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कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन का तीसरा दिन, सोई हुई है मोदी सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आभा सिन्हा ने शनिवार को किसानों को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानून किसानों के हितकर नहीं है. इन कानूनों से किसानों को नुकसान और निजी खरीदारों और बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा.

Congress targeted the Modi government
कांग्रेस नेता आभा सिन्हा
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Published : Nov 29, 2020, 2:14 AM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता आभा सिन्हा ने शनिवार को मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन का आज तीसरा दिन है. सिंघु बॉर्डर के हाइवे पर किसान अपनी मांग पर डटे हैं, लेकिन मोदी सरकार सोई हुई है. उसके कान में जूं तक नही रेंग रही है, जो देश के किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

उन्होंने कहा कि देश के किसान मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, ताकि उनका भविष्य अंधकारमय होने से बच सके. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानून किसानों के हितकर नहीं है. इन कानूनों से किसानों को नुकसान और निजी खरीदारों और बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा. किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा.

ये भी पढ़ें: जामताड़ा में पुलिस ने लावारिस लाश को फेंक दिया सड़क पर, ग्रामीणों के विरोध पर दफनाया

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान विरोधी इन बिलों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमिटी भी आंदोलनरत है और जब तक ये बिल मोदी सरकार वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता आभा सिन्हा ने शनिवार को मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन का आज तीसरा दिन है. सिंघु बॉर्डर के हाइवे पर किसान अपनी मांग पर डटे हैं, लेकिन मोदी सरकार सोई हुई है. उसके कान में जूं तक नही रेंग रही है, जो देश के किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

उन्होंने कहा कि देश के किसान मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, ताकि उनका भविष्य अंधकारमय होने से बच सके. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानून किसानों के हितकर नहीं है. इन कानूनों से किसानों को नुकसान और निजी खरीदारों और बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा. किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा.

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उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान विरोधी इन बिलों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमिटी भी आंदोलनरत है और जब तक ये बिल मोदी सरकार वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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