रांची: कोरोना की जांच को लेकर रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट सवालों के घेरे में आ गई है. 18 अगस्त को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सर्दी-खांसी और बदन दर्द की तकलीफ से गुजर रहे थे. इसे देखते हुए रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया गया था. आधे घंटे के भीतर उनकी रिपोर्ट भी आ गई थी. रिपोर्ट निगेटिव थी. तब मंत्री बन्ना गुप्ता को लगा कि मौसम बदलने के कारण उन्हें सर्दी-खांसी और बदन दर्द हो रहा है. इसी बीच डॉक्टरों के सुझाव पर उन्होंने आरटी-पीसीआर और ट्रू नेट से भी जांच के लिए सैंपल दे दिया था. चूकि दोनों रिपोर्ट आने में समय लगना था. लिहाजा, रैपिड एंटीजन के निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट पर विश्वास करते हुए मंत्री बन्ना गुप्ता 18 अगस्त की शाम कैबिनेट की बैठक में शिरकत करने प्रोजेक्ट भवन जा पहुंचे.
कैबिनेट की बैठक के बाद जब बन्ना घर लौटे तो आरटी-पीसीआर और ट्रू-नेट की रिपोर्ट आ गई. दोनों जांच रिपोर्ट पॉजिटिव थी. इसके बाद हड़कंप मच गया. फौरन मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट में आए तमाम मंत्रियों को इससे अवगत कराया गया. शाम होते-होते मंत्री को बुखार भी आ चुका था. उन्हें फौरन रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया. आज 20 अगस्त को ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत के दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्वीकार किया कि अगर रैपिड एंटीजन रिपोर्ट के भरोसे रह जाते तो बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती थी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर किसी में संक्रमण के लक्षण हैं और RAT की रिपोर्ट निगेटिव आती है, तब हर हाल में आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूर कराएं. उन्होंने माना कि रैपिड एंटीजन की रिपोर्ट शत-प्रतिशत सही नहीं होती है.
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कोरोना को हराकर प्लाजमा डोनेट करेंगे
ईटीवी भारत ने फोन पर मंत्री बन्ना गुप्ता से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि अभी भी बुखार के अलावा सर्दी-खांसी और बदन में दर्द है. बातचीत के दौरान मंत्री गुप्ता इस बात को लेकर उत्साहित थे कि अब ठीक होते ही प्लाजमा डोनेट करने का सौभाग्य मिल जाएगा. उन्होंने झारखंड के लोगों से एहतियात बरतने की अपील की. आपको बता दें कि पिछले दिनों ही मंत्री बन्ना गुप्ता का रिम्स में हर्निया का ऑपरेशन हुआ था. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के कुछ दिन बाद से ही अपने काम में जुट गए थे. 18 अगस्त की सुबह मीडिया से भी मुखातिब हुए थे. तब उन्होंने लोगों से रैपिड टेस्ट अभियान में भागीदारी निभाने की अपील की थी. साथ ही कोरोना के नाम पर निजी अस्पतालों द्वारा हो रही मनमानी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि एक भी साक्ष्य हाथ लग गया तो लाइसेंस रद्द करने से भी सरकार नहीं हिचकेगी.