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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया झंडोत्तोलन, कहा- कोरोना की चुनौती से मिलकर निपटेंगे

देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोराबादी मैदान में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झंडोत्तोलन किया. झंडोत्तोलन से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परेड का निरीक्षण भी किया. परेड में रांची पुलिस, सीआरपीएफ, जैप, झारखंड जगुआर, होमगार्ड्स और एनसीसी के कैडर के साथ महिला बटालियन शामिल हुए.

CM Hemant Soren unfurl the tricolor at Moharbadi ground in ranchi
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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Published : Aug 15, 2020, 11:39 AM IST

Updated : Aug 17, 2020, 8:39 AM IST

रांची: जिले के मोरहाबादी मैदान में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने तिरंगा फहराया. इस मौके पर सीएम ने राज्य की जनता को संबोधित किया. हेमंत सोरेन ने देश की स्वाधीनता के लिए अपना अमूल योगदान देनेवाले सभी स्वतंत्रता सैनानियों को याद किया. इसके साथ ही गलवान घाटी में देश की सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुए झारखंड के वीर और कश्मीर में शहीद हुए कुलदीप उरांव को भी नमन किया.

देखें पूरी खबर

शहीदों को किया नमन

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश और राज्य के अमर शहीदों को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत की नींव असंख्य राष्ट्रभक्त और महापुरुषों के त्याग और समर्पण में ही समाहित है. इस महापर्व पर देश की स्वाधीनता के लिए अपना अमूल्य योगदान देने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को कोटि-कोटि नमन करते हैं. चीन के साथ हुई झड़प में देश के शहीद हुए जवानों को भी मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पलामू मेडिकल कॉलेज का नाम मेदनी राय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज का नाम शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, दुमका मेडिकल कॉलेज का नाम फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल और पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का नाम परिवर्तित करते हुए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल करने की भी घोषणा की है.

हेमंत सोरेन ने वीर सैनिकों को किया नमन

सबसे बड़ा संकट है कोरोना

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में यह कहा कि झारखंड में सरकार की स्थापना सकारात्मक विकास राज्य में सामाजिक न्याय और भाईचारा स्थापित करने के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों को विशेषकर कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और प्रगतिशील मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हुआ है. मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान यह बताया कि वर्तमान में सबसे बड़ा संकट कोरोना को लेकर है. करोना महामारी की वजह देश पर विपदा आन पड़ी है लेकिन उनकी सरकार इस महामारी से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. अपने प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर झारखंड सरकार लगातार प्रयास कर रही है. महामारी के विरुद्ध संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने वाले डॉक्टर पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी भी समारोह में उपस्थित हैं. उन्हें हमने विशेष रूप से समारोह में आमंत्रित किया था क्योंकि यह वही लोग हैं जिनकी बदौलत आज हम सब सुरक्षित हैं.

वीर शहीदों के बलिदान को रखेंगे याद

ये भी देखें- झारखंड की धरती से शुरू हुआ था अंग्रेजों के खिलाफ पहला विद्रोह, राजपाट छोड़ इस वीर ने अंग्रेजों से लिया था लोहा

कोरोना को लेकर दी राय

मुख्यमंत्री के अनुसार कोरोना वायरस ने कई कठिन चुनौतियां भी खड़ी की है. अचानक हुए लॉकडाउन की वजह से राज्य के बाहर फंसे झारखंड के श्रमिकों और नागरिकों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था सहित उन्हें वापस लाने में सरकार ने अपना जी जान लगाया. इसके साथ ही सभी को वापस लाकर बकायदा उनके रोजगार की भी व्यवस्था की. झारखंड सरकार ने देश के दूर-दराज इलाके में फंसे लोगों को एअरलिफ्ट कर वापस झारखंड लाया.

प्रतीक चिन्ह को लेकर बोले हेमंत सोरेन

कई योजनाएं हुई शुरू

हेमंत सोरेन ने बताया कि हमारी सरकार ने तत्परता से कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों और उपलब्ध संसाधनों का ग्रहण अवलोकन कर इस परिस्थिति में झारखंड और झारखंडवासियों के हित में जो भी निर्णय लिया जाना था वह निर्णय कड़ाई के साथ लिया. इस दौरान कई योजनाएं भी शुरू की गई हैं, इसमें बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो विकास योजना के तहत इस साल लगभग 1,244 योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है. इन योजनाओं के माध्यम से अब तक 344.62 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. मनरेगा में साथ में मजदूरी भुगतान में झारखंड राज्य पूरे देश में वर्तमान में पहले स्थान पर है.

कई योजनाएं से मजदूरों को जोड़ा

लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों के सामने अचानक उत्पन्न संकट से निपटने के लिए झारखंड सरकार ने राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बना कर विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों से संपर्क स्थापित किया और प्रत्येक राज्य के लिए नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया. वहीं मुख्यमंत्री मानव सेवा योजना के तहत कोरोना महामारी के इस विपदा की घड़ी में गरीबों को विधायक की अनुशंसा पर एक हजार और राज्य के बाहर फंसे प्रवासी श्रमिकों को 2 हजार की राशि भी दी गई. कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री दल भात योजना और मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना के तहत लोगों को हर संभव भरपेट भोजन भी उपलब्ध करवाया गया है.

आरक्षण का दायरा बढेगा

सीएम ने कहा कि राज्य की सरकारी नियुक्तियों में अन्य पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में भागीदारी बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा. वहीं, बहुसंख्यक झारखंडवासियों की भावना के अनुरूप स्थानीयता को पुनः परिभाषित करने के उद्देश्य से एक समिति का गठन किया जाएगा. इसके साथ ही निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए कम से कम 75% पद आरक्षित करने के लिए नियम बनाने का काम हमारी सरकार कर रही है.

रांची: जिले के मोरहाबादी मैदान में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने तिरंगा फहराया. इस मौके पर सीएम ने राज्य की जनता को संबोधित किया. हेमंत सोरेन ने देश की स्वाधीनता के लिए अपना अमूल योगदान देनेवाले सभी स्वतंत्रता सैनानियों को याद किया. इसके साथ ही गलवान घाटी में देश की सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुए झारखंड के वीर और कश्मीर में शहीद हुए कुलदीप उरांव को भी नमन किया.

देखें पूरी खबर

शहीदों को किया नमन

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश और राज्य के अमर शहीदों को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत की नींव असंख्य राष्ट्रभक्त और महापुरुषों के त्याग और समर्पण में ही समाहित है. इस महापर्व पर देश की स्वाधीनता के लिए अपना अमूल्य योगदान देने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को कोटि-कोटि नमन करते हैं. चीन के साथ हुई झड़प में देश के शहीद हुए जवानों को भी मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पलामू मेडिकल कॉलेज का नाम मेदनी राय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज का नाम शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, दुमका मेडिकल कॉलेज का नाम फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल और पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का नाम परिवर्तित करते हुए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल करने की भी घोषणा की है.

हेमंत सोरेन ने वीर सैनिकों को किया नमन

सबसे बड़ा संकट है कोरोना

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में यह कहा कि झारखंड में सरकार की स्थापना सकारात्मक विकास राज्य में सामाजिक न्याय और भाईचारा स्थापित करने के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों को विशेषकर कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और प्रगतिशील मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हुआ है. मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान यह बताया कि वर्तमान में सबसे बड़ा संकट कोरोना को लेकर है. करोना महामारी की वजह देश पर विपदा आन पड़ी है लेकिन उनकी सरकार इस महामारी से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. अपने प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर झारखंड सरकार लगातार प्रयास कर रही है. महामारी के विरुद्ध संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने वाले डॉक्टर पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी भी समारोह में उपस्थित हैं. उन्हें हमने विशेष रूप से समारोह में आमंत्रित किया था क्योंकि यह वही लोग हैं जिनकी बदौलत आज हम सब सुरक्षित हैं.

वीर शहीदों के बलिदान को रखेंगे याद

ये भी देखें- झारखंड की धरती से शुरू हुआ था अंग्रेजों के खिलाफ पहला विद्रोह, राजपाट छोड़ इस वीर ने अंग्रेजों से लिया था लोहा

कोरोना को लेकर दी राय

मुख्यमंत्री के अनुसार कोरोना वायरस ने कई कठिन चुनौतियां भी खड़ी की है. अचानक हुए लॉकडाउन की वजह से राज्य के बाहर फंसे झारखंड के श्रमिकों और नागरिकों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था सहित उन्हें वापस लाने में सरकार ने अपना जी जान लगाया. इसके साथ ही सभी को वापस लाकर बकायदा उनके रोजगार की भी व्यवस्था की. झारखंड सरकार ने देश के दूर-दराज इलाके में फंसे लोगों को एअरलिफ्ट कर वापस झारखंड लाया.

प्रतीक चिन्ह को लेकर बोले हेमंत सोरेन

कई योजनाएं हुई शुरू

हेमंत सोरेन ने बताया कि हमारी सरकार ने तत्परता से कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों और उपलब्ध संसाधनों का ग्रहण अवलोकन कर इस परिस्थिति में झारखंड और झारखंडवासियों के हित में जो भी निर्णय लिया जाना था वह निर्णय कड़ाई के साथ लिया. इस दौरान कई योजनाएं भी शुरू की गई हैं, इसमें बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो विकास योजना के तहत इस साल लगभग 1,244 योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है. इन योजनाओं के माध्यम से अब तक 344.62 लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. मनरेगा में साथ में मजदूरी भुगतान में झारखंड राज्य पूरे देश में वर्तमान में पहले स्थान पर है.

कई योजनाएं से मजदूरों को जोड़ा

लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों के सामने अचानक उत्पन्न संकट से निपटने के लिए झारखंड सरकार ने राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बना कर विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों से संपर्क स्थापित किया और प्रत्येक राज्य के लिए नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया. वहीं मुख्यमंत्री मानव सेवा योजना के तहत कोरोना महामारी के इस विपदा की घड़ी में गरीबों को विधायक की अनुशंसा पर एक हजार और राज्य के बाहर फंसे प्रवासी श्रमिकों को 2 हजार की राशि भी दी गई. कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री दल भात योजना और मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना के तहत लोगों को हर संभव भरपेट भोजन भी उपलब्ध करवाया गया है.

आरक्षण का दायरा बढेगा

सीएम ने कहा कि राज्य की सरकारी नियुक्तियों में अन्य पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में भागीदारी बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा. वहीं, बहुसंख्यक झारखंडवासियों की भावना के अनुरूप स्थानीयता को पुनः परिभाषित करने के उद्देश्य से एक समिति का गठन किया जाएगा. इसके साथ ही निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए कम से कम 75% पद आरक्षित करने के लिए नियम बनाने का काम हमारी सरकार कर रही है.

Last Updated : Aug 17, 2020, 8:39 AM IST
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