रांची: राज्य में बस सेवा (Bus Service) की शुरुआत हो गई है, फिलहाल परिवहन विभाग (Transport Department) के आदेशानुसार सिर्फ राज्य के अंदर के जिलों में ही बसों का परिचालन हो रहा है. इस वजह से दूसरे राज्य जाने वाले यात्रियों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. बस के परिचालन की शुरू होने के साथ ही, यात्री किराया भी बढ़ गया है. वजह कोविड प्रोटोकॉल का पालन और महंगाई की दोहरी मार. यही सब जानने के लिए ईटीवी भारत (Etv Bharat) की टीम ने रांची के बस स्टैंड का जायजा लिया.
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बस स्टैंड में इस दौरान यात्री काफी कम दिखे. वैसे तो कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) को लेकर यात्रियों के साथ-साथ बस कर्मचारी भी जागरूक दिखे. बस कर्मचारी गुलजार बताते हैं कि सरकार के आदेशानुसार बस के अंदर सैनिटाइजर और मास्क (Sanitizer and Mask) की व्यवस्था रखनी है. बस में सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing in Bus) का पालन कराने को लेकर भी यात्रियों की संख्या को कम करना है. ऐसे में अगर पुराना भाड़ा पर ही बसों का परिचालन होगा तो हम बस कर्मचारियों को काफी नुकसान सहना पड़ता है. कैमरे पर नाम ना बताने की शर्त पर कई यात्रियों ने बताया कि बस कर्मचारियों की ओर से कई बसों में भाड़े में बढ़ोतरी की गई है.
चालक कल्याण संघ (Driver Welfare Association) के लोगों ने कहा कि परिवहन विभाग की ओर से यह आदेश दिया गया है कि यात्री किराया में बढ़ोतरी ना हो. लेकिन जिस तरह से डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई है और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का हिदायत दी गई है. ऐसे में भाड़ा बढ़ाना हम बस कर्मचारियों और बस मालिकों की मजबूरी है. अब सवाल यह उठता है कि यात्रियों के हितों को देखते हुए परिवहन विभाग जल्द से जल्द कोई महत्वपूर्ण निर्णय लें नहीं तो भाड़ा बढ़ोतरी की समस्या बनी रहेगी.
कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जिंदगी थम गई है. अनलॉक की प्रक्रिया के तहत धीरे-धीरे इन बेड़ियों को खोला जा रहा है. झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत रियायत बरती जा रही है. लेकिन महंगाई की दोहरी मार प्रदेश में बस मालिक और कर्मचारियों पर पड़ रही है और असर कहीं ना कहीं जनता पर भी पड़ रहा है. बस स्टैंड में कोविड प्रोटोकॉल का तो पालन किया जा रहा है लेकिन प्रोटोकॉल का पालन करने की वजह से बस मालिक और कर्मचारियों को कई तरह से नुकसान उठाना पड़ रहा है.