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कोरोना इफेक्ट: घरों की ओर लौट रहे लोगों की नो एंट्री, क्वारेंटाइन के बाद ही जा सकेंगे घर

देश के अलग अलग इलाकों से अपने घरों की ओर लौट रहे लोगों को प्रॉपर चेकअप और क्वारेंटाइन के बाद ही घर में एंट्री मिलेगी. कई गांववालों ने गांव में प्रवेश पर रोक लगा दिया है.

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गांव में लगा है नो एंट्री
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Published : Mar 31, 2020, 1:13 PM IST

रांची: देश के दूसरे हिस्सों से झारखंड के अलग-अलग इलाकों में लौट रहे लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए अब उन इलाकों के गांव के लोग खड़े हो गए हैं. दरअसल, प्रदेश के अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में स्थानीयों ने बाहर से आ रहे लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है. स्थानीय लोगों की माने तो किसी भी वैसे व्यक्ति को ग्रामीण इलाकों में प्रवेश नहीं मिलेगा जो इस दौरान अपने घर की तरफ रुख कर रहे हैं.

गांव में लगा है नो एंट्री

पुलिस की लेंगे मदद

कोरोना महामारी के भयावह लेते रूप की वजह से अलग-अलग जिलों में गांव के लोगों ने यह तय किया है कि वैसे आने वाले लोगों को सबसे पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करानी होगी. उसके बाद मिले दिशा निर्देशों के बाद कम से कम 14 दिन एकांतवास (क्वारेंटाइन) में रहना होगा. अगर इस पर लोग तैयार नहीं हुए तो फिर स्थानीय पुलिस की मदद लेने में भी लोग पीछे नहीं हटेंगे.

ये भी पढ़ें- शिक्षिका ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सदमे में परिजन


ईटीवी भारत ने लिया कुछ इलाकों का जायजा
ऐसे ही कुछ जगहों का जायजा ईटीवी भारत ने लिया. राजधानी रांची के धुर्वा इलाके में सिठीयो के पोखर टोली के बाहर बांस काटकर गिराया हुआ है, ताकि कोई भी अनाधिकृत रूप से प्रवेश न कर सके. वहां के स्थानीय साफ कहते हैं कि कोरोना की वजह से ऐसी व्यवस्था की गई है. यह बैरिकेटिंग स्थानीय लोगों ने ही लगाया है, ताकि गांव के अंदर कोई नहीं जा सके. वहीं, गांव के दूसरे व्यक्ति ने कहा कि अगर कोई भी बाहर से संक्रमण लेकर गांव में आया तो पूरे गांव में यह बीमारी फैल जाएगी. इसी को रोकने के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है. अगर कोई आया भी तो उनको चेकअप करा कर ही गांव के अंदर प्रवेश मिलेगा.

रिश्तेदारों के अलावे आम लोग पर भी लागू होगा नियम
उन्होंने साफ कहा कि चाहे उनका रिश्तेदार हो या फिर कोई अन्य बिना चेकअप और डॉक्टरी जांच के उनके गांव में प्रवेश करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. वहीं गांव के अन्य व्यक्ति ने कहा कि बीमारी अभी बस्ती तक नहीं पहुंची है. यही वजह है कि वैसे लोगों को गांव से दूर रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कोई जबरदस्ती गांव में प्रवेश करने की कोशिश करेगा तो डायरेक्ट थाना में फोन करके इन्फॉर्म कर दिया जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि लोग अब दिल्ली और अन्य इलाकों से लौट रहे हैं. यही वजह है कि इस तरह की तैयारी की गई है, ऐसी ही तस्वीर रांची से खूंटी के बीच पड़ने वाले विभिन्न गांव में देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित होने पर नहीं छिपा सकते पहचान, डॉ आनंद ने इजाद किया नया तरीका


खूंटी से दूसरे राज्यों में काम के लिए लोग करते हैं पलायन
खूंटी एक ऐसा जिला है जहां राज्य में बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं. हाल ही में सोशल मीडिया में दिल्ली और अन्य राज्यों से लोगों के अपने घरों की तरफ वापस लौटने की भयावह तस्वीरें देखकर इन इलाकों के लोग भी डरे हुए हैं. यही वजह है कि खूंटी के बिनगांव, चलडांडू, फेसला, तपेसर, मालगो, महतो टोला समेत कई गांवों में बाहर से आनेवालों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है.

रांची: देश के दूसरे हिस्सों से झारखंड के अलग-अलग इलाकों में लौट रहे लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए अब उन इलाकों के गांव के लोग खड़े हो गए हैं. दरअसल, प्रदेश के अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में स्थानीयों ने बाहर से आ रहे लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है. स्थानीय लोगों की माने तो किसी भी वैसे व्यक्ति को ग्रामीण इलाकों में प्रवेश नहीं मिलेगा जो इस दौरान अपने घर की तरफ रुख कर रहे हैं.

गांव में लगा है नो एंट्री

पुलिस की लेंगे मदद

कोरोना महामारी के भयावह लेते रूप की वजह से अलग-अलग जिलों में गांव के लोगों ने यह तय किया है कि वैसे आने वाले लोगों को सबसे पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करानी होगी. उसके बाद मिले दिशा निर्देशों के बाद कम से कम 14 दिन एकांतवास (क्वारेंटाइन) में रहना होगा. अगर इस पर लोग तैयार नहीं हुए तो फिर स्थानीय पुलिस की मदद लेने में भी लोग पीछे नहीं हटेंगे.

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ईटीवी भारत ने लिया कुछ इलाकों का जायजा
ऐसे ही कुछ जगहों का जायजा ईटीवी भारत ने लिया. राजधानी रांची के धुर्वा इलाके में सिठीयो के पोखर टोली के बाहर बांस काटकर गिराया हुआ है, ताकि कोई भी अनाधिकृत रूप से प्रवेश न कर सके. वहां के स्थानीय साफ कहते हैं कि कोरोना की वजह से ऐसी व्यवस्था की गई है. यह बैरिकेटिंग स्थानीय लोगों ने ही लगाया है, ताकि गांव के अंदर कोई नहीं जा सके. वहीं, गांव के दूसरे व्यक्ति ने कहा कि अगर कोई भी बाहर से संक्रमण लेकर गांव में आया तो पूरे गांव में यह बीमारी फैल जाएगी. इसी को रोकने के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है. अगर कोई आया भी तो उनको चेकअप करा कर ही गांव के अंदर प्रवेश मिलेगा.

रिश्तेदारों के अलावे आम लोग पर भी लागू होगा नियम
उन्होंने साफ कहा कि चाहे उनका रिश्तेदार हो या फिर कोई अन्य बिना चेकअप और डॉक्टरी जांच के उनके गांव में प्रवेश करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. वहीं गांव के अन्य व्यक्ति ने कहा कि बीमारी अभी बस्ती तक नहीं पहुंची है. यही वजह है कि वैसे लोगों को गांव से दूर रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कोई जबरदस्ती गांव में प्रवेश करने की कोशिश करेगा तो डायरेक्ट थाना में फोन करके इन्फॉर्म कर दिया जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि लोग अब दिल्ली और अन्य इलाकों से लौट रहे हैं. यही वजह है कि इस तरह की तैयारी की गई है, ऐसी ही तस्वीर रांची से खूंटी के बीच पड़ने वाले विभिन्न गांव में देखने को मिल रही है.

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खूंटी से दूसरे राज्यों में काम के लिए लोग करते हैं पलायन
खूंटी एक ऐसा जिला है जहां राज्य में बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं. हाल ही में सोशल मीडिया में दिल्ली और अन्य राज्यों से लोगों के अपने घरों की तरफ वापस लौटने की भयावह तस्वीरें देखकर इन इलाकों के लोग भी डरे हुए हैं. यही वजह है कि खूंटी के बिनगांव, चलडांडू, फेसला, तपेसर, मालगो, महतो टोला समेत कई गांवों में बाहर से आनेवालों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है.

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