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लॉकडाउन के बाद के हालात पर डॉक्टरों से चर्चा करेंगे सीएम, स्टेट सेक्रेटेरिएट में होनी है बैठक - सीएम हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में प्रदेश के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक करेंगे. बैठक में कोरोना के संक्रमण तेजी से फैलने और इसे रोकने के उपायों पर चर्चा होनी है.

CM Hemant Soren will hold a meeting with doctors in ranchi
प्रोजेक्ट भवन
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Published : Apr 8, 2020, 10:47 AM IST

रांची: प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण रखने के लिए राज्य सरकार बुधवार को प्रदेश के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ एक बैठक करने जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में होने वाली बैठक स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में होगी. बैठक में कोरोना के संक्रमण तेजी से फैलने और इसे रोकने के उपायों पर चर्चा होनी है. इसके साथ ही राज्य में इस महामारी से निपटने के लिए संसाधनों की कमी के मद्देनजर वैकल्पिक संसाधनों की उपलब्धता पर भी चर्चा होगी.

लॉकडाउन के बाद स्थिति हो सकती है गंभीर

वहीं, राज्य सरकार फिलहाल लॉकडाउन को लेकर काफी गंभीर है. सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन खुलने के बाद प्रदेश को सबसे ज्यादा चुनौती झेलनी होगी. ऐसी स्थिति में बड़ी संख्या में बाहर फंसे लोग राज्य लौटेंगे. मुख्यमंत्री ने इस ओर इशारा किया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता लोगों को भोजन उपलब्ध कराने की है. आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा होगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार ने भोजन उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है.

ये भी पढ़ें: कोरोना इफेक्टः शेल्टर होम से बच्चे भेजे जाएंगे घर, सुधार गृह से समीक्षा कर होगी रिहाई

मेडिकल संसाधनों की है कमी

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल संसाधनों की कमी है. हालांकि, इस बाबत केंद्र सरकार से मांग भी की गई थी, लेकिन केंद्र से अभी तक 75,000 की जगह केवल 5000 टेस्ट किट और 200 की जगह 100 थर्मल स्कैनर मिले हैं. यही वजह है कि राज्य में कोरोना की जांच धीमी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से 1500 वेंटिलेटर मांगे गए थे, लेकिन एक भी वेंटीलेटर नहीं मिला है.

रांची: प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण रखने के लिए राज्य सरकार बुधवार को प्रदेश के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ एक बैठक करने जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में होने वाली बैठक स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में होगी. बैठक में कोरोना के संक्रमण तेजी से फैलने और इसे रोकने के उपायों पर चर्चा होनी है. इसके साथ ही राज्य में इस महामारी से निपटने के लिए संसाधनों की कमी के मद्देनजर वैकल्पिक संसाधनों की उपलब्धता पर भी चर्चा होगी.

लॉकडाउन के बाद स्थिति हो सकती है गंभीर

वहीं, राज्य सरकार फिलहाल लॉकडाउन को लेकर काफी गंभीर है. सूत्रों की मानें तो लॉकडाउन खुलने के बाद प्रदेश को सबसे ज्यादा चुनौती झेलनी होगी. ऐसी स्थिति में बड़ी संख्या में बाहर फंसे लोग राज्य लौटेंगे. मुख्यमंत्री ने इस ओर इशारा किया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता लोगों को भोजन उपलब्ध कराने की है. आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा होगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार ने भोजन उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है.

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मेडिकल संसाधनों की है कमी

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल संसाधनों की कमी है. हालांकि, इस बाबत केंद्र सरकार से मांग भी की गई थी, लेकिन केंद्र से अभी तक 75,000 की जगह केवल 5000 टेस्ट किट और 200 की जगह 100 थर्मल स्कैनर मिले हैं. यही वजह है कि राज्य में कोरोना की जांच धीमी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से 1500 वेंटिलेटर मांगे गए थे, लेकिन एक भी वेंटीलेटर नहीं मिला है.

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