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सीएम हेमंत सोरेन ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षा, बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा बैठक में भविष्य में बिजली की जरूरतों और मांग का आकलन करने और बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने का भी सीएम ने निर्देश दिया.

CM Hemant Soren review meeting with electricity department
सीएम हेमंत सोरेने
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Published : Jun 26, 2021, 8:48 AM IST

रांची: बिजली आज की आवश्यक जरूरतों में से एक है. समय के साथ बिजली की खपत बढ़ती जा रही है. ऐसे में भविष्य में बिजली की जरूरतों और मांग का आकलन करते हुए बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विभाग समुचित कदम उठाए और लोगों को निर्बाध बिजली मिले इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

CM Hemant Soren review meeting with electricity department
बैठक के दौरान सीएम हेमंत सोरेन

ये भी पढ़ें: ऊर्जा वितरण निगम को बाबूलाल मरांडी ने लिखी चिट्ठी, बिजली बिल में सुधार के दिए सुझाव

ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने का समय आ चुका है. ऐसे में राज्य में सोलर पावर और जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए. हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के लिए सभी जलाशयों का सर्वे करें और उसकी संभावित उत्पादन क्षमता को लेकर कार्य योजना तैयार करें.

सोलर पावर एनर्जी पर जोर
राज्य में सोलर पावर एनर्जी के क्षेत्र में काफी संभावनाओं को देखते हुए इसे विकसित करने पर जोर दिया गया. बैठक में सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए लैंड बैंक बनाने का निर्णय लिया गया. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विभाग को सोलर पावर प्लांट के उत्पादन क्षमता का आकलन करते हुए जमीन की जरूरत का ब्यौरा तैयार करने को कहा है.

राजस्व बढ़ाकर बिजली घाटे को कम करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली से होने वाला घाटा लगातार बढ़ रहा है. इसे पाटने की दिशा में विभाग को कदम उठाना चाहिए. उन्होंने बिजली से राजस्व बढ़ाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए. इस मौके पर विभाग की ओर से बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिजली परिचालन हानि लगभग 2480 करोड़ रुपए रहा है. इसकी वजह कोरोना की वजह से बिजली बिल वसूली का नहीं होना प्रमुख रहा. विभागीय अधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा विभाग को प्रॉफिट मेकिंग बनाने की दिशा में कार्य योजना तैयार की जा रही है. आने वाले दिनों में झारखंड न सिर्फ बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि बिजली से आमदनी करने में भी सक्षम होगा.

ये भी पढ़ें: जब गहरी नींद में थे रांचीवासी, तब बिजली ने की आंख मिचौली, कई घरों के विद्युत उपकरण हो गये डेड

समीक्षा बैठक में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
राज्य में लगने वाले पावर प्लांट्स के राज्य सरकार के साथ इकरारनामे की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके तहत नॉर्थ कर्णपुरा से 500 मेगावाट, पीवीयूएनएल से 2040 मेगावाट, फ्लोटिंग सोलर से 100 मेगावाट और अडानी पावर से 400 मेगावाट बिजली मिल सकेगी.

  1. राज्य में वर्तमान में बिजली की औसतन मांग 2050 मेगावाट है. जबकि अगले पांच सालों में 2900 मेगावाट और आने वाले दस सालों में 3440 मेगावाट बिजली की मांग होगी.
  2. ऊर्जा विभाग ने आनेवाले दिनों में ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को 45 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है.
  3. रांची, जमशेदपुर और धनबाद के शहरी क्षेत्रों में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा. इसके लिए 6.5 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने की प्रक्रिया चल रही है.
  4. राज्य में बिना मीटर वाले अथवा खराब मीटर वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 15 लाख है. यहां सिंगल फेज मीटर लगाने एवं बदलने का काम इस साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.
  5. उपभोक्ताओं की मैपिंग के लिए जीआईएस तकनीक लागू किया जा रहा है, ताकि ऊर्जा मित्र द्वारा की गई विपत्रीकऱण की निगरानी की जा सके.
  6. जरेडा द्वारा देवघर, सिमडेगा, पलामू और गढ़वा में 20-20 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट अधिष्ठापित किया जाएगा. इसके लिए जमीन आवंटन प्राप्त कर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजा गया है.
  7. गिरिडीह जिला को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा.
  8. एयरपोर्ट की खाली पड़ी जमीन पर सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है.

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, निदेशक (ऑपरेशन) केके वर्मा, मुख्य अभियंता विजय कुमार सिन्हा, ऋषि नंदन, श्रीमती अंजना शुक्ला दास और संजय सिंह मौजूद थे.

रांची: बिजली आज की आवश्यक जरूरतों में से एक है. समय के साथ बिजली की खपत बढ़ती जा रही है. ऐसे में भविष्य में बिजली की जरूरतों और मांग का आकलन करते हुए बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विभाग समुचित कदम उठाए और लोगों को निर्बाध बिजली मिले इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

CM Hemant Soren review meeting with electricity department
बैठक के दौरान सीएम हेमंत सोरेन

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ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने का समय आ चुका है. ऐसे में राज्य में सोलर पावर और जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए. हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के लिए सभी जलाशयों का सर्वे करें और उसकी संभावित उत्पादन क्षमता को लेकर कार्य योजना तैयार करें.

सोलर पावर एनर्जी पर जोर
राज्य में सोलर पावर एनर्जी के क्षेत्र में काफी संभावनाओं को देखते हुए इसे विकसित करने पर जोर दिया गया. बैठक में सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए लैंड बैंक बनाने का निर्णय लिया गया. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विभाग को सोलर पावर प्लांट के उत्पादन क्षमता का आकलन करते हुए जमीन की जरूरत का ब्यौरा तैयार करने को कहा है.

राजस्व बढ़ाकर बिजली घाटे को कम करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली से होने वाला घाटा लगातार बढ़ रहा है. इसे पाटने की दिशा में विभाग को कदम उठाना चाहिए. उन्होंने बिजली से राजस्व बढ़ाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए. इस मौके पर विभाग की ओर से बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिजली परिचालन हानि लगभग 2480 करोड़ रुपए रहा है. इसकी वजह कोरोना की वजह से बिजली बिल वसूली का नहीं होना प्रमुख रहा. विभागीय अधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा विभाग को प्रॉफिट मेकिंग बनाने की दिशा में कार्य योजना तैयार की जा रही है. आने वाले दिनों में झारखंड न सिर्फ बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि बिजली से आमदनी करने में भी सक्षम होगा.

ये भी पढ़ें: जब गहरी नींद में थे रांचीवासी, तब बिजली ने की आंख मिचौली, कई घरों के विद्युत उपकरण हो गये डेड

समीक्षा बैठक में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
राज्य में लगने वाले पावर प्लांट्स के राज्य सरकार के साथ इकरारनामे की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके तहत नॉर्थ कर्णपुरा से 500 मेगावाट, पीवीयूएनएल से 2040 मेगावाट, फ्लोटिंग सोलर से 100 मेगावाट और अडानी पावर से 400 मेगावाट बिजली मिल सकेगी.

  1. राज्य में वर्तमान में बिजली की औसतन मांग 2050 मेगावाट है. जबकि अगले पांच सालों में 2900 मेगावाट और आने वाले दस सालों में 3440 मेगावाट बिजली की मांग होगी.
  2. ऊर्जा विभाग ने आनेवाले दिनों में ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को 45 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है.
  3. रांची, जमशेदपुर और धनबाद के शहरी क्षेत्रों में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा. इसके लिए 6.5 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने की प्रक्रिया चल रही है.
  4. राज्य में बिना मीटर वाले अथवा खराब मीटर वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 15 लाख है. यहां सिंगल फेज मीटर लगाने एवं बदलने का काम इस साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.
  5. उपभोक्ताओं की मैपिंग के लिए जीआईएस तकनीक लागू किया जा रहा है, ताकि ऊर्जा मित्र द्वारा की गई विपत्रीकऱण की निगरानी की जा सके.
  6. जरेडा द्वारा देवघर, सिमडेगा, पलामू और गढ़वा में 20-20 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट अधिष्ठापित किया जाएगा. इसके लिए जमीन आवंटन प्राप्त कर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजा गया है.
  7. गिरिडीह जिला को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा.
  8. एयरपोर्ट की खाली पड़ी जमीन पर सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है.

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, निदेशक (ऑपरेशन) केके वर्मा, मुख्य अभियंता विजय कुमार सिन्हा, ऋषि नंदन, श्रीमती अंजना शुक्ला दास और संजय सिंह मौजूद थे.

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