या ये सब महज दिखावा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो खबर निकल कर सामने आ रही है वो बेहद चौंकाने वाली है.

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गायब हैं कोरोना के 69 एक्टिव मरीज

बता दें कि कोरोना संक्रमण और उसके इलाज को लेकर राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था. जिसके तहत किसी भी पॉजिटिव मरीज के लिए अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य था. किसी को भी होम क्वारंटीन में रहने की अनुमति नहीं थी. ऐसे में अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं. आकंड़ों की माने तो राजधानी रांची में कोरोना एक्टिव केस की संख्या जहां 74 हैं वहीं मात्र 5 मरीज अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. इनमें से 4 रिम्स में तो एक मरीज सदर अस्पताल में भर्ती हैं. बाकी 69 संक्रमित कहां हैं और जहां हैं वहां कोरोना गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं या नहीं ये शायद ही किसी को पता है.

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मुख्य सचिव के आदेश का पालन नहीं

राज्य की राजधानी में ही लापरवाही का ये आलम है तो दूसरे जिले में क्या हाल होगा ये समझने की जरूरत नहीं. अपर मुख्य सचिव के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी फेंकते नजर आ रहे हैं. इस संबंध में जिला प्रशासन और सिविल सर्जन दोनों टालमटोल करते नजर आ रहे हैं. IDSP (Integrated Disease Surveillance Programme ) के जिला पदाधिकारी सामान्य बातचीत के दौरान कहते हैं कि 'फोन से सभी बात कर लेते हैं और सभी ठीक हैं' पर कैमरे पर वह कुछ भी कहने से इंकार करते हैं.

डरे हुए हैं डॉक्टर

सदर अस्पताल के मेडिकल अफसर और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बढ़ चढ़कर सेवा देने वाले डॉक्टर अजीत कहते हैं कि जिस तरह की लापरवाही हर तरफ दिख रही है उससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि सोशल गैदरिंग को रोकना होगा,जरूरत पड़ी तो नाईट कर्फ्यू जैसे उपाय करने होंगे. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर ए के खेतान कहते हैं कि कोरोना को काबू में रखने के लिए सभी के सजग रहने की जरूरत है.

Last Updated : Dec 18, 2021, 7:22 PM IST
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