रांची: कोरोना संकट की इस घड़ी में गठबंधन की सरकार में आपसी मतभेद की झलक दिखनी शुरू हो गई है. चंद महीनों की हेमंत सरकार में 35 आईपीएस ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कांग्रेस कोटे के मंत्री ने सवाल खड़ा किया है. क्योंकि सरकार में शामिल कांग्रेस को ट्रांसफर पोस्टिंग की जानकारी तक नहीं दी गई. साथ ही राजस्व संग्रह में संभावित कमी को देखते हुए वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश पर भी कांग्रेस के मंत्री बन्ना गुप्ता ने सवाल खड़े किए हैं.
नाराज हुए मंत्री
दरअसल, आईपीएस के ट्रांसफर पोस्टिंग की जानकारी कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को नहीं दी गई थी. जिस पर कांग्रेस कोटे के मंत्री बन्ना गुप्ता ने नाराजगी जाहिर की है. वहीं वित्त विभाग के आदेश के मुताबिक वेतन, मिड डे मील, पेंशन जैसे कुछ जरूरी राशि को छोड़कर राशि की जरूरत के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजना होगा और वित्त विभाग की अनुमति के बाद ही राशि निर्गत होगी. इस पर भी सवाल खड़े किए गए हैं.
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'गठबंधन की सरकार है तो निर्णय भी सर्वसम्मति से लिया जाए'
ऐसे में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि गठबंधन की सरकार में सारी बातों को गठबंधन के मंत्रियों के साथ बैठक कर विचार विमर्श करना चाहिए. जिस तरह से आईपीएस का तबादला हुआ, लेकिन गठबंधन के मंत्रियों के साथ कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इसको लेकर कोई गिला शिकवा नहीं है. सिर्फ यही चाहते हैं कि गठबंधन की सरकार है तो निर्णय जो भी हो वह सर्वसम्मति से लिया जाए.
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'कार्यपालिका की नियम का उल्लंघन'
वहीं, सचिवों को वित्त विभाग की तरफ से जो पावर दिया गया है उसे लेकर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से कार्यपालिका की नियम का उल्लंघन है. ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि बेहतर जानकारी दे पाएंगे कि कौन सी योजना कैसे लागू होनी चाहिए. क्योंकि जनप्रतिनिधि धरातल में काम करते हैं, जनप्रतिनिधियों को ज्यादा जानकारी होती है.