रांची: राजधानी के करमटोली तालाब के पास मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धुमकुड़िया भवन का शिलान्यास किया. इसके निर्माण में डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होंगे. धुमकुड़िया भवन आदिवासियों से जुड़े सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम के लिए बनाया जा रहा है.
धुमकुड़िया भवन का शिलान्यास
धुमकुड़िया भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने पहुंचे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों से सरना समिति की मांग थी कि करमटोली में आदिवासियों के सुविधा के लिए धुमकुड़िया भवन का निर्माण किया जाए. सरना समिति की इस मांग को राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसकी शुरुआत की है. जल्द ही आदिवासियों के संस्कृति धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों को करने के लिए यह भवन तैयार हो जाएगा.
आदिवासियों संस्कृति को बचाने की अपील
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया हमारी संस्कृति भाषा के कारण हमें जानती है. इसलिए राज्य सरकार आदिवासियों की संस्कृति को बचाने के लिए प्रयासरत है और आगे भी रहेगी. वहीं उन्होंने बताया कि पिछले 14 सालों में जितने सरना-मसना स्थल नहीं बने हैं, उससे ज्यादा पिछले 5 सालों में हमारी सरकार ने आदिवासियों के सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए सरना-मसना स्थल का निर्माण किया है.
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राज्य सरकार को दिया धन्यवाद
धुमकुड़िया भवन के शिलान्यास के बाद आदिवासी समुदाय के लोगों में खुशी देखी गई. उन्होंने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास के अलावा नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, धर्मगुरु बंधन तिग्गा, विधायक रामकुमार पाहन, विधायक गंगोत्री कुजूर वार्ड पार्षद रोशनी खलखो, महादेव उरांव सहित आदिवासी समाज के कई गणमान्य मौजूद रहे.