रांची: झारखंड में लगातार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने राज्य के डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है. पिछले 5 दिनों से लगातार बढ़ रहे संक्रमण और लोगों की लापरवाही अगर ऐसी ही जारी रही तो राज्य में तीसरी लहर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
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खत्म नहीं हो रही लापरवाही
कोरोना के ताजा मामले को लोगों की लापरवाही का नतीजा माना जा रहा है. दुर्गा पूजा में पंडालों में उमड़ी भीड़ और कोरोना खत्म हो गया जैसी सोच ने इसके रफ्तार को फिर से तेज कर दिया है. पूजा के दौरान बाहर से आए प्रवासियों, सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन और मास्क का प्रयोग नहीं करने को भी संक्रमण में तेजी के लिए जिम्मेवार माना जा रहा है.
5 दिनों से जारी है तेज रफ्तार
राज्य में कोरोना संक्रमण किस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है वो आकंड़ों के स्पष्ट होता है. अगर पिछले 5 दिनों के आंकड़े देखें तो तस्वीर की भयावहता का अंदाजा लगेगा. सबसे पहले 18 अक्टूबर की बात करें तो इस दिन 14 नए केस मिले थे, 19 अक्टूबर को 17 नए केस, 20 अक्टूबर को 25 केस, 21 अक्टूबर को 40 केस और 22 अक्टबूर को 36 केस जबकि 23 अक्टूबर को 30 नए केस मिलने की पुष्टि की गई है.
रिम्स में तैयारी पूरी
रिम्स कोरोना टास्क फोर्स के संयोजक बताते हैं कि कोरोना का खतरा बढ़ा है, इसलिए सभी तैयारियां रिम्स में पूरी कर ली गई हैं. लेकिन लोगों से अभी भी गुजारिश है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क लगाना न छोड़े.
वैक्सीन के बावजूद मास्क लगाना जरूरी
डॉक्टरों के मुताबिक जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज ले लिया है, उनके लिए भी मास्क लगाना बेहद जरूरी है. क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण का खतरा 100% समाप्त नहीं हो जाता. ऐसे में मास्क लगाना बेहद जरूरी है.
पुलिसकर्मी भी नहीं लगाते सही तरीके से मास्क
डॉक्टरों ने प्रशासन से कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने की गुजारिश की है. लेकिन स्थिति यह है कि ज्यादातर पुलिसकर्मी भी सही ढंग से मास्क नहीं लगाते और न तो अपने कर्तव्यों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं. ऐसे में कोरोना पर लगाम कैसे लगेगा ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है.