रांची: झारखंड में कोरोना (Corona in Jharkhand) का कहर जारी है. आम लोगों के साथ साथ बड़ी संख्या में राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मी इसके शिकार हो रहे हैं. हालत यह है कि अब तक राज्य सरकार के 24 से अधिक अधिकारी और सचिवालयकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. प्रोजेक्ट भवन स्थित सरकार के कार्मिक विभाग में ही ड्राइवर से लेकर उपसचिव स्तर के 4 कर्मी संक्रमित हो चुके हैं इसके अलावा ग्रामीण विकास, कृषि, खाद्य आपूर्ति सहित कई विभागों में कोरोना ने दस्तक दे दिया है.
झारखंड में कोरोना (Corona in Jharkhand) संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने सचिवालय और अन्य विभागों में रोस्टर ड्यूटी लगा दिया है. इसके बाबजूद हालत नहीं सुधर रहे हैं. वर्तमान में स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, गृह कारा जैसे विभाग में सीमित संख्या के आधार पर काम जैसे तैसे किया जा रहा है.
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सचिवालय में कोरोना का खौफ
राज्य में तेजी से फैल रहे कोरोना का खौफ सचिवालय में भी देखने को मिल रहा है. हालत यह है कि अधिकांश विभागों में कुर्सियां खाली पड़ी हुई हैं. रोस्टर ड्यूटी के बाबजूद कई कर्मी और अधिकारी घर से ही सरकार का कामकाज चला रहे हैं. जो कर्मचारी सचिवालय आते भी हैं तो वह भय के साये में किसी तरह से काम निपटाकर चले जाते हैं. नेपाल हाउस स्थित राज्य सचिवालय में ड्यूटी कर रहे इमानुउल कुजूर की मानें तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वे सरकार का काम किसी तरह निपटा रहे हैं. विभाग में एक जगह ज्यादा लोगों को भीड़ लगाने की अनुमति नहीं दी गई है. कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना को हरा चुकी महिला सचिवालयकर्मी सुलीना टोप्पो कहती हैं कि वह डर के बीच रोस्टर ड्यूटी करने के लिए पहुंचती हैं. सरकार ने कोरोना जांच की व्यवस्था की है जिसमें सचिवालय के कई कर्मी अभी तक संक्रमित पाए गए हैं. कर्मचारी संघ के कॉर्डिनेटर मृत्युंजय कुमार झा ने सरकार के रोस्टर ड्यूटी लगाए जाने की सराहना करते हुए 50 से अधिक उम्र के कर्मचारियों और अधिकारियों को घर से काम निपटाने का आदेश देने का आग्रह किया है.
झारखंड में कोरोना (Corona in Jharkhand) की तीसरी लहर ने एक बार फिर से राज्य में विकास की रफ्तार को बाधित कर दिया है. सरकारी दफ्तर भलें ही खुले हैं मगर कामकाज जिस रफ्तार से होनी चाहिए उस पर कोरोना ने ब्रेक लगा दिया है. ऐसे मे कर्मचारी अधिकारी बिना कोई जोखिम लिए जैसे तैसे काम चलाने की नसीहत दे रहे हैं.