रांची: जमशेदपुर का पुलिस महकमा और रिम्स के डॉक्टर चाकू से घायल एक महिला के लिए 'भगवान' बन गए. दोनों की सक्रियता ने मौत के मुंह से महिला की जिंदगी छीन ली. एक तरफ जमशेदपुर पुलिस ने महिला को समय से रिम्स पहुंचाया तो दूसरी तरफ रिम्स के चिकित्सकों ने अमाशय फटने और आंते बाहर निकलने से जीवन और मौत के बीच जूझ रही महिला का सफल ऑपरेशन कर उसको नई जिंदगी दी.
ये भी पढ़ें- उपलब्धि: रिम्स में नई तकनीक से कॉर्निया का ट्रांसप्लांट, 2 लोगों की आंखों को मिली रोशनी
बेहद नाजुक हालत में रिम्स पहुंची थी महिला
महिला का ऑपरेशन करने वाले सर्जरी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर निसित एक्का की मानें तो जब महिला को रिम्स लाया गया था उस समय उसकी हालत बेहद नाजुक थी. महिला का ब्लड प्रेशर लो था. साथ ही अमाशय फटने की वजह से आंते बाहर निकल गईं थीं. इसके अलावा सिर और गले में भी गंभीर चोटें लगी हुईं थीं.
ऑपरेशन के लिए बनाई गई टीम
निसित एक्का के अनुसार महिला की हालत को देखते हुए तुरंत ऑपरेशन का फैसला लिया गया और आनन फानन में डॉक्टर की एक टीम बनाई गई. जिसमें उनके अलावा डॉक्टर विक्रम, डॉक्टर नेहा, डॉक्टर शोभा, डॉक्टर अनूप, डॉक्टर रामकृष्ण, डॉक्टर प्रीतम, डॉक्टर आदित्य और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल रहे. डॉक्टरों की टीम ने बेहद कुशलता से महिला के ऑपरेशन को अंजाम दिया, महिला अब खतरे से बाहर है.
कौन है ये महिला
निसित एक्का के मुताबिक जिस समय घायल महिला का ऑपरेशन किया जा रहा था, उस समय डॉक्टरों को महिला के बारे में कुछ भी पता नहीं था. दरअसल जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल से चाकू से घायल हुई लावारिस महिला को पुलिस ने रिम्स में भर्ती कराया था. जिसके बाद डॉक्टरों की सक्रियता की वजह से उस महिला का सफल ऑपरेशन किया जा सका है. अब ये बताया जा रहा है कि महिला का नाम लक्ष्मी साव है जो सरायकेला और खरसांवा में रहती है. मूल रूप से बिहार के नालंदा की रहने वाली ये महिला कैसे घायल हुई इसकी जानकारी अभी तक किसी को नहीं है.