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controversies on JPSC: गठन से अब तक विवादों में ही रहा नाता, सड़क से सदन तक आंदोलन

JPSC अपने गठन से लेकर अब तक विवादों में ही रहा. पहली से लेकर 10th JPSC Civil Services Exam तक आंदोलन होता रहा. छात्र-छात्राओं से लेकर जनप्रतिनिधि तक सड़क से लेकर सदन तक आंदोलित रहे.

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जेपीएससी
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Published : Nov 28, 2021, 5:54 PM IST

Updated : Nov 28, 2021, 6:47 PM IST

रांचीः Controversies on JPSC Since Formation. प्रथम जेपीएससी से लेकर छठी जेपीएससी विवादों के घेरे में रहा है. कोर्ट में कई केस चल रहे हैं. हाल ही में सातवीं से लेकर दसवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा भी विवादों में आ गया है. गठन के बाद से ही जेपीएससी और विवाद के बीच ऐसा गहरा नाता है, जो टूट नहीं रहा है. यहां के युवा जेपीएससी प्रशासनिक परीक्षा में हिस्सा लेने से पहले अब सोचने लगे हैं.

इसे भी पढ़ें- JPSC PT EXAM 2021: पीटी परीक्षा रद्द करने से जेपीएससी का इनकार, अभ्यर्थियों ने कहा- अब होगी आर-पार की लड़ाई

Jharkhand Public Service Commission यानी जेपीएससी का हमेशा से ही विवादों से गहरा नाता रहा है. बीते 20 वर्ष में जेपीएससी ने पहली से लेकर छठी सिविल सेवा परीक्षा एक-एक कर आयोजित किया. लेकिन वर्ष 2021 में सातवीं से लेकर दसवीं सिविल परीक्षा एक साथ ही आयोजित कर दिया गया. एक साथ ली गयी 4 जेपीएससी परीक्षा में सीटों की संख्या भी काफी कम रखी गयी. इसी समय से 7th-10th JPSC PT Exam पर सवाल उठना शुरू हो गया. शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हो जिसमें विवाद ना हुआ हो. Civil Services Exam के आयोजन में समय का अंतराल तो बढ़ता गया.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


सीटों की संख्या बढ़ने की वजह घटती गयी
लेकिन सीटों की संख्या बढ़ने की बजाय घटती गई. जेपीएससी की तैयारी करने वाले युवा हमेशा सही ठगा महसूस करते हैं और लगातार इस राज्य में जेपीएससी के खिलाफ आंदोलन भी होता रहा है. झारखंड गठन के बाद वर्ष 2002 में जेपीएससी का गठन हुआ था. वर्ष 2003 में पहला जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की गयी. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से ली गयी इस परीक्षा में मात्र 64 सीट थीं. दो साल बाद 2005 में 172 सीटों के लिए जेपीएससी ने परीक्षा का आयोजन किया और इसके बाद से ही जेपीएससी सवालों और विवादों के घेरे में आ गया. पहली जेपीएससी से लेकर अब तक हुए सिविल सेवा परीक्षा पर कभी करप्शन पर विवाद हुआ तो कभी आरक्षण को लेकर जेपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार जारी रहा.

42 से अधिक मामले कोर्ट में विचाराधीन
जेपीएससी के विभिन्न परीक्षाओं को लेकर अब तक 42 से अधिक मामले कोर्ट में चल रहे हैं, कई एग्जाम की सीबीआई जांच चल रही है. बीते 20 वर्षों में जेपीएससी ने कुल 6 सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की गयी. इसमें वर्ष 2021 में सातवीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया गया. छठी सिविल सेवा परीक्षा के बाद सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के बीच 5 साल का अंतर है. इसके बावजूद सीटों की संख्या काफी कम है. राज्य सरकार की ओर से राज्य लोक प्रशासन में 5 साल तक कोई नियुक्ति नहीं करने के बाद भी सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों की संख्या काफी कम है और इससे अभ्यर्थी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं. छठी सिविल सेवा परीक्षा के रिक्तियों से इस बार के रिक्तियों में 76 सीट कम हो गयी है. जबकि 20 साल में हुई छह सिविल सेवा परीक्षा में सबसे ज्यादा नियुक्तियां छठी सिविल सेवा परीक्षा में हुई है और सबसे कम नियुक्ति पहली सिविल सेवा परीक्षा में हुई थी.

इसे भी पढ़ें- JPSC परीक्षा घोटाला: गैरहाजिर अभ्यर्थी भी हो गए JPSC PT पास!, खफा छात्र-छात्रा सड़क पर उतरे

अब तक कितने सीटों के लिए हुई परीक्षा
पहली सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों की संख्या 64, दूसरी सिविल सेवा परीक्षा में 172, तीसरी सिविल सेवा परीक्षा में 242, चौथी सिविल सेवा परीक्षा में 219, पांचवी सिविल सेवा परीक्षा में 269, छठी सिविल सेवा परीक्षा में 326 सीटों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी थी. अब तक सबसे अधिक सीटों में छठी सिविल सेवा परीक्षा में ही सीटें रखी गई थी. जबकि एक साथ ली गई सातवीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में मात्र 252 रिक्त पदों पर पीटी परीक्षा आयोजित अब तक हुई है.

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अब तक कितने सीटों के लिए हुई परीक्षा

पहली बार ली गई एक साथ 4 JPSC परीक्षा
इस राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ 4 सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की गयी. अब तक सबसे अधिक सीटों में छठी सिविल परीक्षा में सीटे रखी गई थी और सबसे ज्यादा विवाद भी छठी सिविल सेवा परीक्षा के दौरान ही हुई है. इधर सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए पीटी परीक्षा आयोजित हो चुकी है और इस पीटी परीक्षा के रिजल्ट के बाद राज्य में हंगामा बरपा है. जेपीएससी अलग तर्क दे रहा है जबकि अभ्यर्थियों का कहना है कि इस परीक्षा में भी कई अनियमितता बरती गई है और इसे लेकर आंदोलन अभी-भी जारी है.

जेपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी
इस परीक्षा के माध्यम से 11 सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है, इसे लेकर अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है. आरक्षण, उम्र सीमा, स्थानीयता जैसे कई मामलों को लेकर वर्ष 2021 में आयोजित हुई जेपीएससी सिविल सेवा पीटी परीक्षा को लेकर विवाद काफी गहरा गया है और यह विवाद बदस्तूर जारी है. यहां के अभ्यर्थी जेपीएससी की तैयारी कर अपने आप को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं.

रांचीः Controversies on JPSC Since Formation. प्रथम जेपीएससी से लेकर छठी जेपीएससी विवादों के घेरे में रहा है. कोर्ट में कई केस चल रहे हैं. हाल ही में सातवीं से लेकर दसवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा भी विवादों में आ गया है. गठन के बाद से ही जेपीएससी और विवाद के बीच ऐसा गहरा नाता है, जो टूट नहीं रहा है. यहां के युवा जेपीएससी प्रशासनिक परीक्षा में हिस्सा लेने से पहले अब सोचने लगे हैं.

इसे भी पढ़ें- JPSC PT EXAM 2021: पीटी परीक्षा रद्द करने से जेपीएससी का इनकार, अभ्यर्थियों ने कहा- अब होगी आर-पार की लड़ाई

Jharkhand Public Service Commission यानी जेपीएससी का हमेशा से ही विवादों से गहरा नाता रहा है. बीते 20 वर्ष में जेपीएससी ने पहली से लेकर छठी सिविल सेवा परीक्षा एक-एक कर आयोजित किया. लेकिन वर्ष 2021 में सातवीं से लेकर दसवीं सिविल परीक्षा एक साथ ही आयोजित कर दिया गया. एक साथ ली गयी 4 जेपीएससी परीक्षा में सीटों की संख्या भी काफी कम रखी गयी. इसी समय से 7th-10th JPSC PT Exam पर सवाल उठना शुरू हो गया. शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हो जिसमें विवाद ना हुआ हो. Civil Services Exam के आयोजन में समय का अंतराल तो बढ़ता गया.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


सीटों की संख्या बढ़ने की वजह घटती गयी
लेकिन सीटों की संख्या बढ़ने की बजाय घटती गई. जेपीएससी की तैयारी करने वाले युवा हमेशा सही ठगा महसूस करते हैं और लगातार इस राज्य में जेपीएससी के खिलाफ आंदोलन भी होता रहा है. झारखंड गठन के बाद वर्ष 2002 में जेपीएससी का गठन हुआ था. वर्ष 2003 में पहला जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की गयी. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से ली गयी इस परीक्षा में मात्र 64 सीट थीं. दो साल बाद 2005 में 172 सीटों के लिए जेपीएससी ने परीक्षा का आयोजन किया और इसके बाद से ही जेपीएससी सवालों और विवादों के घेरे में आ गया. पहली जेपीएससी से लेकर अब तक हुए सिविल सेवा परीक्षा पर कभी करप्शन पर विवाद हुआ तो कभी आरक्षण को लेकर जेपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार जारी रहा.

42 से अधिक मामले कोर्ट में विचाराधीन
जेपीएससी के विभिन्न परीक्षाओं को लेकर अब तक 42 से अधिक मामले कोर्ट में चल रहे हैं, कई एग्जाम की सीबीआई जांच चल रही है. बीते 20 वर्षों में जेपीएससी ने कुल 6 सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की गयी. इसमें वर्ष 2021 में सातवीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया गया. छठी सिविल सेवा परीक्षा के बाद सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के बीच 5 साल का अंतर है. इसके बावजूद सीटों की संख्या काफी कम है. राज्य सरकार की ओर से राज्य लोक प्रशासन में 5 साल तक कोई नियुक्ति नहीं करने के बाद भी सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों की संख्या काफी कम है और इससे अभ्यर्थी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं. छठी सिविल सेवा परीक्षा के रिक्तियों से इस बार के रिक्तियों में 76 सीट कम हो गयी है. जबकि 20 साल में हुई छह सिविल सेवा परीक्षा में सबसे ज्यादा नियुक्तियां छठी सिविल सेवा परीक्षा में हुई है और सबसे कम नियुक्ति पहली सिविल सेवा परीक्षा में हुई थी.

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अब तक कितने सीटों के लिए हुई परीक्षा
पहली सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों की संख्या 64, दूसरी सिविल सेवा परीक्षा में 172, तीसरी सिविल सेवा परीक्षा में 242, चौथी सिविल सेवा परीक्षा में 219, पांचवी सिविल सेवा परीक्षा में 269, छठी सिविल सेवा परीक्षा में 326 सीटों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी थी. अब तक सबसे अधिक सीटों में छठी सिविल सेवा परीक्षा में ही सीटें रखी गई थी. जबकि एक साथ ली गई सातवीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में मात्र 252 रिक्त पदों पर पीटी परीक्षा आयोजित अब तक हुई है.

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अब तक कितने सीटों के लिए हुई परीक्षा

पहली बार ली गई एक साथ 4 JPSC परीक्षा
इस राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ 4 सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की गयी. अब तक सबसे अधिक सीटों में छठी सिविल परीक्षा में सीटे रखी गई थी और सबसे ज्यादा विवाद भी छठी सिविल सेवा परीक्षा के दौरान ही हुई है. इधर सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए पीटी परीक्षा आयोजित हो चुकी है और इस पीटी परीक्षा के रिजल्ट के बाद राज्य में हंगामा बरपा है. जेपीएससी अलग तर्क दे रहा है जबकि अभ्यर्थियों का कहना है कि इस परीक्षा में भी कई अनियमितता बरती गई है और इसे लेकर आंदोलन अभी-भी जारी है.

जेपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी
इस परीक्षा के माध्यम से 11 सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है, इसे लेकर अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है. आरक्षण, उम्र सीमा, स्थानीयता जैसे कई मामलों को लेकर वर्ष 2021 में आयोजित हुई जेपीएससी सिविल सेवा पीटी परीक्षा को लेकर विवाद काफी गहरा गया है और यह विवाद बदस्तूर जारी है. यहां के अभ्यर्थी जेपीएससी की तैयारी कर अपने आप को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 28, 2021, 6:47 PM IST
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