रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को सभी जिलों के उपायुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके स्थिति का जायजा लिया और दिशा-निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि लोगों में किसी तरह का डर का माहौल न बने. मंगलवार की आधी रात से पूरे देश में लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए बाहर निकलने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है. राज्य की किसी भी व्यक्ति को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. यह सुनिश्चित कर ली जाए. इसके साथ ही भूख की स्थिति उत्पन्न न हो.
कोरोनटाइन सेंटर में सभी को रखें अलग-अलग
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनटाइन में सभी को अलग-अलग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पीड़ित को किसी तरह की परेशानी न हो. इसके लिए होटल, हॉस्टल, खाली पड़े भवन को इसके लिए तैयार करें.
मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाएं
इसके साथ ही उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि झारखंड के विभिन्न जिले कई राज्यों की सीमा पर स्थित हैं. ऐसे में सैकड़ों की संख्या में मजदूर झारखंड स्थित अपने घर लौट रहें हैं और लॉकडाउन की स्थिति में वे सीमावर्ती क्षेत्रों में फंस गए हैं. उन सभी मजदूरों और अन्य को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करें. उनके लिए परिवहन के लिए वाहन की व्यवस्था भी करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम कोरोनटाइन में लोगों की सही निगरानी नहीं हो सकती. ऐसे लोग दूसरों के संपर्क में आएंगे, जिससे आनेवाले समय में समस्या उत्पन्न हो सकती है. सीएम ने सभी उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि बाहर से आनेवाले लोगों को सरकार की निगरानी में 14 दिनों तक रखा जाए. उनके लिए पूरी व्यवस्था करें. भय का माहौल नहीं बने. पंचायत भवन, प्रखंड स्थित भवन में ऐसे लोगों को रखने की व्यवस्था की जाए.
सिर्फ जरूरी वस्तुओं की बिक्री हो
सीएम ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार-हाट लगने दें, लेकिन इसमें इस बात का ध्यान रखा जाए कि बाजार में सब्जी, फल, खाद्यान्न, मसाला समेत आवश्यक वस्तु की ही बिक्री हो. कपड़ा, खाने-पीने की दुकानें नहीं लगे. दुकानों में कम से कम 20 फीट का फासला हो.
इन मामलों पर भी ध्यान देने का मिला निर्देश
- मजदूरों और गरीबों के लिए राशन की व्यवस्था की जाए.
- पंचायत स्तर पर बाहर से आने वाले लोगों की सूची तैयार की जाए.
- मास्क, किट की समस्या न हो.
- प्रखंड स्तर पर आइसोलेशन और कोरोनटाइन सेंटर का निर्माण करें.
- जिला में आने वाले लोगों की सटीक जानकारी रखी जाए.
- निजी अस्पतालों को भी अलर्ट में रखा जाए.
- होम डिलीवरी के माध्यम से लोगों को खाद्यान्न और दवा उपलब्ध हो.
- ग्राम, पंचायत और प्रखंड स्तर पर गठित समिति के सदस्यों का मोबाइल और व्हाट्सएप नंबर उपलब्ध कराएं.
- कोरोना वायरस को लेकर लोगों में जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार पर ध्यान दें.
- आवश्यक सेवा में लगे वाहनों का परिचालन नहीं रोके.