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झारखंड विधानसभा सत्र में उठा कोरोना और ओलावृष्टि का मुद्दा, सत्ता पक्ष विधायक ने कहा- बंद हों प्रतिष्ठान

झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कोरोना वायरस और बेमौसम बरसात का मुद्दा उठाया गया. प्रदीप यादव ने कहा कि गोड्डा में लग रहे अडानी पावर प्लांट में चाइना से आए लोग काम कर रहे हैं, ऐसे में सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए. जबकि प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान को बंद करने की बात कही गई.

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Published : Mar 16, 2020, 2:47 PM IST

Jharkhand assembly session in ranchi
सदन में सीएम से किया गया सवाल

रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही शुरू होते ही कोरोना वायरस और बेमौसम बारिश का मुद्दा उठाया. प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही विपक्षी विधायक प्रदीप यादव ने कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई भयावह स्थिति पर सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करने के बाद रखी.

बाबूलाल मरांडी, नेता विधायक दल के नेता

बीजेपी के अनंत ओझा ने कहा कि इस बाबत कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया गया है. जबकि नवीन जायसवाल ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से राज्य भर में किसानों की कमर टूट गई है. वहीं भाकपा माले के विनोद सिंह ने कहा कि प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. राज्य सरकार की तरफ से जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में सभी जगह भयावह स्थिति हो गई है. प्रदीप यादव ने कहा कि गोड्डा जिले में लग रहे अडानी पावर प्लांट में चाइना से आए लोग काम कर रहे हैं, ऐसे में सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए.

बादल पत्नलेख, मंत्री
स्टीफन ने कहा बंद हो प्रतिष्ठानवहीं, इस मामले में सत्ताधारी झामुमो के स्टीफन मरांडी ने कहा कि कोरोना वायरस गंभीर समस्या है. यह पक्ष-विपक्ष की बात नहीं है. इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है, ऐसे में राज्य में सभी प्रतिष्ठानों को बंद करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इससे पहले कि कोई घटना घटे, राज्य सरकार को इस बाबत कड़े कदम उठाना चाहिए. हालांकि स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने नवीन जयसवाल और अनंत ओझा के कार्य स्थगन प्रस्ताव को अमान्य कर दिया. उन्होंने कहा कि चलते सत्र में इन विषयों पर चर्चा संभावित है, इसलिए कार्य स्थगन अमान्य कर दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना के मामले में राज्य सरकार शीघ्र निर्णय ले: सरयू राय

कृषि मंत्री ने कहा सरकार ले रही है फीडबैक
वहीं, ओलावृष्टि मामले में कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार इस बाबत काफी गंभीर है और संवेदनशीलता का परिचय दे रही है. मंत्री ने कहा कि सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर से क्षतिपूर्ति का आकलन कर रिपोर्ट मांगी गई है. किसान राहत कोष के तहत व्यवस्था की जा रही है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी क्षतिपूर्ति के लिए काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि खुद व्यक्तिगत रूप से उन्होंने हजारीबाग गुमला, गोड्डा और साहिबगंज समेत अन्य जिलों से फीडबैक लिया है.

रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही शुरू होते ही कोरोना वायरस और बेमौसम बारिश का मुद्दा उठाया. प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही विपक्षी विधायक प्रदीप यादव ने कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई भयावह स्थिति पर सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करने के बाद रखी.

बाबूलाल मरांडी, नेता विधायक दल के नेता

बीजेपी के अनंत ओझा ने कहा कि इस बाबत कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया गया है. जबकि नवीन जायसवाल ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से राज्य भर में किसानों की कमर टूट गई है. वहीं भाकपा माले के विनोद सिंह ने कहा कि प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. राज्य सरकार की तरफ से जांच की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में सभी जगह भयावह स्थिति हो गई है. प्रदीप यादव ने कहा कि गोड्डा जिले में लग रहे अडानी पावर प्लांट में चाइना से आए लोग काम कर रहे हैं, ऐसे में सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए.

बादल पत्नलेख, मंत्री
स्टीफन ने कहा बंद हो प्रतिष्ठानवहीं, इस मामले में सत्ताधारी झामुमो के स्टीफन मरांडी ने कहा कि कोरोना वायरस गंभीर समस्या है. यह पक्ष-विपक्ष की बात नहीं है. इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है, ऐसे में राज्य में सभी प्रतिष्ठानों को बंद करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इससे पहले कि कोई घटना घटे, राज्य सरकार को इस बाबत कड़े कदम उठाना चाहिए. हालांकि स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने नवीन जयसवाल और अनंत ओझा के कार्य स्थगन प्रस्ताव को अमान्य कर दिया. उन्होंने कहा कि चलते सत्र में इन विषयों पर चर्चा संभावित है, इसलिए कार्य स्थगन अमान्य कर दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना के मामले में राज्य सरकार शीघ्र निर्णय ले: सरयू राय

कृषि मंत्री ने कहा सरकार ले रही है फीडबैक
वहीं, ओलावृष्टि मामले में कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार इस बाबत काफी गंभीर है और संवेदनशीलता का परिचय दे रही है. मंत्री ने कहा कि सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर से क्षतिपूर्ति का आकलन कर रिपोर्ट मांगी गई है. किसान राहत कोष के तहत व्यवस्था की जा रही है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी क्षतिपूर्ति के लिए काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि खुद व्यक्तिगत रूप से उन्होंने हजारीबाग गुमला, गोड्डा और साहिबगंज समेत अन्य जिलों से फीडबैक लिया है.

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