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विधानसभा चुनाव से पहले वास्तु दोष मिटाने में जुटी कांग्रेस, जानिए पार्टी ने उठाया क्या कदम

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Published : Oct 26, 2019, 9:46 AM IST

Updated : Oct 26, 2019, 6:56 PM IST

आगामी विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड प्रदेश कांग्रेस भवन में वास्तु दोष मिटाने का काम जोरों पर चल रहा है. चुनाव में पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान न हो इसलिए कांग्रेस भवन के वास्तु दोष को खत्म कर पार्टी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.

कांग्रेस भवन रांची

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस भवन में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वास्तु दोष मिटाने का काम जोरों पर चल रहा है. हालांकि वास्तु दोष खत्म होने से पहले ही पार्टी के 2 विधायकों के बीजेपी में जाने से तगड़ा झटका जरूर लगा है. लेकिन रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान न हो इसलिए कांग्रेस भवन के वास्तु दोष को खत्म कर पार्टी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान होता आया
दरअसल, पिछले दो प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल में चुनावी परिणाम के पहले और बाद पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान होता आया है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय के कार्यकाल में न ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन हो पाया था और न ही लोकसभा चुनाव में कुछ खास सफलता हाथ लगी. बल्कि वर्ष 2017 में डॉ अजय के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद हमेशा पार्टी में गुटबाजी देखी जाती रही और आखिरकार कांग्रेस नेताओं ने खुलकर सड़क पर उतरकर डॉ अजय का विरोध किया. नौबत यहां तक आ गई कि उन्होंने पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया.

ये भी पढ़ें- दो बसों की जोरदार टक्कर, हादसे में यात्री का सिर धड़ से हुआ अलग

2013 में सुखदेव भगत ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली थी
वहीं, इससे पहले वर्ष 2013 में सुखदेव भगत ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के साथ ही पार्टी विधायक इरफान अंसारी और मनोज यादव ने जमकर विरोध जताया था. हालांकि अपने कार्यकाल में उन्होंने पार्टी को एकजुट करने का प्रयास किया. लेकिन गुटबाजी ज्यादा हावी रही. आखिरकार पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद सुखदेव भगत ने दूरी बना ली और आखिर में बीजेपी का दामन थाम लिया. हैरत की बात यह रही कि सुखदेव भगत का शुरू से विरोध करने वाले मनोज यादव ने भी उनके साथ हाथ का साथ छोड़ बीजेपी के कमल को अपना लिया.

ये भी पढ़ें- सड़क किनारे खड़ी कार में लगी आग, जलती कार का वीडियो बनाता रहा ड्राइवर

वास्तु दोष खत्म करने की कवायद
ऐसे में इसी वर्ष अगस्त में रामेश्वर उरांव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पार्टी की बागडोर संभाली है और उनके अध्यक्ष बनने के कुछ ही समय बाद विधानसभा चुनाव होना है. अब प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस भवन के जिस कमरे में बैठते हैं उसमें बैठने वाले पिछले अध्यक्षों की तरह उनका और पार्टी का हाल न हो इसलिए अब वास्तु दोष खत्म करने की कवायद चल रही है. उनके कमरे की खिड़की और दरवाजे का फेरबदल किया गया है, तो वहीं कांग्रेस भवन में लगी पानी की टंकी को भी शिफ्ट किए जाने की तैयारी है. हालांकि काम कर रहे मिस्त्री की माने तो उन्हें वास्तु दोष के तहत काम किए जाने की कोई जानकारी नहीं है.

प्रदेश अध्यक्ष के कमरे में बदलाव
इधर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जगदीश साहू ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के कमरे में सही तरीके से सूर्य की रोशनी नहीं आ रही थी. ऐसे में उनके कमरे में दरवाजे की जगह खिड़की और खिड़की की जगह दरवाजे को शिफ्ट किया गया है. उनकी माने तो परिवार के मुखिया के कमरे में सूर्य की रोशनी और स्वच्छ हवा आनी चाहिए. जिससे परिवार में खुशहाली बनी रहे. उसी तर्ज पर प्रदेश अध्यक्ष के कमरे में बदलाव किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पौधारोपण अभियान को ठेंगा दिखा रहे माफिया, कटते जंगल पर वन विभाग बेपरवाह

वास्तु दोष मिटाने के लिए बदलाव
बहरहाल, कांग्रेस के स्टेट हेड क्वार्टर के स्ट्रक्चर के बदलाव को लेकर भले ही खुलकर कोई नहीं बोल रहा हो, लेकिन वास्तु दोष मिटाने के लिए ही ये बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का बेहतर परफॉर्मेंस रहे. अब देखना यह है कि मिटे वास्तु दोष का पार्टी को फायदा मिलता है या नहीं.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस भवन में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वास्तु दोष मिटाने का काम जोरों पर चल रहा है. हालांकि वास्तु दोष खत्म होने से पहले ही पार्टी के 2 विधायकों के बीजेपी में जाने से तगड़ा झटका जरूर लगा है. लेकिन रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान न हो इसलिए कांग्रेस भवन के वास्तु दोष को खत्म कर पार्टी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान होता आया
दरअसल, पिछले दो प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल में चुनावी परिणाम के पहले और बाद पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान होता आया है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय के कार्यकाल में न ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन हो पाया था और न ही लोकसभा चुनाव में कुछ खास सफलता हाथ लगी. बल्कि वर्ष 2017 में डॉ अजय के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद हमेशा पार्टी में गुटबाजी देखी जाती रही और आखिरकार कांग्रेस नेताओं ने खुलकर सड़क पर उतरकर डॉ अजय का विरोध किया. नौबत यहां तक आ गई कि उन्होंने पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया.

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2013 में सुखदेव भगत ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली थी
वहीं, इससे पहले वर्ष 2013 में सुखदेव भगत ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के साथ ही पार्टी विधायक इरफान अंसारी और मनोज यादव ने जमकर विरोध जताया था. हालांकि अपने कार्यकाल में उन्होंने पार्टी को एकजुट करने का प्रयास किया. लेकिन गुटबाजी ज्यादा हावी रही. आखिरकार पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद सुखदेव भगत ने दूरी बना ली और आखिर में बीजेपी का दामन थाम लिया. हैरत की बात यह रही कि सुखदेव भगत का शुरू से विरोध करने वाले मनोज यादव ने भी उनके साथ हाथ का साथ छोड़ बीजेपी के कमल को अपना लिया.

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वास्तु दोष खत्म करने की कवायद
ऐसे में इसी वर्ष अगस्त में रामेश्वर उरांव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पार्टी की बागडोर संभाली है और उनके अध्यक्ष बनने के कुछ ही समय बाद विधानसभा चुनाव होना है. अब प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस भवन के जिस कमरे में बैठते हैं उसमें बैठने वाले पिछले अध्यक्षों की तरह उनका और पार्टी का हाल न हो इसलिए अब वास्तु दोष खत्म करने की कवायद चल रही है. उनके कमरे की खिड़की और दरवाजे का फेरबदल किया गया है, तो वहीं कांग्रेस भवन में लगी पानी की टंकी को भी शिफ्ट किए जाने की तैयारी है. हालांकि काम कर रहे मिस्त्री की माने तो उन्हें वास्तु दोष के तहत काम किए जाने की कोई जानकारी नहीं है.

प्रदेश अध्यक्ष के कमरे में बदलाव
इधर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जगदीश साहू ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के कमरे में सही तरीके से सूर्य की रोशनी नहीं आ रही थी. ऐसे में उनके कमरे में दरवाजे की जगह खिड़की और खिड़की की जगह दरवाजे को शिफ्ट किया गया है. उनकी माने तो परिवार के मुखिया के कमरे में सूर्य की रोशनी और स्वच्छ हवा आनी चाहिए. जिससे परिवार में खुशहाली बनी रहे. उसी तर्ज पर प्रदेश अध्यक्ष के कमरे में बदलाव किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- पौधारोपण अभियान को ठेंगा दिखा रहे माफिया, कटते जंगल पर वन विभाग बेपरवाह

वास्तु दोष मिटाने के लिए बदलाव
बहरहाल, कांग्रेस के स्टेट हेड क्वार्टर के स्ट्रक्चर के बदलाव को लेकर भले ही खुलकर कोई नहीं बोल रहा हो, लेकिन वास्तु दोष मिटाने के लिए ही ये बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का बेहतर परफॉर्मेंस रहे. अब देखना यह है कि मिटे वास्तु दोष का पार्टी को फायदा मिलता है या नहीं.

Intro:रांची.झारखंड प्रदेश कांग्रेस भवन में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वास्तु दोष मिटाने का काम जोरों पर चल रहा है। हालांकि वास्तु दोष खत्म होने से पहले ही पार्टी के 2 विधायकों के बीजेपी में जाने से तगड़ा झटका जरूर लगा है। लेकिन रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान ना हो। इसलिए कांग्रेस भवन के वास्तु दोष को खत्म कर पार्टी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।




Body:दरअसल पिछले दो प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल में चुनावी परिणाम के पहले और बाद पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान होता आया है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय के कार्यकाल में ना ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन हो पाया था और ना ही लोकसभा चुनाव में कुछ खास सफलता हाथ लगी। बल्कि वर्ष 2017 में डॉ अजय के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद हमेशा पार्टी में गुटबाजी देखी जाती रही और आखिरकार कांग्रेस नेताओं ने खुलकर सड़क पर उतरकर डॉ अजय का विरोध किया। नौबत यंहा तक आयी कि उन्होंने पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया।

वंही इससे पहले वर्ष 2013 में सुखदेव भगत ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के साथ ही पार्टी विधायक इरफान अंसारी और मनोज यादव ने जमकर विरोध जताया था। हालांकि अपने कार्यकाल में उन्होंने पार्टी को एकजुट करने का प्रयास किया। लेकिन गुटबाजी ज्यादा हावी रही। आखिरकार पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद सुखदेव भगत ने दूरी बना ली और अंततः बीजेपी का दामन थाम लिया। हैरत की बात यह रही कि सुखदेव भगत का शुरू से विरोध करने वाले मनोज यादव ने भी उनके साथ हाथ का साथ छोड़ बीजेपी के कमल को अपना लिया।

ऐसे में इसी वर्ष अगस्त में रामेश्वर उरांव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पार्टी की बागडोर संभाली है और उनके अध्यक्ष बनने के कुछ ही समय बाद विधानसभा चुनाव होना है।अब प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस भवन के जिस कमरे में बैठते हैं। उसमें बैठने वाले पिछले अध्यक्षों की तरह उनका और पार्टी का हाल ना हो। इसलिए अब वास्तु दोष खत्म करने की कवायद चल रही है। उनके कमरे की खिड़की और दरवाजे का फेरबदल किया गया है। तो वही कांग्रेस भवन में लगी पानी की टंकी को भी शिफ्ट किए जाने की तैयारी है। हालांकि काम कर रहे मिस्त्री की मानें तो उन्हें वास्तु दोष के तहत काम किए जाने की कोई जानकारी नहीं है।

तो वही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जगदीश साहू ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के कमरे में सही तरीके से सूर्य की रोशनी नहीं आ रही थी। ऐसे में उनके कमरे में दरवाजे की जगह खिड़की और खिड़की की जगह दरवाजे को शिफ्ट किया गया है। उनकी माने तो परिवार के मुखिया के कमरे में सूर्य की रोशनी और स्वच्छ हवा आनी चाहिए। जिससे परिवार में खुशहाली बनी रहे। उसी तर्ज पर प्रदेश अध्यक्ष के कमरे में बदलाव किए जा रहे हैं।


Conclusion:बहरहाल कांग्रेस के स्टेट हेड क्वार्टर के स्ट्रक्चर के बदलाव को लेकर भले ही खुलकर कोई नहीं बोल रहा हो।लेकिन वास्तु दोष मिटाने के लिए ही ये बदलाव किये जा रहे है। ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का बेहतर परफॉर्मेंस रहे।अब देखना यह है कि मिटे वास्तु दोष का पार्टी को फायदा मिलता है या नहीं।
Last Updated : Oct 26, 2019, 6:56 PM IST
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