रांचीः झारखंड के कोडरमा जिले में पिछले दिनों कारोबारी अर्जुन साव की हुई हत्या मामले की जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है. अर्जुन की हत्या का आरोप कोडरमा में पदस्थापित कुछ पुलिस कर्मियों पर लगा है. डीजीपी के निर्देश पर सीआईडी ने पहले दर्ज केस को टेकओवर कर लिया है.
कोडरमा में कारोबारी अर्जुन साव की हत्या के मामले में पुलिस अफसरों और कर्मियों पर दर्ज केस की तफ्तीश सीआईडी ने शुरू कर दी है. कोडरमा के डोमचांच थाने (Domchanch Police Station) में दर्ज केस को सीआईडी के मानवाधिकार शाखा को सौंप दिया गया है. सीआईडी स्थानीय थानेदार सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच करेगी. डीजीपी नीरज सिन्हा ने सीआईडी एडीजी प्रशांत सिंह को निर्देश दिया था कि सीआईडी डोमचांच थाने में दर्ज केस को टेकओवर करे. इस निर्देश के आलोक जांच के लिए सीआईडी के इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर दी गई है.
डोमचांच के अंबादाहा जंगल में सपही निवासी अर्जुन साव का शव 13 अप्रैल को बरामद किया गया था. शव बरामद होने के बाद मृतक के बेटे वीरेंद्र के बयान पर डोमचांच थाना के तत्कालीन थानेदार शशिकांत कुमार, एसआई विकास कुमार पासवान, सतीश पांडेय, नवीन होरो सहित अन्य को हत्या का आरोपी बनाया गया था. व्यवसायी के बेटे ने आरोप लगाया था कि 13 अप्रैल की सुबह उनके पिता रिश्तेदार के यहां जाने के लिए निकले थे. निरू पहाड़ी के पास बिना नंबर के वाहन पर थानेदार और अन्य पुलिसकर्मियों ने रोककर मारपीट की थी. इसी दौरान चार पांच ढिबरा वाहन वहां पहुंचा तो तत्कालीन थानेदार ने चार पांच लाख रुपये लेकर वाहनों को छोड़ दिया, जबकि एक वाहन को थाने ले आया. पुलिस पर यह भी आरोप है कि अर्जुन को रड और बंदुक के बट से मारा, जिससे उनकी मौत हो गई. मौत के बाद शव को ढोढाकोला की तरफ दो किलोमीटर जंगल में शव फेंक दिया गया. वहीं, एसआई सतीश पांडेय ने जेब में रखे 10 हजार रुपये निकाल लिये. पुलिस मुख्यालय ने पुलिस हिरासत में मौत का मामला मान कर इसकी जांच सीआईडी से कराने का निर्देश दिया था. अर्जुन साव की हत्या मामले में डोमचांच थाना में धारा 302, 201, 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.