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राज्यसभा चुनाव: 2012 की तरह रणनीति बनाकर चुनाव जीतने की तैयारी में जुटी कांग्रेस - Congress making strategy for rajysabha election

झारखंड की दो सीटों के लिए 19 जून को राज्यसभा चुनाव होनी है. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी है. उनका कहना है कि वे लोग 2012 की रणनीति पर काम कर रहे हैं. उस समय पार्टी के पास मात्र 13 विधायक थे. लेकिन पार्टी ने राजद के 5 और 7 निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में कर जीत हासिल की थी.

Congress making strategy
बैठक करते कांग्रेस के नेता
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Published : Jun 6, 2020, 3:32 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 3:39 PM IST

रांची: 19 जून को राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. महागठबंधन की ओर से एक सीट के लिए गुरुजी यानी शिबू सोरेन को उम्मीदवार बनाया गया है. जबकि दूसरी सीट पर कांग्रेस ने शहजादा अनवर को उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद कांग्रेस अब वर्ष 2012 की तरह रणनीति पर काम करने में जुट गई है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, 2012 में कांग्रेस के पास मात्र 13 विधायक थे, फिर भी पार्टी उम्मीदवार की जीत हुई थी. झारखंड में राज्यसभा के 2 सीटों के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है. कांग्रेस दूसरी सीट पर जीत का समीकरण बना रही है. इसके लिए 8 जून को कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है. प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी समेत अन्य नेताओं का झारखंड में आगमन होगा. हालांकि दूसरे सीट के लिए गठबंधन के पास फिलहाल 21 विधायकों की संख्या है. जिसे देखते हुए उन्होंने कहा है कि राज्यसभा का इतिहास बताता है कि यहां परिणाम आंकड़ों के विपरीत आता रहा है. कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशी शहजादा अनवर के लिए आंकड़े जुटाने में लगी हुई है. जबकि दूसरी सीट पर गठबंधन से ज्यादा बीजेपी का पलड़ा भारी है लेकिन कांग्रेस ने अपने 2012 वाले फार्मूले पर काम शुरू कर दिया है. उस समय पार्टी के पास मात्र 13 विधायक थे. लेकिन पार्टी ने राजद के 5 और 7 निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में कर जीत हासिल की थी.

Congress making strategy
बैठक करते कांग्रेस के नेता

ये भी पढ़ें- एर्नाकुलम से प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची हटिया, महिला श्रमिकों ने सुनाई दर्द भरी दास्तां

वहीं, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे ने दावा किया है कि बीजेपी के कई विधायक संपर्क में है और कई लोग बाबूलाल मरांडी को नेता नहीं मानते हैं. ऐसे में इस बार अंतरात्मा की आवाज पर वोटिंग होगी, उन्होंने इशारा भी किया है कि इस चुनाव में रणनीति 2012 का होगा. इसके साथ ही 2016 वाले समीकरण पर भी गठबंधन सरकार का ध्यान है. झारखंड में राज्यसभा चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो आंकड़ों से विपरीत परिणाम आता रहा है. कांग्रेस कई बार कम आंकड़ा होने के बावजूद राज्यसभा के चुनाव में जीत हासिल करती आई है. इस बार भी गठबंधन के रणनीतिकार सीएम हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह की तरफ से दूसरी सीट पर जीत हासिल करने की तैयारी की जा रही है.

रांची: 19 जून को राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. महागठबंधन की ओर से एक सीट के लिए गुरुजी यानी शिबू सोरेन को उम्मीदवार बनाया गया है. जबकि दूसरी सीट पर कांग्रेस ने शहजादा अनवर को उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद कांग्रेस अब वर्ष 2012 की तरह रणनीति पर काम करने में जुट गई है.

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दरअसल, 2012 में कांग्रेस के पास मात्र 13 विधायक थे, फिर भी पार्टी उम्मीदवार की जीत हुई थी. झारखंड में राज्यसभा के 2 सीटों के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है. कांग्रेस दूसरी सीट पर जीत का समीकरण बना रही है. इसके लिए 8 जून को कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है. प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी समेत अन्य नेताओं का झारखंड में आगमन होगा. हालांकि दूसरे सीट के लिए गठबंधन के पास फिलहाल 21 विधायकों की संख्या है. जिसे देखते हुए उन्होंने कहा है कि राज्यसभा का इतिहास बताता है कि यहां परिणाम आंकड़ों के विपरीत आता रहा है. कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशी शहजादा अनवर के लिए आंकड़े जुटाने में लगी हुई है. जबकि दूसरी सीट पर गठबंधन से ज्यादा बीजेपी का पलड़ा भारी है लेकिन कांग्रेस ने अपने 2012 वाले फार्मूले पर काम शुरू कर दिया है. उस समय पार्टी के पास मात्र 13 विधायक थे. लेकिन पार्टी ने राजद के 5 और 7 निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में कर जीत हासिल की थी.

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बैठक करते कांग्रेस के नेता

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वहीं, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे ने दावा किया है कि बीजेपी के कई विधायक संपर्क में है और कई लोग बाबूलाल मरांडी को नेता नहीं मानते हैं. ऐसे में इस बार अंतरात्मा की आवाज पर वोटिंग होगी, उन्होंने इशारा भी किया है कि इस चुनाव में रणनीति 2012 का होगा. इसके साथ ही 2016 वाले समीकरण पर भी गठबंधन सरकार का ध्यान है. झारखंड में राज्यसभा चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो आंकड़ों से विपरीत परिणाम आता रहा है. कांग्रेस कई बार कम आंकड़ा होने के बावजूद राज्यसभा के चुनाव में जीत हासिल करती आई है. इस बार भी गठबंधन के रणनीतिकार सीएम हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह की तरफ से दूसरी सीट पर जीत हासिल करने की तैयारी की जा रही है.

Last Updated : Jun 6, 2020, 3:39 PM IST
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