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कांग्रेस के कांके विधानसभा सीट से उम्मीदवार राजीव कुमार तकनीकी समस्या में फंसे, कहीं पीछे न करना पड़े कदम

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Published : Nov 16, 2019, 9:11 PM IST

झारखंड विधानसभा में विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस पार्टी के कांके विधानसभा सीट के प्रत्याशी राजीव कुमार को लेकर तकनीकी अड़चन आ रही है. ऐसे में कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा.

विनय चौबे, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

रांची: झारखंड विधानसभा में विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस पार्टी के कांके विधानसभा सीट के प्रत्याशी राजीव कुमार को लेकर तकनीकी अड़चन आ रही है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो लोकसभा चुनावों में उन्हें अकोमोडेट नहीं कर पाने के कारण पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें कांके से उम्मीदवार बनाया है.

जानकारी देते विनय चौबे और राजेश ठाकुर

लोकसभा चुनाव से पहले हुए थे कांग्रेस में शामिल
दरअसल राजीव कुमार लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पलामू लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है. चूंकि महागठबंधन की सीट शेयरिंग डील के अनुसार पलामू सीट राजद के खाते में चली गई इसी वजह से लोकसभा चुनाव में राजीव कुमार को उम्मीदवार नहीं बनाया गया. सूत्रों का यकीन करें तो कुमार मूलत उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.

क्या है पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट का प्रावधान ?
दरअसल, पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के प्रावधान के अनुसार प्रदेश के विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों में उसी प्रदेश से निर्गत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर कोई भी व्यक्ति उम्मीदवार बन सकता है. इसके अलावा उसका उस विधानसभा इलाके के इलेक्टोरल रोल में नाम दर्ज होना आवश्यक है. कांग्रेस सूत्रों का यकीन करें तो राजीव कुमार के मामले में इन बिंदुओं पर फिलहाल संशय है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने साफ तौर पर कहा कि नियमों के अनुसार उम्मीदवारी तय होती है. रिजर्व सीट की अलावा ऐसे उम्मीदवार जनरल सीट से चुनाव लड़ सकते हैं बशर्ते कि इलेक्टोरल रोल में उनका नाम हो.

ये भी पढ़ें- बीजेपी ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, PM मोदी, अमित शाह करेंगे कई सभाएं

क्या कहते हैं कांग्रेस नेता
इस बाबत पूछे जाने पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर साफ तौर पर करते हैं कि राजीव कुमार को लेकर थोड़ी तकनीकी समस्याएं हैं, लेकिन उसे एक-दो दिन में सुलझा लिया जाएगा. दरअसल राजधानी रांची में में पड़ने वाली कांके विधानसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदान होना है. तय शेड्यूल के अनुसार 12 दिसंबर को उस विधानसभा इलाके में वोट डाले जाएंगे. जबकि नामांकन दाख़िल करने की अंतिम तारीख 25 नवंबर है.

कौन हैं राजीव कुमार ?
1981 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार 2013 में झारखंड पुलिस के महानिदेशक बनाए गए थे. 2014 में उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल सभी सम्मानित किया गया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1975 में स्नातक की परीक्षा पास की. कुमार एकीकृत बिहार में साहिबगंज, हजारीबाग, पूर्णिया समेत कई जिलों के एसपी रह चुके हैं साथ ही वे ईपीएफओ नई दिल्ली में चीफ विजिलेंस ऑफिसर के पद पर तैनात रहे हैं.

रांची: झारखंड विधानसभा में विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस पार्टी के कांके विधानसभा सीट के प्रत्याशी राजीव कुमार को लेकर तकनीकी अड़चन आ रही है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो लोकसभा चुनावों में उन्हें अकोमोडेट नहीं कर पाने के कारण पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें कांके से उम्मीदवार बनाया है.

जानकारी देते विनय चौबे और राजेश ठाकुर

लोकसभा चुनाव से पहले हुए थे कांग्रेस में शामिल
दरअसल राजीव कुमार लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पलामू लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है. चूंकि महागठबंधन की सीट शेयरिंग डील के अनुसार पलामू सीट राजद के खाते में चली गई इसी वजह से लोकसभा चुनाव में राजीव कुमार को उम्मीदवार नहीं बनाया गया. सूत्रों का यकीन करें तो कुमार मूलत उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.

क्या है पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट का प्रावधान ?
दरअसल, पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के प्रावधान के अनुसार प्रदेश के विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों में उसी प्रदेश से निर्गत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर कोई भी व्यक्ति उम्मीदवार बन सकता है. इसके अलावा उसका उस विधानसभा इलाके के इलेक्टोरल रोल में नाम दर्ज होना आवश्यक है. कांग्रेस सूत्रों का यकीन करें तो राजीव कुमार के मामले में इन बिंदुओं पर फिलहाल संशय है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने साफ तौर पर कहा कि नियमों के अनुसार उम्मीदवारी तय होती है. रिजर्व सीट की अलावा ऐसे उम्मीदवार जनरल सीट से चुनाव लड़ सकते हैं बशर्ते कि इलेक्टोरल रोल में उनका नाम हो.

ये भी पढ़ें- बीजेपी ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, PM मोदी, अमित शाह करेंगे कई सभाएं

क्या कहते हैं कांग्रेस नेता
इस बाबत पूछे जाने पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर साफ तौर पर करते हैं कि राजीव कुमार को लेकर थोड़ी तकनीकी समस्याएं हैं, लेकिन उसे एक-दो दिन में सुलझा लिया जाएगा. दरअसल राजधानी रांची में में पड़ने वाली कांके विधानसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदान होना है. तय शेड्यूल के अनुसार 12 दिसंबर को उस विधानसभा इलाके में वोट डाले जाएंगे. जबकि नामांकन दाख़िल करने की अंतिम तारीख 25 नवंबर है.

कौन हैं राजीव कुमार ?
1981 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार 2013 में झारखंड पुलिस के महानिदेशक बनाए गए थे. 2014 में उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल सभी सम्मानित किया गया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1975 में स्नातक की परीक्षा पास की. कुमार एकीकृत बिहार में साहिबगंज, हजारीबाग, पूर्णिया समेत कई जिलों के एसपी रह चुके हैं साथ ही वे ईपीएफओ नई दिल्ली में चीफ विजिलेंस ऑफिसर के पद पर तैनात रहे हैं.

Intro:इससे जुड़ा बाइट THAKUR RAJEEV KUMAR और CHOUBEY RAJEEV KUMAR स्लग से लाइव व्यू से गयी है रांची। झारखंड विधानसभा में विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस पार्टी के कांके विधानसभा सीट के प्रत्याशी राजीव कुमार को लेकर तकनीकी अड़चन आ रही है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो लोकसभा चुनावों में उन्हें अकोमोडेट नहीं करने पाने के कारण पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें कांके से उम्मीदवार बनाया है। दरअसल राजीव कुमार लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में शामिल हुए और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पलामू लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है। चूंकि महागठबंधन की सीट शेयरिंग डील के अनुसार पलामू सीट राजद के खाते में चली गई इसी वजह से लोकसभा चुनाव में राजीव कुमार को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। सूत्रों का यकीन करें तो कुमार मूलत उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।


Body:क्या है पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट का प्रावधान दरअसल पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के प्रावधान के अनुसार प्रदेश के विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों में उसी प्रदेश से निर्गत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर कोई भी व्यक्ति उम्मीदवार बन सकता है। इसके अलावा उसका उस विधानसभा इलाके के इलेक्टोरल रोल में नाम दर्ज होना आवश्यक है। कांग्रेस सूत्रों का यकीन करें तो राजीव कुमार के मामले में इन बिंदुओं पर फिलहाल संशय है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने साफ तौर पर कहा कि प्रावधान के नियमों के अनुसार उम्मीदवारी तय होती है। रिजर्व सीट की अलावा ऐसे उम्मीदवार जनरल सीट से चुनाव लड़ सकते हैं बशर्ते कि इलेक्टोरल रोल में उनका नाम हो। क्या कहते हैं कांग्रेस नेता इस बाबत पूछे जाने पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर साफ तौर पर करते हैं कि राजीव कुमार को लेकर थोड़ी तकनीकी समस्याएं हैं, लेकिन उसे एक-दो दिन में सुलझा लिया जाएगा। दरअसल राजधानी रांची में में पड़ने वाली कांके विधानसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदान होना है। तय शेड्यूल के अनुसार 12 दिसंबर को उस विधानसभा इलाके में वोट डाले जाएंगे। जबकि नामांकन दाख़िल करने की अंतिम तारीख 25 नवंबर है।


Conclusion: कौन हैं राजीव कुमार 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार 2013 में झारखंड पुलिस के महानिदेशक बनाए गए थे।2014 में उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल सभी सम्मानित किया गया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1975 में स्नातक की परीक्षा पास की। कुमार एकीकृत बिहार में साहिबगंज, हजारीबाग, पूर्णिया समेत कई जिलों के एसपी रह चुके हैं साथी व ईपीएफओ नई दिल्ली में चीफ विजिलेंस ऑफिसर के पद पर तैनात रहे हैं
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