रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोविड-19 से उत्पन्न झारखंड में गंभीर समस्याओं से अवगत कराया है. उन्होंने कहा है कि, कोरोना के नियंत्रण हेतु भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत, समय-समय पर निर्गत किए गए आदेशों का झारखंड राज्य में पूरा पालन हो रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री का दूसरे राज्यों में झारखंड के छात्रों और मजदूरों को अपने राज्य में वापस लाने हेतु ध्यान दिलाते हुए कहा है कि, झारखंड के 5 हजार से ज्यादा बच्चे कोटा और देश के अन्य शहरों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं. साथ ही लगभग 5 लाख से अधिक झारखंड के मजदूर अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए थे. वो सब आज अपने राज्य वापस आना चाहते हैं. बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि, उन्हें वापस लाने का प्रबंध राज्य सरकार करे. सीएम ने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से 15 अप्रैल को जारी आदेश में लिखा है कि 3 मई तक व्यक्तियों का अंतर्राज्यीय आवागमन पर रोक है. आदेश का उल्लंघन डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आपराधिक होगा. झारखंड सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहती है, जो भारत सरकार के आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में दर्ज हो. परंतु प्रतिदिन यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि, कुछ राज्य आपसी सहमति से बड़े पैमाने पर छात्रों का आवागमन करवा रहे हैं. जबकि गृह मंत्रालय की ओर से ऐसा करने के लिए कोई रियायत नहीं दिया गया है.