रांची: झारखंड के अलग-अलग जिलों में नक्सली संगठनों के खिलाफ हुए मुठभेड़ के चार बड़े मामलों की जांच अब सीआईडी के द्वारा की जाएगी. पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए इन सभी मुठभेड़ों की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर किया जा रहा है. सभी कांडों की जांच इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे. जांच टीम में फोरेंसिक विभाग के सदस्यों को भी शामिल किया गया है.
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लोहरदगा में मुठभेड़: झारखंड के लोहरदगा जिले में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के खिलाफ़ पुलिस ने ऑपरेशन डबल बुल शुरू किया था. इस ऑपरेशन के दौरान 17 फरवरी 2022 को जोबांग इलाके में मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ के दौरान एक नक्सली मारा गया था. मामले में जोबांग थाना में केस दर्ज किया गया था जिसे अब सीआईडी ने टेकओवर कर लिया है.
लातेहार में टीपीसी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़: 27 मार्च को पुलिस और टीपीसी नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में टीपीसी के उग्रवादी गोविंद सिंह उर्फ कर्मदेव सिंह उर्फ चंचल जी, जितेंद्र यादव उर्फ जितेंद्र पाहन, राजेश उरांव उर्फ सुशांत उरांव की मौत हुई थी. इस केस को भी सीआईडी ने टेकओवर कर लिया है. इसी तरह लातेहार में ही 30 सितबर 2021 को पुलिस से मुठभेड़ में जेजेएमपी के उग्रवादी कुंदन कुमार की मौत हुई थी. इस मामले में भी सीआईडी ने लातेहार थाना में दर्ज केस संख्या संख्या 236/2021 को टेकओवर कर लिया है.
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चाईबासा मुठभेड़ की जांच: चाईबासा के गोईलकेरा में 17 दिसंबर 2021 को पीएलएफआई व पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस दौरान पीएलएफआई का उग्रवादी मंगरा लुगून मारा गया था. मुठभेड़ के केस में चाईबासा के गोईलकेरा थाने में केस दर्ज हुआ था. इस केस की जांच भी अब सीआईडी के द्वारा की जाएगी. इस तरह सीआईडी मुठभेड़ के चार बड़े मामलों की जांच करने जा रही है.